JNU के छात्रों के शांतिपूर्ण प्रदर्शन पर पुलिस का बर्बर हमला, महिला पत्रकार को भी नहीं बख्शा

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अमन गुप्ता  

जेएनयू में 75 फीसदी उपस्थिति की अनिवार्यता और यौन उत्पीड़न के आरोपी शिक्षक के निलम्बन की अपनी मांगों को अहिंसक तरीके से रखने जा रहे जेएनयू के छात्र-छात्राओं को पुलिस प्रशासन की हिंसा झेलनी पड़ी। विरोध प्रदर्शन के लिए 300 से अधिक छात्र-छात्राओं और शिक्षकों की रैली जेएनयू कैंपस से संसद के लिए शुक्रवार शाम पैदल निकली थी, जिसे आइएनए मार्किट क्षेत्र में पुलिस ने बीच में ही रोक लिया। रैली में शामिल लोगों पर न सिर्फ वाटर कैनन से पानी की तेज़ बौछारें डाली गईं, बल्कि उन पर लाठीचार्ज भी किया गया।

 

जेएनयू स्टूडेंट्स यूनियन और जेएनयू टीचर्स असोसिएशन की इस सम्मिलित रैली में शामिल होने के लिए दूसरे विश्वविद्यालयों और दिल्ली के लोगों से भी अपील की गई थी। इस विरोध मार्च के केन्द्र में जेएनयू में 75 फीसदी उपस्थिति, सीटों में कटौती, यूजीसी के हालिया फैसलों के अलावा प्रोफेसर अतुल जौहरी के निलम्बन की मांग अहम मुद्दा था।

 

 

JNU students brutally beaten up, locked up in Defence Colony PS have now been released after medical in AIIMS.

Posted by Pratim Ghosal on Friday, March 23, 2018

इस मामले में नौ छात्राओं ने अलग-अलग शिकायतें की थीं, जिनमें से जौहरी के खिलाफ आठ प्राथमिकी दर्ज की गईं। छात्राओं ने जौहरी पर डिपार्टमेंट ऑफ लाइफ साइंसेज की प्रयोगशाला में यौनाचार करने का आरोप लगाया है। कार्रवाई करने में हो रही देरी को लेकर विद्यार्थियों द्वारा विरोध प्रदर्शन के बाद प्रोफेसर को गिरफ्तार किया गया था, पर बाद में जमानत दे दी गई।

अपनी पैदल रैली के जरिए इन्हीं मुद्दों पर जेएनयू के विद्यार्थी और शिक्षक संसद का ध्यान खींचना चाहते थे और अपनी मांगों को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे थे, लेकिन उन्हें आगे बढ़ने से रोकने के लिए लाठी और पानी की बौछारों का सहारा लिया गया। इस हमले में कई विद्यार्थी घायल हो गए, साथ ही कुछ को हिरासत में भी ले लिया गया। छात्रों का कहना है कि पुलिस ने छात्राओं से अभद्रता भी की है और उनके कपडे फाड़े हैं।

इस दौरान हिंदुस्तान टाइम्स की एक महिला पत्रकार को भी पुलिस ने बर्बरता से पीटा है। ट्विटर पर पोस्ट किये गए एक विडियो में पत्रकार को पुलिस से कहते सुना जा सकता है- कैमरा मत तोडिये प्लीज सर।  उसकी बात को अनसुना कर यह जानते हुए भी कि महिला पत्रकार है, उससे अभद्रता की गयी।

 

हमले के बाद रैली जनसभा में तब्दील हो गई जहाँ सीपीएम की नेता वृंदा करात और आरजेडी के सांसद मनोज झा ने छात्रों को देर शाम संबोधित किया।

 

पुलिस की मार से ज़ख़्मी छात्र दिलीप यादव
राजनीतिक कार्यकर्ता प्रवीण सिंह की कलाई पर पुलिस ने डंडा मार कर हड्डी तोड़ दी

 


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