कांग्रेस का मिशन यूपी: राजीव जयंती पर संविधान की शपथ, तीन दिन में 30 हज़ार गाँवों में संपर्क


जय भारत महासंपर्क अभियान के दौरान प्रवास पर गए नेता और कार्यकर्ता गांवों में विभिन्न तरह के कार्यक्रमों को आयोजित करेंगे। मसलन कि हर नेता और कार्यकर्ता को गांवों में श्रमदान करना होगा। 20 अगस्त को सद्भावना दिवस के रूप में स्व राजीव गांधी की जयंती मनाई जाएगी। स्व राजीव गांधी की जयंती पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं द्वारा संविधान की शपथ चिन्हित गांवों में दोहराई जाएगी।


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उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी स्वतन्त्रता दिवस की 75वीं वर्षगाँठ पर 30 हज़ार गांवों और वार्डों में महासंपर्क अभियान चलाएगी। तीन दिन के प्रवास में कांग्रेस के नेता और कार्यकर्ता 90 लाख लोगों से सीधा संपर्क करेंगे।

कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि पिछले दिनों हमने भाजपा के जंगलराज, किसान विरोधी नीतियों, बढ़ती महंगाई, महिला सुरक्षा के सवाल पर पार्टी ने हर विधानसभा में ‘भाजपा गद्दी छोड़ो’ मार्च किया। इस नकारा और निकम्मी सरकार से हम प्रदेश की जनता को आज़ाद करके ही दम लेंगे।

प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने बताया कि आजादी की 75वीं वर्षगाँठ कांग्रेस पार्टी बड़े धूमधाम से मनाएगी। स्वतन्त्रता आंदोलन में कांग्रेस का इतिहास बलिदानों और त्याग का रहा है। महासचिव श्रीमती प्रियंका गांधी के निर्देश पर इस उपलक्ष्य में हमारी पार्टी के सभी वरिष्ठ नेता और कार्यकर्ता 75 घंटे मे चिन्हित 30 हज़ार ग्राम सभाओं और वार्डों में प्रवास पर होंगे।  उन्होंने 19 अगस्त से चलने वाले जय भारत महासंपर्क अभियान के बारे में बताया कि इस अभियान के दौरान 90 लाख लोगों से हमारे नेता और कार्यकर्ता सीधे संपर्क करेंगे।

जय भारत महासंपर्क अभियान के दौरान प्रवास पर गए नेता और कार्यकर्ता गांवों में विभिन्न तरह के कार्यक्रमों को आयोजित करेंगे। मसलन कि हर नेता और कार्यकर्ता को गांवों में श्रमदान करना होगा। 20 अगस्त को सद्भावना दिवस के रूप में स्व राजीव गांधी की जयंती मनाई जाएगी। स्व राजीव गांधी की जयंती पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं द्वारा संविधान की शपथ चिन्हित गांवों में दोहराई जाएगी।

इस महासंपर्क अभियान में स्वतंत्रता सेनानियों, उनके परिजनों और वरिष्ठ नागरिकों को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया जाएगा। साथ ही साथ इस महासम्पर्क के दौरान मेरा देश- मेरा गांव कार्यक्रम के जरिये ग्रामीण जीवन की समस्याओं, खेती-बाड़ी, मंहगाई, छुट्टा पशुओं की समस्या, बेरोजगारी आदि मसलों संवाद होगा।


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