क्रोनोलॉजी समझिए: भाजपा नेता की फेक न्यूज़ ट्वीट- पुलिस का खंडन- फ़ेक न्यूज़ डिलीट- खंडन डिलीट 

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2019 के दिल्ली विधानसभा चुनाव में भी बेधड़क, हेट स्पीच और विवादित बयान देने वाले भाजपा सांसद परवेश साहिब सिंह वर्मा ने अल्पसंख्यकों के प्रति नफ़रत फ़ैलाने वाला एक पुराना वीडियो ट्वीट किया। भाजपा सांसद ने ट्विटर पर एक वीडियो पोस्ट करते हुए लिखा था कि कोई भी धर्म कोरोना वायरस के चलते इन हरकतों की इज़ाज़त देता है ? लॉकडाउन और सोशल डिस्टेंसिंग की पूर्ण धज्जियां उड़ा दीं। जिन मौलवियों की तनख्वाहें बढ़ा रहे थे अरविंद केजरीवाल उनकी तनख्वाहें काट दो ये हरकतें अपने आप रुक जाएंगी या आपने दिल्ली को नष्ट करने की कसम खा ली है ?

परवेश साहिब सिंह वर्मा का ट्वीट 

वीडियो शेयर करने के बाद, ट्विटर पर विवाद मच गया। लोगों ने दिल्ली पुलिस को मेंशन किया तो दिल्ली पुलिस ने वीडियो का खंडन करते हुए, ट्वीट किया कि ये ग़लत खबर है, पुरानी वीडियो को दुर्भावनापूर्ण तरीके से अफ़वाह फ़ैलाने के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है। कृपया पोस्ट करने और अफ़वाह फ़ैलाने से पहले वेरीफाई/सत्यापित कर लें। 

दिल्ली पुलिस का खंडन

प्रवेश वर्मा ने पुलिस द्वारा ट्वीट के खंडन किये जाने के बाद अपना ट्वीट हटा दिया लेकिन तब तक शेयर किये गए वीडियो को 17 हज़ार बार देखा जा चुका था और 4 सौ से ज़्यादा बार ये ट्वीट रिट्वीट किया जा चुका था। प्रवेश वर्मा ने तो ट्वीट डिलीट किया ही उसके पहले कुछ और हो गया..

हुआ ये कि दिल्ली पुलिस के ट्विटर हैंडल डीसीपी ईस्ट दिल्ली के द्वारा खंडन किये जाने वाला ट्वीट भी, भाजपा सांसद के ट्वीट डिलीट किये जाने के पहले ही हटा दिया गया था। न जाने किस दबाव में दिल्ली पुलिस ने अपना ट्वीट डिलीट कर दिया। लेकिन जैसा कि हम कहते हैं कि इंटरनेट पर कभी भी-कुछ भी नहीं ख़त्म नहीं होता। तो जैसे कई लोगों के पास, परवेश वर्मा के ट्वीट का स्क्रीनशॉट मौजूद था, दिल्ली पुलिस का ट्वीट भी स्क्रीनशॉट के रूप में सुरक्षित है। भाजपा सांसद को मेंशन करके किया गया खंडन वाला ट्वीट भी… 

केंद्र में सत्ताधारी पार्टी के कई नेता अक्सर अपने सोशल मीडिया हैंडल से ग़लत ख़बरें फ़ैला देते हैं। उनका पुलिस या कोई और खंडन भी कर देता है लेकिन गलत खबरों को फ़ैलाने का सिलसिला थमता नज़र नहीं आ रहा है। अल्पसंख्यकों के प्रति बदनीयती के मकसद से गलत और भ्रामक ख़बरें फैलाने को लेकर भी काश पुलिस उतनी ही सक्रिय होती, जितनी कि नेताओं और प्रभावशाली लोगों के ख़िलाफ़ कोई ट्वीट होने पर हो जाती है, तो शायद अब तक नफ़रत भरी अफ़वाहों का ये धंधा ख़त्म हो चुका होता। ज़्यादा अफ़सोस की बात ये है कि परवेश वर्मा की ये फ़र्ज़ी ट्वीट से अब तक न जाने कितने व्हाट्सएप्प ग्रुप और फेसबुक पेज पर ये वीडियो शेयर हो चुकी होगी।


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