कोरबाः पत्रकारों के साथ अपने राजस्व मंत्री की दबंगई का संज्ञान कब लेंगे CM?

अंकुर तिवारी
मीडिया Published On :


कोरबा। “तुम लोग मेरे पास मत आना… ये दलाली छोड़… और जो करना है कर लो… अपने सेठ को बता देना… मेरा कोई कुछ नहीं कर पाएगा… समय बदलेगा… सबको देख लूँगा…”!
ये वक्तव्य है छत्तीसगढ़ के राजस्व मंत्री का। राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल एक बार फिर सुर्खियों में है। मंत्री जी इस बार छठ को लेकर बाइट देने के मामले पर पत्रकार से भिड़ गए। मौका छठ महापर्व पर अर्घ्य देने के वक्त का है।
इस दौरान कोरबा के पुरानी बस्ती घाट में मंत्री जयसिंह अग्रवाल पहुंचे हुए थे। यहां उनसे एक क्षेत्रीय चैनल के पत्रकार ने उनसे छठ के संबंध में बाइट देने का आग्रह किया, इससे पहले युवा पत्रकार का कैमरा रेडी होता, मंत्री अपने स्वभाव के मुताबिक भड़क उठे और पत्रकार को भला-बुरा कहने लगे। पत्रकार भी ऐसे में कहां चुप बैठने वाला था उसने मंत्री को उन्हीं के अंदाज में जवाब दे दिया। इसके बाद मंत्री दुबारा न मिलने की बात कहते चलते बने।
मंत्री के रवैये को लेकर कोरबा के पत्रकारों में खासी नाराज़गी देखी जा रही है। प्रेस क्लब के पदाधिकारियों ने भी मंत्री के आचरण की निंदा की है। कल सुबह इसी मसले पर कोरबा प्रेस क्लब में एक अहम बैठक आयोजित की जानी है। भविष्य में पत्रकारों की सुरक्षा व सम्मान को लेकर आगे की ठोस रणनीति बैठक में तैयार की जानी है। इस मामले ने भाजपा नेताओं को भी बैठे बैठाये कांग्रेस को घेरने का मौका दे दिया है।
यह कोई पहला मामला नहीं जब मंत्री ने किसी पत्रकार से बदसलुकी की हो, इससे पहले कई मौकों पर मंत्री की दबंगई और उनकी बदजुबानी की ख़बरें आम होती रही है। गृह जिला कोरबा के साथ-साथ मंत्री अपनी हरकतें रायपुर में भी नहीं छुपा पाते हैं।
साल 2018 के कांग्रेस के बैलगाड़ी से विधानसभा जाने के दौरान भी रायपुर के स्थानीय कैमरापर्सन के साथ मंत्री ने बदसलुकी की थी जिसके बाद रायपुर समेत प्रदेश की मीडिया ने तात्कालीक विधायक जयसिंह अग्रवाल के आचरण की निंदा की थी। मंत्री जयसिंह अग्रवाल के आचरण को लेकर सूबे के मुखिया भी अनजान नहीं हैं।
कोरबा की ख़बरें लगातार सीएम हाउस में चर्चा का विषय बनते रहती है। मौजूदा मामले में राजस्व मंत्री के इस अप्रत्याशित रवैये से मौके पर उपस्थित लोगों में एकबारगी अचरज उत्पन्न हो गया और वे समझ नहीं पाए कि छठ पूजा के पावन अवसर पर जब समूचा वातावरण आस्था और भक्ति से सराबोर है और एक-दूसरे को पर्व की बधाई देकर मंगल कामना कर रहे हैं तब आखिर इस तरह के अशोभनीय शब्दों का इस्तेमाल क्यों किया?
माना जा रहा है कि रायपुर में गांधी जी के जन्म के संबंध में एक सवाल पूछने पर उसका सही जवाब न दे पाये मंत्री को कहीं ऐसा न लगा हो कि छठ के संबंध में भी ऐसा कुछ पूछ लिया जाएगा इससे बेहतर पत्रकार को ही गलत ठहरा दिया जावे।
गौरतलब है कि एक ओर प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल अपनी सरकार और मंत्रियों की छवि जनता के बीच मित्रवत बनाने के लिए एवं धर्म-आस्था और संस्कृति का सम्मान के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं, पत्रकारों के हितों का भी संवर्धन के प्रति मुख्यमंत्री बघेल तत्पर हैं तो दूसरी ओर उनकी ही सरकार के एक मंत्री पत्रकारों से दबंगई पूर्ण व्यवहार करते हैं। इससे पहले भी राजधानी रायपुर में उनका इस तरह का कृत्य सामने आया। और भी कई मौकों पर वे प्रशासन और अधिकारियों से लेकर पत्रकारों से दुर्व्यवहार करने से भी नहीं चूकते।

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