राजीव त्यागी के निधन से स्तबध काँग्रेस ने ‘टीवी डिबेट’ पर सरकार से की हस्तक्षेप की माँग

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12 अगस्त को आज तक की बहस में शामिल कांग्रेस प्रवक्ता राजीव त्यागी की तबियत बिगड़ने और मामला उनके निधन तक पहुँचने को लेकर राजनीतिक गलियारों में चिंता जतायी जा रही है। यह साफ़ तौर पर कहा जा रहा है कि टीवी डिबेट को अशालीन और असभ्य बनाकर न्यूज़ चैनल तमाम मर्यादायें तोड़ रहे हैं। ऐसा टीआरपी के लिए किया जा रहा है जिस पर अब लगाम लगाने की जरूरत है।

कांग्रेस प्रवक्ता जयवीर शेरगिल ने इस सिलसिले में सूचना प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर को एक पत्र लिखकर,सरकार की ओर से चैनलों को शालीनता के दायरे में बहस करने का परामर्श जारी करने की माँग की गयी है। आरजेडी सांसद मनोज झा ने उनके पत्र को ट्वीट करते हुए कहा कि अगर इस पर ध्यान नहीं दिया जाता तो फिर राजनीतिक दलों को टीवी की कथित बहसों से खुद को दूर कर लेना चाहिए।


उधर, तमाम बड़े टीवी चैनलो में काम कर चुके वरिष्ठ पत्रकार आशुतोष का कहना है कि जब तक टीआरपी का सिस्टम रहेगा, चैनलों में सुधार मुमकिन नहीं है। एक दूसरे से आगे निकल जाने की व्यावसायिक होड़ में तमाम मर्यादाएँ टूटेंगी। ऐसा न हो, यह सिर्फ आदर्शवादी इच्छा हो सकती है लेकिन टीआरपी बनाये रखने के तनाव के आगे संपादकों के लिए किसी आदर्श का कोई मतलब नहीं रह गया है। बेहतर है कि टीआरपी की व्यवस्था ही ख़त्म हो।

ज़ाहिर है, राजीव त्यागी के निधन ने चैनलों के रवैये को लेकर गंभीर बहस खड़ी कर दी है। कांग्रेस के कार्यकर्ताओं में खासा रोष है। सोशल मीडिया में आज तक के खिलाफ कार्रवाई की मांग की जा रही है। लखनऊ में कांग्रेस नेता अंशु अवस्थी ने आज तक के मालिक अरुण पुरी, बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा और बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा के ख़िलाफ़ एफआईआर दर्ज कराने की माँग करते हुए हज़रतगंज थाने में प्रार्थनापत्र दिया गया है। उनका कहना है कि बहस में राजीव त्यागी को जातिगत और धार्मिक लिहाज से अभद्र टिप्पणियों के जरिये अपमानित किया गया जिससे उनकी डिबेट के दौरान ही मौत हो गयी।