राम मंदिर चंदे में भ्रष्टाचार, धर्म-आस्था-विश्वास बेचकर मुनाफे की लूट कर रहे भाजपाई: प्रियंका गांधी 

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कांग्रेस महासचिव और उत्तर प्रदेश प्रभारी प्रियंका गांधी ने आज दिल्ली स्थित कांग्रेस मुख्यालय पर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की जिसमें उन्होंने मोदी सरकार को राम मंदिर ट्रस्ट द्वारा खरीदी गई जमीनों में चंदा चोरी के मुद्दे पर घेरते हुए बड़े खुलासे किए। इस कॉन्फ्रेंस में उनके साथ कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला भी शामिल थे। प्रियंका ने आरोप लगाते है कि भाजपाई नेता धर्म-आस्था-विश्वास को बेच कर मुनाफे की लूट में लगे हुए हैं।

उन्होंने कहा कि देश के हर एक इंसान चाहे गरीब परिवार ही क्यों न हो। सब ने इस ट्रस्ट में चंदा दिया है और इसके साथ ही चंदा इकट्ठा करने के लिए एक अभियान भी चलाया गया था घर-घर जा कर चंदा इकट्ठा किया गया। सब ने अपनी आस्था से चंदा दिया है। प्रियंका ने आरोप लगाते हुए कहा कि आज सबकी आस्था पर चोट पहुंचाई जा रही है।

दलितों की जमीन जो खरीदी नहीं जा सकती थी वह खरीदी गई…

उन्होंने इस घोटाले में तीन चीजों का उल्लेख करते हुए कहा, पहला दलितों की जमीन जो खरीदी नहीं जा सकती थी वह खरीदी गई, हड़पी गई है। दूसरा कुछ ऐसी जमीन है जो कम दाम की थी, लेकिन ट्रस्ट को बहुत अधिक दाम में पैसा कमाने के लिए बेची गई है। प्रियंका ने कहा इसका मतलब साफ है कि जो चंदे का पैसा है उसके साथ घोटाला भ्रष्टाचार किया गया। आगे प्रियंका ने तीसरा प्वाइंट बताते हुए एक उदाहरण दिया और बताया कि एक जमीन 2017 में दो करोड़ की किसी ने खरीदी, उस जमीन का 10 हज़ार वर्ग मीटर 2021 में 8 करोड़ में ट्रस्ट को बेचेगा गए। उसी जमीन का 12 हज़ार वर्ग मीटर का दूसरा है हिसाब किसी रवि मोहन तिवारी जी को दो करोड़ में बेचा गया। वो भी ट्रस्ट के खरीदने के सिर्फ 19 मिनट बाद ही दो करोड़ में तिवारी जी को बेचा गया गया है।

रवी मोहन तिवारी जी की सेल डीड में यानी जिसके जरिए वह जमीन खरीद रहे हैं। उसमे अनिल मिश्रा, जो RSS के सर संचालक और राम मंदिर ट्रस्ट के ट्रस्टी हैं वह गवाह है। वहीं, इसमें दूसरे गवाह ऋषिकेश उपाध्याय जो अयोध्या के मेयर हैं। 5 मिनट बाद रवी मोहन तिवारी जी ने उसी दो करोड़ की जमीन को साढ़े 18 करोड़ में ट्रस्ट को बेच दिया हैं। यह सारे खुलासे करते हुए प्रियंका ने सवाल किया कि अगर यह घोटाला नहीं है भ्रष्टाचार नहीं है तो और क्या है? क्योंकि दोनो खरीद में ही गवाह राम मंदिर के ट्रस्टी है।

यूपी सरकार की मामले को टालने की साजिश…

प्रियंका ने उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा राम मंदिर घोटाले की जांच के निर्देश पर तंज कसते हुए कहा कि कल उत्तर प्रदेश सरकार ने कहा था कि जांच नियुक्त कर रहे हैं और जिला अधिकारी के लेवल के अधिकारी जांच कर रहे हैं। मतलब जिलाधिकारी स्तर पर या जांच हो रही है। जिलाधिकारी के स्तर का इंसान मेयर की कैसे जांच करेगा? यह हो ही नही सकता यह तो सभी जानते हैं। क्योंकि इतने बड़े पद पर बैठे मेयर की जांच एक जिलाधिकारी कैसे कर सकता है? यह यूपी सरकार की मामले को टालने की साजिश है। प्रियंका ने कहा, राम मंदिर ट्रस्ट को उच्च न्यायालय के आदेश के आधार पर बनाया गया था तो यह जांच भी उच्च न्यायालय द्वारा ही होनी चाहिए।

राम मंदिर के आस-पास की जमीन पर लूट लगी हुई है..

प्रियंका ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि राम मंदिर के आस-पास जितनी भी जमीन है उस पर लूट लगी हुई है। भाजपा के जो नेता, पदाधिकारी, सरकारी अधिकारी हैं। वह श्री योगी आदित्यनाथ जी की सरकार की सब लूट में मिले हुए है। आगे प्रियंका ने कहा कि या एक ही मिसाल है। लेकिन वहां पर कितनी जमीन है कितने हजारों का घोटाला किया जा रहा है यह नहीं मालूम।

यह लोग देश की आस्था को ठुकरा रहे हैं उस पर चोट पहुंचा रहे..

प्रियंका ने कहा, भगवान राम मर्यादा नैतिकता के प्रतीक थे। सत्य के पथ पर चलने के लिए तैयार उन्होंने कितना बड़ा बलिदान दिया किस लिए? क्योंकि उन्होंने सत्य के पथ पर चलने का निर्णय लिया था अब उनके नाम पर भी आप भ्रष्टाचार कर रहे हैं पूरे देश की आस्था को ठुकरा रहे हैं उस पर चोट पहुंचा रहे हैं यह बहुत गंभीर बात है।

राम के नाम पर प्रॉपर्टी डीलर और भाजपाई नेता लूट कर रहे..

प्रियंका के बाद कोंग्रेस नेता सुरजेवाला ने इस मुद्दे को और तफसील से बताते हुए कहा, प्रियंका गांधी ने जो बताता यह अपने आप में राम के नाम पर प्रॉपर्टी डीलर और भाजपाई नेता कैसे लूट कर रहें हैं यह उसका जीता जाता सबूत हैं।उन्होंने बताया 15 नवंबर, 2017 को हवेली अवध, बाग बिजैसी, अयोध्या की 2.334 हैक्टेयर ज़मीन को महज़ूज़ आलम इत्यादि द्वारा भगोड़े अपराधी हरीश कुमार पाठक उर्फ बाबा हरीदास व उसकी पत्नी, श्रीमती कुसुम पाठक को 2 करोड़ में बेचा गया। कांग्रेस द्वारा सभी खरीद का रजिस्टर्ड सेल डीड की कॉपी जारी की गई है। उन्होंने बताया कि 22 अप्रैल 2018 को इस जमीन पर FIR भी दर्ज की गई। वह भी राम जन्मभूमि पुलिस स्टेशन जिला अयोध्या में की यह जमीन बेची नहीं जा सकती क्योंकि यह निजी नहीं है। यूपी पुलिस ने खुद FIR दर्ज की है।

5 मिंट बाद 2 करोड़ की ज़मीन 18.5 करोड़ में बेची गई..

सुरजेवाला ने बताया कि 18 मार्च, 2021 को शाम 6:51 बजे उपरोक्त में से 10,370 वर्गमीटर ज़मीन 8 करोड़ में श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट, मार्फ़त सेक्रेटरी, श्री चंपत राय को बेच दी गई। इस रजिस्टर्ड सेल डीड में अनिल मिश्रा व ऋषिकेश उपाध्याय गवाह हैं। इसी बाबा हरीदास उर्फ हरीश पाठक व उसकी पत्नी, कुसुम पाठक ने 18 मार्च, 2021 को ही शाम के 7:10 बजे इसमें से 12 हज़ार 80 वर्गमीटर ज़मीन रजिस्टर्ड सेल डीड से रवि मोहन तिवारी व सुल्तान अंसारी को 2 करोड़ में बेच दी। उसी समय पाँच मिनट के बाद यानि 18 मार्च, 2021 को शाम 7:15 बजे यही 12 हज़ार 80 वर्गमीटर ज़मीन रवि मोहन तिवारी व सुल्तान अंसारी द्वारा श्री रामजन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट मार्फ़त सेक्रेटरी, श्री चंपत राय को 18.5 करोड़ में बेच दी गई।

पांच बजे के बाद कौन सी तहसील का कार्यालय खुलता है?

कांग्रेस नेता सुरजेवाला ने कहा कि ट्रस्ट 10000 वर्ग मीटर 8 करोड़ में खरीद रही है पर उसके 19 मिनट के बाद ही एक प्राइवेट व्यक्ति वही जमीन का दूसरा हिस्सा जो उससे भी बड़ा है वह दो करोड़ में खरीद रहा है और बड़ी बात यह है कि उस पर ट्रस्टी साइन कर रहा है। साफ है कि ट्रस्ट को पता है। इस सबके 5 मिनट के बाद इसी राम मंदिर की जमीन को साडे 18 करोड़ में खरीदा जाता है। उपरोक्त दोनों रजिस्टर्ड सेल डीड में भी श्री अनिल मिश्रा व श्री ऋषिकेश उपाध्याय गवाह हैं। सुरजेवाला ने कहा, यह दुनिया की सबसे जल्दी महंगी होने वाली जमीन है क्योंकि यह 5 लाख 50 हज़ार रुपए प्रति सेकंड से बढ़ रही थी। सबसे बड़ी बात यह है कि 5:00 बजे के बाद कौन सी तहसील का कार्यालय खुलता है क्योंकि जमीन की सारी रजिस्ट्री पांच के बाद ही हो रही है।

80 दिन में ही ज़मीन की कीमत 1250 प्रतिशत बढ़ गई..

कांग्रेस नेता सुरजेवाला ने कहा किजब इस जमीन पर FIR थी तो उसे बेचा है कैसे जा सकता है? यह सब बहुत बड़ा घोटाला है। उन्होंने बताया कि अयोध्या मेयर उपाध्याय के भतीजे हैं जो भाजपा के आईटी सेल के नेता भी हैं उनका प्रोफाइल रिलीज करते हुए उन्होंने कहा उनका नाम दीप नारायण उपाध्याय है। 20 फरवरी, 2021 को दीप नारायण ने अयोध्या में हवेली अवध के नाम से 890 वर्गमीटर भूमि 20 लाख में खरीदी। यानि भूमि का खरीद रेट 2,247 प्रति वर्गमीटर है, जबकि सेल डीड के मुताबिक भूमि का कलेक्टर रेट 4,000 प्रति वर्गमीटर है। 79 दिन के बाद यानि 11 मई, 2021 को भाजपा नेता, दीप नारायण ने यह भूमि श्री राम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र मार्फत चंपतराय को ढाई करोड़ रु. में बेच दी। यानि भूमि का खरीद रेट 28,090 रुपए प्रति वर्गमीटर है, जबकि सेल डीड के मुताबिक भूमि का कलेक्टर रेट 4,000 रुपए. प्रति वर्गमीटर है। 80 दिन में ही ज़मीन की कीमत 1250 प्रतिशत बढ़ गई।

2247 रुपया प्रति वर्गमीटर के भाव की ज़मीन को 28,090 प्रति वर्गमीटर में भेजी..

कांग्रेस नेता सुरजेवाला ने कहा कि जो ज़मीन भाजपा नेता दीप नारायण द्वारा 2247 रुपया प्रति वर्गमीटर के भाव से खरीदी गई, वही ज़मीन 80 दिन में राम मंदिर निर्माण ट्रस्ट को 28,090 प्रति वर्गमीटर के हिसाब से बेच दी गई। यह अपने आप में सनसनीखेज़ घोटाला नहीं, तो और क्या है? वहीं भाजपाई नेता दीप नारायण ने उपहार में मुफ्त में 676 वर्गमीटर ज़मीन ली और नौ महीने में राम मंदिर निर्माण ट्रस्ट को 2 करोड़ में बेची। इसकी सेल डीड भी तहसील की रजिस्ट्री का समय खत्म होने के बाद शाम को 7:30 बजे रजिस्टर करवाया गया।

अनिल मिश्रा को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा राम मंदिर निर्माण ट्रस्ट का सदस्य बनाया गया..

प्रधानमंत्री मोदी व मुख्यमंत्री आदित्य नाथ राम मंदिर निर्माण में चंदे की इस लूट पर चुप क्यों हैं? क्या राम मंदिर निर्माण में ‘‘चंदाचोरी’’ की जाँच होगी और क्या दोषियों को सजा मिलेगी? क्या राम मंदिर ट्रस्ट के सचिव, श्री चंपतराय व ट्रस्टी, श्री अनिल मिश्रा की जाँच होगा? क्या अयोध्या के भाजापाई मेयर, भाजपाई विधायकों व इनके नेताओं की जाँच होगी? क्या सुप्रीम कोर्ट राम मंदिर निर्माण ट्रस्ट में हो रही चंदे की हेराफेरी का संज्ञान लेगा? तीनों ही रजिस्टर्ड डॉक्युमेंट्स पर श्री अनिल मिश्रा व श्री ऋषिकेश उपाध्याय गवाह हैं। बता दें कि श्री अनिल मिश्रा श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के ट्रस्टी भी हैं व राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के पूर्व प्रांत कार्यवाहक तथा राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के आजीवन सदस्य हैं। इन्हें प्रधानमंत्री, श्री नरेंद्र मोदी द्वारा राम मंदिर निर्माण ट्रस्ट का सदस्य बनाया गया है। श्री ऋषिकेश उपाध्याय अयोध्या के मेयर भी हैं और प्रमुख भाजपा नेता भी, जो प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के नजदीकी हैं।