JNU: विश्व के 250 शिक्षाविदों ने की VC के इस्तीफे की मांग, JNUSU का सिटीजन मार्च जारी

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बीते 5 जनवरी को नकाबपोश गुंडों द्वारा जेएनयू के छात्रों और शिक्षकों पर जानलेवा हमले के बाद जहां देशभर छात्र जेएनयू के समर्थन में उतर आये हैं वहीं देश के बाहर भी इस हमले को लेकर भारत सरकार, और जेएनयू प्रशासन के ऊपर दबाव बन रहा है. जेएनयू पर हमले के बाद विश्व के विभिन्न देशों के 250 वरिष्ठ शिक्षाविदों और विश्वविद्यालय प्रशासकों ने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के कुलपति एम. जगदीश कुमार से तत्काल इस्तीफे देने की मांग की है. 

इस मांग पर हस्ताक्षर करने वालों में अमेरिका, कनाडा, यूके, जर्मनी, नॉर्वे, फ्रांस, इटली, डेनमार्क, ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण अफ्रीका, आयरलैंड, चिली, मैक्सिको, अर्जेंटीना, ताइवान, ग्रीस, स्विट्जरलैंड, स्वीडन, स्पेन, ब्राजील, पुर्तगाल और न्यूजीलैंड विश्वविद्यालय के शिक्षक और बुद्धिजीवी शामिल हैं.

इन सभी ने जेएनयू पर हमले की निंदा करते हुए कहा है कि सशस्त्र और राजनीति से प्रेरित भीड़ को यूनिवर्सिटी में प्रवेश करने की अनुमति देकर लोकतंत्र के हर मानकों का उल्लंघन किया गया है. सत्ता की मनमानी शक्ति प्रयोग से छात्रों और शिक्षकों को बचाना यूनिवर्सिटी प्रशासन का दायित्व है , जिसका उल्लंघन हुआ है.

दिल्ली में छात्रों की रैली 

इधर दिल्ली में आज जेएनयू के छात्रों ने विशाल मंडी हाउस से मानव संसाधन विकास मंत्रालय (एमएचआरडी) तक सिटीजन मार्च का आयोजन किया. इस मार्च का नारा है-“वीसी हटाओ, जेएनयू बचाओ”.

छात्रों ने इस मार्च का आयोजन फीस बढ़ोतरी को वापस लेने, वीसी को हटाने और जेएनयू हमला करने वालों को सजा देने और यूनिवर्सिटी पर हमले रोकने की मांगों के साथ किया जा रहा है.

इसमें बड़ी संख्या में जेएनयू टीसर्च और छात्र शामिल हैं. थोड़ी देर पहले जेएनयू के पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार भी शामिल हुए हैं.कन्हैया कुमार ने ट्वीट कर लोगों से मार्च में शामिल होने का अनुरोध किया था.

उन्होंने कहा, “दिल्ली, भारत के छात्रों के साथ एकजुटता दिखाने के लिए अब आपकी बारी है। आइए यूनिवर्सिटी परिसर में हिंसा के खिलाफ और सरकारी शिक्षा के बचाव में मार्च करें. अपने हाथ में पोस्टर लेकर आएं और सभी नागरिकों के लिए दिल में प्यार रखें.”



 


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