EU में 24 देशाें के 154 सांसदों ने CAA के खिलाफ पेश किया प्रस्ताव, चर्चा अगले हफ्ते संभव

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नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ देशव्यापी विरोध प्रदर्शन के बीच अब यूरोपीय संसद में 24 देशों के 154 सदस्यों ने भी भारत के नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ प्रस्ताव प्रस्तुत किया है. इन सभी सदस्यों ने इस कानून को भेदभावपूर्ण और विभाजनकारी करार दिया है. भारत के नागरिकता संशोधन कानून 2019 के खिलाफ प्रस्ताव पारित करने वाले 24 देशों के 154 सदस्यों में डेमोक्रेट्स और सोशलिस्ट्स समूह के सांसद शामिल हैं. इस सप्ताह के शुरुआत में पेश इस प्रस्ताव पर अगले सप्ताह चर्चा शुरू हो सकती है.

 

नेशनल हेराल्ड में प्रकाशित माला जय की रिपोर्ट के अनुसार, 154 यूरोपीय संसद सदस्यों के एक शक्तिशाली समूह ने कहा है कि भारत के नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) के कारण बड़ी संख्या में लोग नागरिकता खोकर राज्यविहीन हो सकते हैं और यह कानून व्यापक मानवीय पीड़ा का कारण बन सकता है. प्रस्ताव में कहा गया है कि यह कानून दुनिया में सबसे बड़ी अराजकता पैदा कर सकती है.

इस प्रस्ताव में अमेरिका का जिक्र करते हुए कहा गया है कि ‘इस कानून के तहत समान सुरक्षा के सिद्धांत पर अमेरिका ने भी सवाल खड़ा किया है.

प्रस्ताव में कहा गया है कि वर्तमान संशोधित नागरिकता कानून सीएए भारतीय संविधान के अनुच्छेद 14 का उल्लंघन करता है. यह कानून भारत के अंतर्राष्ट्रीय दायित्वों और समझौतों का भी उल्लंघन करता है जिसके तहत रंग, नस्ल, वंश और राष्ट्रीय या जातीय आधार पर भेदभाव नहीं किया जा सकता है.

प्रस्ताव में कहा गया है कि भारत सरकार द्वारा पारित नागरिकता संशोधन कानून 2019 मानवाधिकार और राजनीतिक संधियों की अवहेलना करता है.

इस प्रस्ताव में यूरोपीय संघ और उसके सदस्य देशों के सदस्य जो भारत में नियुक्त हैं, उन्हें इस कानून के बारे में सदस्यों की चिंताओं को भारतीय नेताओं और अधिकारियों के समक्ष रखने और उस पर चर्चा करने का आह्वान किया गया है.

गौरतलब है कि भारत के संसद से नागरिकता संशोधन कानून पारित होने के बाद देशभर में इसके खिलाफ आन्दोलन फ़ैल गया है और सरकार लगातार इन आंदोलनों को नजरअंदाज कर इसे लागू करने की जिद पर अड़ी हुई है. जबकि कई राज्य सरकारों ने साफ़ कर दिया है कि अपने यहां इस कानून को लागू नहीं होने देंगे. केरल, पंजाब और राजस्थान विधानसभा में नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ प्रस्ताव पारित हो चुके हैं.


 


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