UNSC की अध्यक्षता ‘पहली बार भारत के पास’ का झूठ NDTV भी फैलाये तो कौन बचाये!


1 अगस्त को मोदी कैबिनेट में मंत्री और पूर्व नौकरशाह हरदीप पुरी ने ट्वीट किया था कि दस साल पहले भी भारत ने यूएनएससी की अध्यक्षता की थी। यह 2011 की बात है, यानी मनमोहन सिंह की सरकार थी। यानी जो काम पहले भारत की और से नौकरशाह किया करते थे, उसे प्रधानमंत्री मोदी की उपलब्धि बताया जा रहा है।


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न्यूज़ चैनलों की दुनिया में एनडीटीवी की प्रतिष्ठा तुलनात्मक रूप से बेहतर रही है, लेकिन हाल में यह चैनल ऐसे-ऐसे रंग दिखा रहा है कि हैरानी होती है। रात नौ बजे रवीश कुमार के शो जलवा बरक़रार है लेकिन दिन में कई बार ज़ी न्यूज़ और एनडीटीवी में फ़र्क़ करना मुश्किल हो जाता है। कुछ ऐंकर तो आरएसएस के प्रचारक की भूमिका में उतर गये हैं।

ख़ैर, वैचारिक मसला छोड़ भी दें तो यह ख़बर तथ्यों के प्रति उसकी प्रतिबद्धता पर सवाल खड़ा करती है। एनडीटीवी बता रहा है कि भारत पहली बार संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की अध्यक्षता करेगा, जबकि आज़ादी के तुरंत बाद 1950 से ही उसे यह अवसर मिलता रहा है।

दरअसल, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC)में 15 सदस्य होते हैं। इसमें रूस, अमेरिका, चीन, फ्रांस और युनाइटेड किंगडम स्थायी सदस्य हैं, जिनके पास वीटो पावर है, बाक़ी देश दो-दो साल की अवधि के लिए चुने जाते हैं और नाम के वर्णक्रमानुसार एक-एक महीने अध्यक्षता करते हैं।

भारत इन दिनों सुरक्षा परिषद काउंसिल का अस्थायी सदस्य है और अगस्त की अध्यक्षता उसके ज़िम्मे है। सोशल मीडिया में इसे भारत के प्रधानमंत्री मोदी की निजी उपलब्धि के बतौर प्रचारित किया जा रहा है, लेकिन एनडीटीवी भी व्हाट्सऐप युनिवर्सिटी से ज्ञान प्राप्त करने लगे तो माथा पीटने का ही मन करता है।

भारत इससे पहले 1950-51, 1967-68, 1972-73, 1977-78, 1984-85,1991-92 और 2011-12 में, यानी सात बार यूएनएससी का अस्थायी सदस्य रह चुका है। और नियम के तहत अपना नंबर आने पर अध्यक्षता भी करता रहा है।

हाँ, इस बार फ़र्क़ ये है कि ऑनलाइन बैठक में ख़ुद पीएम मोदी शामिल हो रहे हैं जबकि पहले भारत का कोई अधिकारी ही बैठक में शामिल हो जाता था। अध्यक्षता तब भी भारत के नाम पर ही होती थी न कि किसी व्यक्ति की। इस सामान्य सी बात को बहुत तूल भी नहीं दिया जाता था। 1992 में प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव भी बैठक में शामिल हो चुके हैं।

1 अगस्त को मोदी कैबिनेट में मंत्री और पूर्व नौकरशाह हरदीप पुरी ने ट्वीट किया था कि दस साल पहले भी भारत ने यूएनएससी की अध्यक्षता की थी। यह 2011 की बात है, यानी मनमोहन सिंह की सरकार थी। यानी जो काम पहले भारत की और से नौकरशाह किया करते थे, उसे प्रधानमंत्री मोदी की उपलब्धि बताया जा रहा है।

 

बहरहाल, आईटी सेल के कारकून अगर यह साबित करने में जुटे हैं कि भारत का जन्म 2014 में हुआ है तो समझ में आता है, लेकिन एनडीटीवी जैसा सम्मानित ब्रांड भी यही करे तो अफ़सोस के सिवाय क्या किया जा सकता है।