म्‍यांमार में रायटर्स के पत्रकारों को सात साल की कैद के खिलाफ CAAJ का वक्‍तव्‍य

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People march to show solidarity for jailed Reuters journalists Wa Lone and Kyaw Soe Oo two days before a local court is due to deliver verdict against them on charges of breaching the country's Official Secrets Act in Yangon, Myanmar, September 1, 2018. REUTERS/Ann Wang - RC12EEA19960


निंदा वक्‍तव्‍य


नई दिल्‍ली । 05 सितम्‍बर. 

म्‍यांमार में गोपनीयता कानून का उल्‍लंघन करने के आरोप में रायटर्स समाचार एजेंसी के दो संवाददाताओं को 3 सितंबर, 2018 को सुनायी गई सात साल के कारावास की सज़ा सर्वथा निंदनीय है।

वा लोन और क्‍यॉ सो ऊ म्‍यांमार में रोहिंग्‍या मुसलमानों के संहार को कवर कर रहे थे और उन्‍हें दो पुलिसवालों से कुछ गोपनीय दस्‍तावेज़ इस संबंध में प्राप्‍त हुए थे। इन दस्‍तावेज़ों को राष्‍ट्रीय सुरक्षा के लिए ख़तरा बताते हुए दोनों को 12 दिसंबर, 2017 को गिरफ्तार के जेल में डाल दिया गया था। उसके बाद लगातार इनकी ज़मानत खारिज होती रही। दो दिन पहले आए एक अदालती फैसले में इन्‍हें गोपनीयता कानून के उल्‍लंघन के आरोप में सात साल कारावास का दंड दे दिया गया।

यह फैसला अभिव्‍यक्ति की आज़ादी का गला घोंटने जैसा है और दक्षिण-पूर्व एशिया में पत्रकारिता के खिलाफ सरकारों के दमनकारी रवैये का ताज़ा उदाहरण है।

पत्रकारों पर हमले के खिलाफ समिति Committee Against Assault on Journalists (सीएएजे) इस घटना की कड़े शब्‍दों में निंदा करती है।

Committee Against Assault on Journalists (CAAJ) द्वारा जारी