हर्ष मंदर के परिसरों पर ईडी की छापेमारी से नाराज़ बुद्धिजीवियों ने कहा- डराने की कोशिश कर रही है सरकार!

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भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के पूर्व अधिकारी एवं मानवाधिकार कार्यकर्ता हर्ष मंदर के दिल्ली स्थित परिसरों पर गुरुवार को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने छापेमारी की। ईडी के अधिकारियों ने हर्ष मंदर की अध्यक्षता में चलाए जा रहे दिल्ली के सेंटर ऑफ इक्विटी स्टडीज (सीईएस) के कार्यालयों पर छापेमारी की। इतना ही नहीं उन्होंने वसंत कुंज में उनके निजी आवास पर भी छापा मारा। ईडी ने यह छापेमारी मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़ी जांच के चलते की है। ED द्वारा छापेमारी को लेकर हर्ष मंदर का समर्थन करते हुए कई एक्टिविस्टों, बुद्धिजीवियों समेत विपक्षी नेताओं ने सरकार की तीखी आलोचना की है।

आयकर विभाग ने दक्षिण दिल्ली में स्थापित शेल्टर होम ‘उम्मीद अमन घर’ पर भी लगातार छापेमारी की। जहां पहले से मामला चल रहा था। राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) के रजिस्ट्रार ने शिकायत की थी, जिसमें कहा गया था कि दो गैर सरकारी संगठनों की जांच में एक संस्थान में किशोर न्याय अधिनियम और बाल यौन उत्पीड़न सहित कई अन्य अनियमितताएं पाई गई थीं। हालांकि तब मंदर ने इन आरोपों को ‘‘अनुचित’’ करार दिया था। बता दें कि हर्ष मंदर भारत में नहीं हैं। गुरुवार तड़के ही वह अपनी पत्नी के साथ एक फेलोशिप कार्यक्रम के लिए जर्मनी के लिए रवाना हुए थे। इसके कुछ घंटो बाद ही ईडी ने उनके ठिकानों पर छापेमारी शुरू की।

छापेमारी का हो रहा विरोध..

इस छापेमारी के बाद वकीलों, सामाजिक कार्यकर्ताओं, पत्रकारों, कलाकरों और कई बुद्धिजीवियों सहित 600 से ज़्यादा लोगों ने इसका खुलकर विरोध जताया है। इसमें शैक्षणिक, अधिवक्ता, कार्यकर्ता, सिविल सेवक, लेखक, फिल्म निर्माता, पत्रकार, संगीतकार, विपक्षी नेता,  कलाकार और अन्य उनके समर्थन में आए हैं और एक साझा बयान जारी किया है।

सामूहिक बयान में ये कहा गया है कि ‘‘हम मानवाधिकार और शांति के लिए काम करने वाले कार्यकर्ता को परेशान करने और डराने के लिए इन छापों की निंदा करते हैं। मंदर ने शांति और सौहार्द के लिए काम करने के अलावा कुछ नहीं किया है और लगातार ईमानदारी और सत्यनिष्ठा के उच्च मानकों को बनाए रखा है।’’

आगे बयान में कहा गया कि “पिछले एक साल में, हर्ष मंदर और सीईएस को कई राज्य एजेंसियों द्वारा लगातार उत्पीड़न का शिकार होना पड़ा है। राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) द्वारा झूठे और दुर्भावनापूर्ण आरोपों को दिल्ली बाल अधिकार संरक्षण आयोग (डीसीपीसीआर) द्वारा निश्चित रूप से काउंटर किया गया था, जो एक वैधानिक निकाय है, जिसने दिल्ली उच्च न्यायालय में एक मजबूत हलफनामा दायर किया है।”

समझा बयान में कहा गया कि “CES को आर्थिक अपराध शाखा [Economic Offences Wing (EOW)], और IT विभाग द्वारा भी परेशान किया गया है।  इन सभी प्रतिशोधात्मक प्रयासों ने संयुक्त रूप से धन का विचलन नही दिखाया है। हम हर्ष मंदर और सेंटर फॉर इक्विटी स्टडीज से जुड़े हर व्यक्ति के साथ खड़े हैं। आगे कहा गया कि ईडी और आईटी विभाग द्वारा छापेमारी को वर्तमान सरकार के हर आलोचक को धमकाने, डराने और चुप कराने की कोशिश करने के लिए राज्य संस्थानों के दुरुपयोग की एक सतत श्रृंखला के हिस्से के रूप में देखा जाना चाहिए। “

इस बयान पर हस्ताक्षर करने वालों में इतिहासकार रोमिला थापर, इतिहासकार राजमोहन गांधी,  मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर जूलियो रिबेरो, सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण, योजना आयोग की पूर्व सदस्य डॉक्टर सईदा हमीद, अर्थशास्त्री ज्यां द्रेज, समाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर, पत्रकार प्रांजय गुहा, दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफ़ेसर अपूर्वानंद, वरिष्ठ वकील इंदिरा जयसिंह, कविता कृष्णन, सिटिजन फ़ॉर जस्टिस एंड पीस की सचिव तीस्ता सीतलवाड़ और गैर सरकारी संगठन अनहद की संस्थापक शबनम हाशमी समेत सैकड़ों बुद्धिजीवी शामिल हैं।

जाने माने लोगो ने ट्वीट कर दिया अपना समर्थन…

इसी के साथ हर्ष मंदर के समर्थन में स्वराज इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष और राजनीतिक एक्टिविस्ट योगेंद्र यादव ने सरकार पर ED के छापे से डराने का आरोप लगाते हुए ट्वीट किया। उन्होंने लिखा “इस शासन के खिलाफ खड़े हो जाओ तो आपको ईडी की छापेमारी का सामना करेंगे! कमाल है, सरकार सोचती है कि यह हर्ष मंदर जैसे लोगों को इन छापेमारी से डरा सकती है. हर्ष भाई, आपको और आपके काम को और ताकत मिले.”

मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने भी ट्वीट करते हुए कहा कि, “राष्ट्रीय सलाहकार परिषद के पूर्व सदस्य हर्ष मंदर के घर और दफ्तर पर ईडी का छापा मैं हर्ष मंदर और उनके बच्चों के आवास/कार्यालय पर ईडी के छापे की कड़ी निंदा करता हूं, जब वह और उनकी पत्नी दोनों दिल्ली में नहीं हैं।”

वरिष्ठ वकील और एक्टिविस्ट प्रशांत भूषण ने भी ट्वीट कर कहा “दुर्भावनापूर्ण और अपमानजनक! हम जनहित कार्यकर्ताओं और संगठनों को टारगेट और अक्षम करने के लिए ईडी जैसी एजेंसियों का दुरुपयोग करने का एक व्यवस्थित प्रयास देख रहे हैं”

फिल्म मेकर, लेखिका, अभिनेत्री और एक्टिविस्ट नंदिता दास ने भी हर्ष मंदन के समर्थन में ट्वीट किया कि, “उन्हें व्यक्तिगत रूप से जानने और उनके साथ काम करने के बाद, मैं केवल इतना कह सकती हूं कि यह छापा सब कुछ कहता है। हर्ष मंदर के साथ खड़ी हूं ”

सामाजिक न्याय, मानवाधिकार जैसे विषयों पर संपादकीय भी लिखते है मंदर

मालूम हो कि हर्ष मंदर ने कई पुस्तकें लिखी हैं और सामाजिक कार्यों के अलावा वह सामाजिक न्याय और मानवाधिकार जैसे विषयों पर समाचार पत्रों में संपादकीय भी लिखते हैं। मंदर गुरुवार सुबह ही अपनी पत्नी के साथ जर्मनी रवाना हुए थे। जर्मनी में वो रॉबर्ट बॉश अकादमी के निमंत्रण पर प्रतिष्ठित रिचर्ड वॉन वीज़सैकर फैलोशिप में शामिल होने के लिए गए हैं।

वहीं इससे पहले 15 सितंबर को आयकर विभाग ने मुंबई और लखनऊ में फ़िल्म अभिनेता सोनू सूद से जुड़े छह ठिकानों पर छापे मारे। सूद के खिलाफ छापों को हाल ही में उनके दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के साथ मंच साझा करने से जोड़ कर देखा जा रहा है। इसी तरह हाल ही में न्यूजक्लिक और न्यूजलॉन्ड्री के दफ्तरों पर भी आयकर विभाग की ओर से छापे मारे गए थे।