किसानों पर सरकार के ज़ुल्म से दु:खी बाबा राम सिंह ने कुंडली बॉर्डर पर ख़ुदकुशी की

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किसान आंदोलन के समर्थन में कुंडली बार्डर पर बैठे एक संत ने ख़ुदकुशी कर ली। बाबा राम सिंह ने किसान आंदोलन  पर सरकार के रवैये की कड़ी निंदा करते हुए आज शाम खुद को गोली मार ली।

बाबा राम सिंह ने अपने सुसाइड नोट में लिखा –

“किसानों का दुख देखा। अपना हक़ लेने के लिए सड़कों पर रो रहे हैं। दिल बहुत दुखी हुआ। सरकार न्याय नहीं दे रही। ज़ुल्म है। ज़ुल्म करना पाप है और जुल्म सहना भी पाप है। किसी ने किसानों के हक़ में और ज़ुल्म के ख़िलाफ़ कुछ किया, किसी ने कुछ किया। कइयों ने सम्मान वापस किये, पुरस्कार वापस करके रोष जताया…यह ज़ुल्म के ख़िलाफ़ आवाज है और मज़दूर किसान के हक़ में आवाज़ है।”

 

संत बाबा राम सिंह करनाल के नानकसर गुरुद्वारा साहब से थे। आज शाम हुई इस घटना से सनसनी फैल गयी है। आक्रोश फैलने की आशंका को देखते हुए प्रशासन सतर्क हो गया है।