exchange4media में किसने प्‍लांट करवाई बाबा रामदेव के हाथों NDTV के बिकने की ख़बर?

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मीडिया की ख़बरें देने वाली सबसे पुरानी वेबसाइटों में एक एक्‍सचेंज4मीडिया ने भी अपनी साख़ गंवा दी। सोमवार सुबह जब एनडीटीवी के मालिक प्रणव रॉय के घर और ठिकानों पर सीबीआइ के छापे की ख़बर आई, तो बिना देरी करते हुए इस वेबसाइट ने ”विश्‍वसनीय स्रोतों” से यह ख़बर चला दी कि एनडीटीवी को खरीदने के लिए बाबा रामदेव के साथ बातचीत शुरुआती चरण में है। ट्विटर पर इस ख़बर को देखते ही कई पत्रकारों ने आगे बढ़ाया और अटकलबाजि़यां शुरू हो गईं।

इसके बाद सबसे पहले बाबा रामदेव के प्रवक्‍ता तिजारावाला ने एक ट्वीट कर के इस ख़बर का खंडन किया और इसे बेबुनियाद व बकवास करार दिया। फिर एनडीटीवी की निधि राजदान ने भी एक ट्वीट कर के आश्‍वस्‍त किया कि बाबा रामदेव एनडीटीवी को नहीं खरीद रहे हैं। दोनों पक्षों से खंडन आने के बाद वेबसाइट से खबर नदारद है।

सवाल उठता है कि किसने छापे के तुरंत बाद एक्‍सचेंज4मीडिया पर एनडीटीवी और रामदेव के बीव सौदे की ख़बर चलवाई? क्‍या कोई वास्‍तव में चाहता है कि इससे माहौल बने और एनडीटीवी बिक जाए? एक्‍सचेंज4मीडिया का स्रोत अगर ”विश्‍वसनीय” था तो उसे ख़बर हटाने की ज़रूरत क्‍यों पड़ी? इससे तो साफ़ जाहिर होता है कि न कोई स्रोत था और न ही कोई ख़बर, केवल एक छुपा हुआ एजेंडा था जिसे छापे की आड़ में खेलने की कोशिश की गई।

ऐसा लगता है कि जिन वेबसाइटों ने एक्‍सचेंज4मीडिया की ख़बर के आधार पर अपने यहां ऐसी ख़बर चलाई थी, उन्‍होंने अब तक खुद को दुरुस्‍त नहीं किया है। ऐसी क ख़बर अब भी फ्री प्रेस जर्नल पर चल रही है।

वेबसाइट को अगर अपनी विश्‍वसनीयता बनाए रखनी है तो उसे इसका जवाब देना चाहिए।