अखिलेश का BJP पर तंज: भाजपा को लाल टोपी का डर, भारतीय संस्कृति का राग जपने वालों को नहीं पता हनुमानजी का है लाल रंग!

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इन दिनों देश की राजनीति में ताज़ा मुद्दा लाल टोपी बनी हुई है। टोपी “पहनने” और “पहनाने” वाले नेता ही टोपी को लेकर एक दूसरे पर तंज कसते नज़र आ रहे हैं। अपने कार्यकाल में किए अपने कामों को जनता के सामने पेश करने के बजाए प्रधानमंत्री विपक्ष की टोपी पर बात कर रहे हैं। हाल ही में प्रधानमंत्री ने अखिलेश यादव की लाल थोपी को रेड अलर्ट बताया। तब से ही आए दिन यह मुद्दा समुंद्र की लहर की तरह राजनीतिक गलियारे में उछाल मार रहा है। वहीं, अब सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इसे लेकर भाजपा पर हमला करते हुए कहा है कि भाजपा नेताओं को लाल टोपी का डर सता रहा है।

लाल रंग हनुमानजी का है…

सपा अध्यक्ष ने कहा कि लाल टोपी का डर भाजपा नेताओं को सता रहा है। वे अपने राजनीतिक अस्तित्व को खतरे में महसूस कर रहे हैं। बीजेपी की लाल बत्ती गुल होने वाली है। इस सच्चाई से भाजपा भली-भांति परिचित है। यही वजह है कि उन्होंने समाजवादी पार्टी पर बेबुनियाद आरोप लगाना शुरू कर दिया है। उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति के राग का जाप करने वाले भाजपा नेताओं को यह नहीं पता कि लाल रंग हनुमानजी का है। लाल रंग जीवन में बदलाव और खुशियों का प्रतीक है। लेकिन बीजेपी इसे समझने को तैयार नहीं है। उनकी नीतियां नफरत फैलाने वाली हैं। उन्होंने कहा लोकतंत्र में सत्ताशीर्ष से विपक्षी नेताओं के खिलाफ अभद्र भाषा का प्रयोग कर व्यक्तिगत आरोप लगाना अवांछनीय है।

Bjp ने चुनावी संकल्प पत्र में किए वादों को कूड़े में फेंक दिया…

अखिलेश ने भाजपा के वादों का ज़िक्र करते हुए कहा, भाजपा नेताओं का देश की भावनाओं से कोई लेना-देना नहीं है। किसानों और युवाओं की समस्याओं के प्रति उनका रवैया उपेक्षापूर्ण है। उन्होंने कहा, रोजगार के झूठे आंकड़ों से युवाओं को गुमराह किया जा रहा है। भाजपा किसानों से किए वादे भूल चुकी है। इतना ही नहीं उन्होंने अपने चुनावी संकल्प पत्र में किए वादों को भी कूड़ेदान में फेंक दिया है। संसदीय जनतंत्र में पार्टी और व्यक्ति को भाषा और व्यवहार की मर्यादा से जाना जाता है। भाजपा नेतृत्व में भाषा का संयम खोता जा रहा है। उनका आचरण भी हद पार करता नज़र आ आने लगा है।


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