भीमा कोरेगांव: संयुक्‍त राष्‍ट्र के मानवाधिकारवादियों ने गिरफ्तारियों पर भारत से की अपील

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Courtesy: The Indian Express


मीडियाविजिल डेस्‍क

संयुक्‍त राष्‍ट्र के मानवाधिकार विशेषों ने भारत के उन दस मानवाधिकार कार्यकर्ताओं के खिलाफ लगाए गए आतंकवाद के आरोपों पर गहरी चिंता जाहिर की है जिन्‍हें भीमा कोरेगांव हिंसा की जांच के सिलसिले में बीते दो महीने के दौरान पकड़ा गया है।

संयुक्‍त राष्‍ट्र के मानवाधिकार विशेषज्ञों ने इस मसले पर शुक्रवार को जारी किए एक बयान में कहा है, ‘’हम इस बात से चिंतित हैं कि भीमा कोरेगांव को याद करने के जलसे से जोड़कर लगाए गए आतंकवाद के आरोपों का इस्‍तेमाल उन मानवाधिकार रक्षकों को चुप कराने में किया जा रहा है जो भारत के दलित, आदिवासी और मूलनिवासी समुदायों के अधिकारों का संरक्षण करते हैं।‘’

उन्‍होंने भारत सरकार से अपील की है कि ‘’हिरासत में लिए गए सभी मानवाधिकार रक्षकों को स्‍वतंत्र और निष्‍पक्ष सुनवाई का अधिकार दिया जाए ताकि उनकी जल्‍द रिहाई हो सके। हम सरकार से आग्रह करते हैं कि वह राष्‍ट्रीय सुरक्षा से जुड़े कानूनों के रास्‍ते मानवाधिकार रक्षकों का आपराधीकरण करने से बाज़ आए।‘’

नोबेल शांति पुरस्‍कार के समानांतर दिए जाने वाले पब्लिक पीस प्राइज़ की आखिरी सूची में इस साल भारत से नामांकित हुए मानवाधिकार कार्यकर्ता डॉ. लेनिन रघुवंशी ने बीते 27 सितंबर को संयुक्‍त राष्‍ट्र में मानवाधिकार के उच्‍चायुक्‍त कार्यालय को एक पत्र भेजकर भारत के दस मानवाधिकार कार्यकर्ताओं का मामला विस्‍तार से उठाया था, जिसके कोई हफ्ते भर बाद यह बयान आया है।

बनारस से मानवाधिकार जन निगरानी समिति (पीवीसीएचआर) नाम का संगठन चलाने वाले डॉ. लेनिन ने ओएचसीएचआर (ऑफिस ऑफ हाई कमिश्‍नर यूएन ह्यूमन राइट्स) को भेजे अपने पत्र में लिखा था, ‘’पीवीसीएचआर आपसे आग्रह करता है कि इस मसले पर आप भारत सरकार से बात करें और मानवाधिकार रक्षकों के हक में तथा 1967 के काले कानून यूएपीए के संबंध में एक तात्‍कालिक अपील भारत सरकार को जारी करें।‘’

भीमा कोरेगांव मामले में भारत सरकार के साथ संयुक्‍त राष्‍ट्र के निम्‍न मानवाधिकार रक्षक बातचीत कर रहे हैं:

माइकल फोर्स्‍ट, मानवाधिकार रक्षकों की स्थिति पर विशेष राजदूत; फिओनुआला डी. नी ओलेन, आतंकवाद निरोध में मानवाधिकारों और मूलभूत स्‍वतंत्रता की रक्षा व प्रसार पर विशेष राजदूत; फर्नांड डी. वारेन्‍स, अल्‍पसंख्‍यक मामलों पर विशष राजदूत; डेविड के, अभिव्‍यक्ति और विचारों की स्‍वतंत्रता की रक्षा व प्रसार पर विशेष राजदूत; इवाना रदासिक (अध्‍यक्ष), मेस्‍केरन गेसेट टेकााने (उपाध्‍यक्ष), एलीजाबेथ ब्रोडरिक, आल्‍दा फासियो, मेलीसा उप्रेती, कानून और व्‍यवहार में महिलाओं के खिलाफ भेदभाव के मुद्दे पर कार्यसमूह; ई. तेंदाइ अचिउमे, नस्‍लवाद, नस्‍ली भेदभाव, ज़ेनोफोबिया और संबंधित असहिष्‍णुता के समकालीन स्‍वरूपों पर विशेष राजदूत; सेयांग-फिल होंग (अध्‍यक्ष), लेह टूमी (उपाध्‍यक्ष), इलीना स्‍टेनर्ट (उपाध्‍यक्ष), जोस ग्‍वेवारा, सेतोंदजी अजोवी, यादृच्छिक हिरासत पर कार्यसमूह


पूरा बयान हिंदी में नीचे पढ़ें

Statement_by_UN_Experts_on_India