‘बेटी पढ़ाओ’ का नारा देने वाली BJP ने LU में रुकवाया पूजा शुक्ला का रिजल्ट, छात्र नेता अनशन पर

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लखनऊ युनिवर्सिटी की तेज़तर्रार समाजवादी छात्र नेता पूजा शुक्‍ला प्रवेश परीक्षा में अपना परिणाम जारी न किए जाने के खिलाफ भूख हड़ताल पर चली गई हैं। ध्‍यान रहे कि 2017 में उन्‍होंने योगी आदित्‍यनाथ को काले झंडे दिखाए थे जिसके बाद उन्हें करीब एक महीने की कैद झेलनी पड़ी थी।

शुक्‍ला ने 2016 में युनिवर्सिटी से स्‍नातक किया था और 4 जून को उन्‍होंने स्‍नातकोत्‍तर की प्रवेश परीक्षा दी थी। जब 28 जून को परीक्षा के परिणाम जारी हुए तो वेबसाइट पर उनका नाम गायब पाया गया। परीक्षा नियंत्रक से पता करने पर उन्‍हें मालूम पड़ा कि उनके नतीजे रोकने के आदेश ”ऊपर” से आए थे।

टूसर्कल की खबर के मुताबिक शुक्‍ला का कहना है कि युनिवर्सिटी की नीति है कि वह उन छात्रों को भी परिणाम दिखाती है जिन्‍हें मेरिट लिस्‍ट में शून्‍य अंक आए होते हैं। ऐसे में शुक्‍ला का नतीजा जारी न करना युनिवर्सिटी की अपनी ही नीति का उल्‍लंघन है।

पूजा शुक्‍ला ने इस संबंध में युनिवर्सिटी का पक्ष जानने के लिए एक लिखित नोटिस की मांग की थी और कहा था कि यदि उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो वे सोमवार से अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर चली जाएंगी। सोमवार को उन्‍होंने ऐसा ही किया।

अकेले शुक्‍ला का ही नहीं, बल्कि कोई 30 छात्रों के नतीजे रोके गए हैं जिन्‍होंने अलग-अलग पाठ्यक्रमों में दाखिले के लिए परीक्षा दी थी। शुक्‍ला इस संबंध में पांच छात्रों का प्रतिनिधिमंडल लेकर विश्‍वविद्यालय के कुलपति प्रो. एसपी सिंह से मिलने गई थीं। सिंह ने छात्रों को बताया कि मुख्‍यमंत्री का विरोध करने के चलते उनके परीक्षा परिणाम रोके गए हैं। ऐसा इसके बावजूद है कि जब पूजा ने पिछले साल योगी आदित्‍यनाथ को काले झंडे दिखाए थे उस वक्‍त वे छात्र के रूप में युनिवर्सिटी में पंजीकृत नहीं थीं।

अपने फेसकबुक पेज पर उन्‍होंने एक वीडियो पोस्ट किया है:

 

 


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