
इनकम टैक्स से लेकर विदेशी मुद्रा कानून तक का मामला था
मीडिया ने कोई फॉलो अप क्यों नहीं किया ?
संजय कुमार सिंह
भाजपा सांसद और मोदी कैबिनेट में राज्यमंत्री गिरिराज सिंह के घर में चोरी हुई 50,000 रुपए की पर चोर को मिले एक करोड़ 14 लाख रुपए। यह खबर 9 जुलाई 2014 के इंडियन एक्सप्रेस की है पर है दिलचस्प। बिहार में नवादा के सांसद गिरिराज सिंह वही हैं जिन्होंने एक रैली में कहा था कि नरेन्द्र मोदी का विरोध करने वालों को पाकिस्तान चले जाना चाहिए। समर्थन क्यों करना चाहिए – वह इस खबर से समझ में आ रहा है। लोकसभा के लिए चुने जाने से पहले गिरिराज सिंह बिहार विधान परिषद के सदस्य थे। चुनाव में उन्होंने 27 लाख रुपए खर्च करने की घोषणा की थी। जनवरी 2013 के बिहार सरकार के आंकड़ों के मुताबिक उस समय उनकी कुल परिसंपत्ति करीब 75 लाख रुपए थी। इसमें पटना औऱ बेगूसराय की उनकी संपत्तियों का बाजार मूल्य शामिल है। माई नेता डॉट इंफो के मुताबिक 2014 के लोकसभा चुनाव के समय उन्होंने अपनी संपत्ति पांच करोड़ 54 हजार 771 रुपए घोषित की थी।
चोरी के आरोप में गिरफ्तार दिनेश कुमार को एक सूटकेस के साथ पकड़ा गया जिसमें एक करोड़ 14 लाख रुपए नकद, 600 अमेरिकी डॉलर, सोने की दो चेन, एक जोड़ी कान की बाली, एक लॉकेट और तीन अंगूठियां (सब सोने की), चांदी के 14 सिक्के और सात महंगी घड़ियां बरामद हुईं। दिनेश कुमार ने कहा कि उसने ये सब पश्चिम पटना के बोरिंग रोड स्थित गिरिराज सिंह के घर से चुराए थे। पर श्री सिंह ने इस चोरी की रिपोर्ट लिखाते हुए पूरी राशि के एक बहुत छोटे हिस्से के साथ “कुछ जेवर” चोरी जाने की बात लिखाई थी। इतनी दिलचस्प खबर होने के बावजूद इसका कोई फॉलो अप मुझे तो नहीं मिला। जो भी खबरें मिलीं उसी समय की हैं। राजनीतिक विरोध और इस्तीफे की मांग आदि की भी।
अखबार ने लिखा था कि रात तक सांसद या उनके परिवार के किसी सदस्य ने नकद और जेवरों पर दावा जताने के लिए पुलिस से संपर्क नहीं किया था औऱ सांसद का फोन स्विच्ड ऑफ था। हिन्दुस्तान टाइम्स ने 11 जून को खबर दी थी कि आयकर विभाग ने इस मामले की जांच शुरु कर दी है।अखबार ने लिखा था कि उस समय तक किसी ने बरामद धन पर दावा नहीं जताया है। 14 जुलाई के टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक, गिरिराज सिंह ने श्रीकृष्णपुरी थाने जाकर पुलिस को सूचना दी कि बरामद नकद उनके रिश्ते के भाई राकेश सिंह का है। राकेश सिंह नागपुर में रहने वाले कारोबारी हैं।
थाने में राकेश उनके साथ थे। अखबार के मुताबिक पटना के एसएसपी इंचार्ज राजीव मिश्रा ने इस मामले में विवरण देने से मना कर दिया। भाजपा सांसद ने इस संबंध में दस्तावेज शाम को जमा कराए। पुलिस ने तब कहा था कि मामले की जांच विदेशी मुद्रा से संबंधित कानून के प्रावधानों के तहत भी की जाएगी। सवाल उठता है कि पैसे गिरिरज सिंह के नहीं थे तो उन्होंने एफआईआर में कम क्यों लिखवाए और एफआईआर उनके रिश्ते के भाई ने ही क्यों नहीं लिखवाई या एफआईआर में ही इसका जिक्र था या नहीं? जांच क्या हुई और क्या मिला यह तो अलग मुद्दा है ही। गिरिराज सिंह जून 2013 से पहले नीतिश कुमार की सरकार में पशुपालन मंत्री थे और हमेशा से नरेन्द्र मोदी के मुखर समर्थक रहे हैं। हिन्दुस्तान टाइम्स के मुकाबिक चोरी 7 जुलाई 2014 को हुई थी। घटना के समय सांसद दिल्ली में थे। पुलिस ने बेहद तेजी से कार्रवाई की और पांच में से दो अभियुक्तों को उसी शाम गिरफ्तार कर लिया पर गिरफ्तारियों की घोषणा अगली सुबह की।
लेखक वरिष्ठ पत्रकार और श्रेष्ठ अनुवादक हैं।
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