संसदीय समति करेगी फ़ेसबुक की ‘निष्पक्षता’ की जाँच, आंखी दास पर FIR

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फेसबुक पर बीजेपी के पक्ष में माहौल बनाने का आरोपा लगाने वाले वाल स्ट्रीट जर्नल के रहस्योद्घाटन के बाद भारत में यह मामला बेहद गरमा गया है। फेसबुक की पालिसी हेड आंखी दास के ख़िलाफ़ एफआईआर दर्ज हो गयी है और संसदीय समिति ने जाँच का फैसला किया है।

जानकारी के मुताबिक छत्तीसगढ़ के रायपुर में फेसबुक की पब्लिक पॉलिसी डायरेक्टर आंखिन दास के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। यह एफआईआर पत्रकार आवेश तिवारी की शिकायत पर दर्ज की गयी है। आवेश ने अपनी शिकायत में कहा है कि आंखी दास ने हिंदू-मुसलमानों में द्वेष बढ़ाने के मकसद से घृणा फैलाने के लिए फेसबुक का इस्तेमाल किया। एफआईआर में विवेक सिन्हा और राम साहू का भी नाम है। आवेश तिवारी का आरोप है कि आंखी दास और फेसबुक की कार्यप्रणाली पर लिखी गयी एक पोस्ट के बाद उन्हें मारने की धमकी दी जा रही है। गौरतलब है कि इससे पहले आंखी दास ने दिल्ली में पुलिस को एक शिकायत दी है जिसमें आवेश तिवारी की उसी रिपोर्ट का ज़िक्र है।

दरअसल, यह पूरा मामला शुरू हुआ अमेरिकी अखबार वाल स्ट्रीट जर्नल की एक रिपोर्ट से जिसमें कहा गया है कि आंखी दास ने बीजेपी के तेलंगाना विधायक की हेट स्पीच पर फेसबुक के नियमों के तहत कार्रवाई नहीं होने दी थी। उनका कहना था कि इससे भारत में उसके कारोबारी संभावनाओं पर उल्टा असर पड़ेगा।

इस रिपोर्ट के बाद आवेश तिवारी ने आठ बिंदुओं को उठाते हुए एक रिपोर्ट फेसबुक पर ही लिखी थी। ऐसी ही तमाम पोस्ट और भी लोगों ने लिखीं जो सोशल मीडिया पर वायरल हुईं। यह भी बताया गया कि आंखी दास, बीजेपी और संघ परिवार से जुड़ी हैं और उनकी बहन रश्मि दास जेएनयू में एबीवीपी की अध्यक्ष रह चुकी हैं।

आंखी दास ने इस पर 16 अगस्त को दिल्ली पुलिस की साइबर सेल को अपनी जान पर खतरे का अंदेशा जताते हुए ऑनलाइन शिकायत दर्ज करायी थी, जिसकी जांच हो रही है। इस शिकायत में आवेश तिवारी सहित पांच लोगों का जिक्र है। आवेश तिवारी छत्तीसगढ़ के चर्चित पत्रकार हैं और आजकल स्वराज एक्सप्रेस चैनल के रायपुर ब्यूरो चीफ़ हैं। आवेश का कहना है कि आंखीदास की शिकायत में उनका नाम उन्हें डराने की कोशिश है। आवेश के मुताबिक वह आंखीदास को निजी तौर पर जानते भी नहीं, इसलिए जान से मारने की धमकी देना या यौन उत्पीड़न की बात कहना हास्यास्पद है। आवेश के मुताबिक उन्हें आंखीदास का कच्चा चिट्ठा बताने वाली पोस्ट के बाद खुद लगातार धमकियां दी जा रही हैं। उन्हें जलाने तक की बात कही जा रही है।

बहरहाल, आंखी दास का मामला फेसबुक की साख को बुरी तरह प्रभावित कर गया है। कांग्रेस इस बाबत काफी मुखर है। पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गाँधी ने वाल स्ट्रीट जर्नल के रहस्योद्घाटन के हवाले से आरोप लगया है कि भारत में फेसबुक आरएसएस और बीजेपी के नियंत्रण में है। उधर, सूचना और प्रौद्योगिकी से संबंधित संसद की स्थायी समिति ने फैसला किया है कि फेसबुक द्वारा बीजेपी से जुड़े पेजों की तरफ पक्षपात के आरोप की जांच होगी। इस समिति के अध्यक्ष और कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा है कि इस बाबत फेसबुक से जवाब मांगा जाएगा।

 

इस बीच फेसबुक ने सफाई दी है। फेसबुक ने अपने बयान में कहा है कि “कंपनी नफरत और हिंसा फैलाने वाली गतिविधियों के खिलाफ है और इस संबंध में अपने नीतियों को लागू करने के लिए किसी व्यक्ति के राजनीतिक झुकाव या किसी राजनीतिक दल से संबंध की परवाह नहीं करती।”

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