कर्नाटक में बढ़ता हिजाब पर विवाद, जानें क्या कहता संविधान

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कर्नाटक के उडुपी जिले में एक स्कूल में हिजाब पर पाबंदी लगाने के बाद विवाद काफी बढ़ गया। धीरे-धीरे यह विवाद राज्य के अन्य कॉलेजों में भी फैल गया। ऐसे में सवाल ये उठता है कि संविधान में इसको लेकर क्या कहा गया है।

संविधान का अनुच्छेद 25 (1) “अंतरात्मा की स्वतंत्रता, धर्म को मानने, अभ्यास करने और प्रचार करने के लिए स्वतंत्र रूप से अधिकार” की गारंटी देता है। यह एक ऐसा अधिकार है जो नकारात्मक स्वतंत्रता की गारंटी देता है- जिसका अर्थ है कि राज्य यह सुनिश्चित करेगा कि इस स्वतंत्रता का प्रयोग करने में कोई हस्तक्षेप या बाधा न हो।

कोर्ट में भी कई मुद्दे आए..

2015 में, केरल उच्च न्यायालय के समक्ष कम से कम दो याचिकाएं दायर की गई थीं, जिसमें अखिल भारतीय प्री-मेडिकल प्रवेश के लिए ड्रेस कोड के नियम को चुनौती दी गई थी। इस पर कोर्ट ने सीबीएसई के तर्क को स्वीकार किया कि नियम केवल यह सुनिश्चित करने के लिए था कि कैंडिडेट कपड़ों के भीतर वस्तुओं को छुपाकर अनुचित तरीकों का इस्तेमाल नहीं करेंगे। कोर्ट ने सीबीएसई को उन छात्रों की जांच के लिए अतिरिक्त उपाय करने का निर्देश दिया जो “अपने धार्मिक रिवाज के अनुसार पोशाक पहनने का इरादा रखते हैं, लेकिन ड्रेस कोड के विपरीत है।”


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