क्रांतिकारी शिव वर्मा पत्रकारिता पुरस्कार के लिए प्रविष्टियाँ आमंत्रित


शिव वर्मा (9 फरवरी 1907:10 जनवरी 1997) शहीदे–आजम भगत सिंह के सहयोगी थे,जिन्हें ब्रिटिश हुक्मरानी ने लाहौर कंसपिरेसी केस–2 में ‘ काला पानी ‘की सजा देकर हिन्द महासागर में अंडमान निकोबार द्वीप समूह के कुख्यात ‘ सेल्युलर जेल ‘ में बंद कर दिया था। वह क्रांतिकारी संगठन ‘ हिंदुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन आर्मी ‘ की सेंट्रल कमेटी के सदस्य और उसके उत्तर प्रदेश के मुख्य संगठनकर्ता थे। 


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पीपुल्स मिशन द्वारा स्थापित ‘क्रांतिकारी कामरेड शिव वर्मा पुरस्कार’ के लिए प्रविष्टियाँ आज एक अगस्त 2021 से शुरू हो गईं। इन पुरस्कारों की सात केटेगरी के लिए भारत का कोई भी नागरिक अधिकतम एक प्रविष्टि में भारत के किसी भी नागरिक को एक या एक से अधिक कैटेगरी में 14 अगस्त को अपराह्न चार बजे तक निम्नलिखित किसी भी तरीके से नामांकित कर सकता है:

  

 

1.साधारण डाक या कूरियर से पीपुल्स मिशन के मुख्यालय को पत्र भेज कर: शॉप नंबर 1 , श्रीयमुना अपार्टमेंट्स, अनंतपुर ओवेरब्रिज , रांची ( झारखंड ) पिनकोड 834003

 

 

2. व्हाट्सअप नंबर 8987506515 पर लिखित सन्देश भेज कर

3. पीपुल्स मिशन को मेल भेज कर  <peoples.missiontrust@gmail.com>

 

4. पीपुल्स मिशन के फेसबुक पेज पर  


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5. ज्यूरी के किन्ही भी उपरोक्त सदस्य को लिखित संदेश या पत्र भेज 

 

शिव वर्मा

शिव वर्मा (9 फरवरी 1907:10 जनवरी 1997) शहीदे–आजम भगत सिंह के सहयोगी थे,जिन्हें ब्रिटिश हुक्मरानी ने लाहौर कंसपिरेसी केस–2 में ‘ काला पानी ‘की सजा देकर हिन्द महासागर में अंडमान निकोबार द्वीप समूह के कुख्यात ‘ सेल्युलर जेल ‘ में बंद कर दिया था। वह क्रांतिकारी संगठन ‘ हिंदुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन आर्मी ‘ की सेंट्रल कमेटी के सदस्य और उसके उत्तर प्रदेश के मुख्य संगठनकर्ता थे। 

क्रांतिकारी कामरेड शिव वर्मा ने उसी जेल में बंद विनायक दामोदर सावरकर (1883-1966) की तरह ब्रिटिश हुक्मरानी को माफीनामा देने से साफ इनकार कर दिया। वह उस कारावास से जीवित बच छूटने वाले अंतिम स्वतंत्रता संग्रामी थे.  

शिव दा, स्वतंत्र भारत में भारत की कम्युनिस्ट पार्टी   (मार्क्सवादी) यानि सीपीएम (माकपा) के केन्द्रीय हिन्दी मुखपत्र ‘ लोकलहर ‘ के संपादक भी रहे। उन्होंने उसी दौरान अनेक दुर्लभ ऐतिहासिक दस्तावेजों के आधार पर ‘ शहीद भगत सिंह की चुनी हुई कृतियाँ ‘ पुस्तक संपादित की, जिसका प्रकाशन कानपुर के ‘ समाजवादी साहित्य सदन ‘ ने सितंबर 1987 में किया था। भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई ) में विभाजन के बाद 1964 में सीपीएम की स्थापना करने वालों में शामिल प्रखर मजदूर नेता, भालचंद्र त्र्यंबक रणदिवे (1904:1990) यानि बीटीआर ने इस पुस्तक की भूमिका लिखी थी। 

 

पीपुल्स मिशन 

पीपुल्स मिशन, कम्पनीज एक्ट ऑफ इंडिया (1956 ) में 2016 में भारतीय संसद द्वारा किये संशोधन के अनुरूप प्रस्तावित अलाभकारी विशेष कंपनी है। इसके निदेशक बोर्ड में डाक्टर , साहित्यकार, लेखक ,पत्रकार , अर्थशास्त्री , कृषि एवं पर्यावरण विशेषज्ञ , ट्रेड यूनियन वर्कर , पुस्तक प्रकाशक एवं विक्रेता शामिल हैं। इसके चेयरमैन भाषा प्रकाशन , रांची के मार्क्सवादी व्यवसाई कामरेड उपेन्द्र प्रसाद सिंह थे , जिनका कोविड महामारी के दौरान हाल में रांची के एक अस्पताल में ऑक्सीजन सप्लाई बाधित होने के कारण हर्ट अटैक से निधन हो गया. वह जेएनयू में राजनीति विज्ञान के छात्र रहे थे.  

उनकी जगह रांची के लोकप्रिय चिकित्सक डाक्टर राज चंद्र झा को अगली व्यवस्था होने तक वर्किंग चेयरमेन बनाया गया है। बोर्ड में प्रख्यात पत्रकार रुचिरा गुप्ता , जेएनयू से शिक्षित अर्थशास्त्री एवं द इकोनॉमिक टाइम्स के पूर्व असोसिएट एडिटर जीवी रमन्ना ( आंध्र प्रदेश)  , यूएनआई एम्पलोईज फेडरेशन के कई बार  महासचिव रहे मजदूर नेता एमवी शशीधरण ( केरल ), कृषि विषय के विशेषज्ञ पत्रकार जसपाल सिंह सिद्धू   (पंजाब ), फ्रेंच भाषा एवं साहित्यविद रेणु गुप्ता ( वैजाग ) और पत्रकार, पुस्तक लेखक , ट्रेड यूनियन वर्कर , किसान चंद्र प्रकाश झा (सीपी) शामिल हैं. 

यूएनआई में करीब 40 बरस पत्रकार के रूप में दिल्ली , लखनऊ , पंजाब , हरियाणा , मुंबई आदि जगह तैनात रहे सीपी को पीपुल्स मिशन का अवैतनिक मैनेजिंग डिरेक्टर और महासचिव बनाया गया हैं। वह मुंबई में स्थापित ट्रस्ट , इंडियन बिजनेस जर्नलिस्ट असोसिएशन ( इबजा ) के संस्थापक के महासचिव भी हैं। फिलहाल वह बिहार में सहरसा जिला के अपने पत्रिक गाँव , बसनहीं में बस कर वहाँ खुद खेती -बाड़ी करने के साथ ही अपनी माँ की देखरेख में एक माध्यमिक स्कूल चलाते हैं। उन्होंने क्रांतिकारी कामरेड शिव वर्मा पुरस्कार  के लिए पिछले बरस सारा काम उसी गाँव से किया था। फिलहाल वह नई दिल्ली में हैं। 

ज्यूरी

इन पुरस्कारों के निर्णय के लिए अग्रणी पत्रकार एवं माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय, मध्य प्रदेश के प्रो वायसचांसलर रहे रामशरण जोशी की अध्यक्षता में अनेक संपादकों की ज्यूरी गठित की गई थी. इसके सदस्य संपादकों में शीतल पी सिंह ( सत्य हिंदी) , अनिल चमड़िया (जनमीडिया) ,पीयूष पंत ( जन ज्वार ) , डाक्टर पंकज श्रीवास्तव ( मीडिया विजिलमहेंद्र मिश्र ( जनचौक ), सैय्यद हुसैन अफसर (शहरनामा डॉट कॉम, लखनऊ ) , सत्यम वर्मा ( मजदूर बिगुल अखबार ) और सोशल मीडिया विशेषज्ञ के रूप में जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय ( जेएनयू ) , नई दिल्ली छात्र संघ के अध्यक्ष रहे एवं कोलकाता विश्वविद्यालय के रिटायर प्रोफेसर जगदीश्वर चतुर्वेदी शामिल हैं. इस बार ज्यूरी का विस्तार कर उसमें एक्सप्रेस पोस्ट ( मुंबई ) के संपादक रोमेल रोड्रिग्स , लोक जतन के संपादक बादल सरोज , दिल्ली की प्रोफेसर शशि शर्मा और स्वतंत्र पत्रकार प्रशांत टंडन को भी शामिल किया गया है। शीतल पी सिंह और प्रशांत टंडन ज्यूरी के वर्किंग चेयरमैन और वाइस चेयरमैन बनाए गए हैं। 

 

ज्यूरी निर्णय 2020 

ज्यूरी ने पिछले बरस 15 अगस्त को जो पुरस्कार घोषित किये वे निम्नवत हैं:

श्रेणियां – नाम – लिंक / अटैचमेंट

 

1) फोटो केटेगरी

 

1.पेड़ के पत्तों का मास्क 

फोटोग्राफर: श्रीमती अंजुमन आरा बेगम (असम) 

 

2) कार्टून केटेगरी

 

संयुक्त विजेता

 

1.एपिडेमिक – इंफोमेडिक कार्टूनिस्ट: गोकुला वरदाराजन (सोशल मीडिया)  

 

2.पीएमकेयर फंड पर कार्टून : रामबाबू मार्फत सत्यम वर्मा (ज्यूरी सदस्य) मज़दूर बिगुल एवं सोशल मीडिया में प्रकाशित

 


3) ग्राफिक्स केटेगरी

 

1.भगवान राम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को स्कूल ले जाते


कलाकार: अज्ञात


केरल से सांसद
शशि थरूर के एक ट्वीट के साथ लगा ये ग्राफिक इंडिया टीवी के मालिक रजत शर्मा के ट्वीट के जवाब में  सामने आया ,जिसके साथ लगे ग्राफिक में आकार में अपेक्षाकृत बहुत बड़े दर्शाये मोदी जी, भगवान राम को बाल्यावस्था में मंदिर ले जा  रहे हैं. 

 

4) सोशल मीडिया टेक्स्ट केटेगरी

 

  संयुक्त विजेता 

1.गिरीश मालवीय (इंदौर)
 

कोरोना कोविड 19 महामारी और अमेरिकी बहुराष्ट्रीय कंपनी माइक्रोसॉफ़्ट के मालिक बिल गेट्स एवं संयुक्त राष्ट्र से सम्बद्ध विश्व स्वास्थ्य संगठन ( डब्ल्यूएचओ) के कथित गठजोड़ पर. 

 

2.बादल सरोज

संपादक, लोक जतन एवं अखिल भारतीय किसान सभामध्य प्रदेश नेता 

सोशल मीडिया पोस्ट दुनिया डरती है कोरोना से और कोरोना डरता है साबुन से ‘ 

 

5) प्रिंट मीडिया केटेगरी

 

संयुक्त विजेता

 

1.सुजाता आनंदन (नेशनल हेरल्ड) एंटी-मलेरियल दवा  निर्माता भारतीय  कंपनी सिप्ला (मुंबई) पर रिपोर्ट

2.अज्ञात अनुवादक, उसी रिपोर्ट का सोशल मीडिया पर हिंदी अनुवाद

 

6) इलेक्ट्रॉनिक मीडिया केटेगरी

 

यूट्यूबर – सैयद यावर हसन 

https://youtu.be/MUVXrfhxmso

 

7) लड़कियों महिलाओं के लिए विशेष केटेगरी

 

1.आशी  टंडन (उम्र 8 साल) कानपुर मार्फत अनिता मिश्र

 

नागरिक संशोधन अधिनियम के खिलाफ मीडिया कैंपेन के समर्थन में फैज़ अहमद फैज़ की नज़्म हम देखेंगे पर भरतनाट्यम् नृत्य के लिए 

https://youtu.be/HMpOnCxPigs

 

पिछले बरस घोषित सभी पुरस्कार 14 अगस्त 2021 को प्रेस क्लब ऑफ इंडिया , नई दिल्ली में अपराहन 4 बजे से आयोजित किये जा रहे समारोह में प्रदान किये जाएंगे। इसी समारोह में पीपुल्स मिशन द्वारा नवस्थापित क्रांतिकारी पत्रकार गणेश शंकर विद्यार्थी सम्मान के विजेता की घोषणा की जाएगी। इस समारोह में सभी सेक्युलर लोकतांत्रिक नागरिक सादर आमंत्रित हैं। समारोह में कोरोना कोविड पर पीपुल्स मिशन की एक अंग्रेजी और दो हिन्दी पुस्तक का विमोचन भी किया जाएगा.

 

 


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