चन्दा कोचर पर FIR से CBI पर क्यों भड़के जेटली ? किसे बचा रहे हैं ?


चंदा कोचर के खिलाफ चल रही जांच के मामले में केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली ने सीबीआइ को ही निशाने पर ले लिया।


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गिरीश मालवीय

आपने ऐसा कितनी बार सुना है कि सरकार का सबसे ताकतवर कैबिनेट मंत्री अपनी ही जांच एजेंसी की खुलेआम आलोचना कर रहा हो? साफ बात यह है कि मामला जो नजर आ रहा उससे कही अधिक पेचीदा है!

धोखाधड़ी के मामले में ICICI बैंक की पूर्व प्रमुख चंदा कोचर के खिलाफ चल रही जांच के मामले में केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली ने सीबीआइ को ही निशाने पर ले लिया।

जेटली ने लिखा, ‘पेशेवर जांच और जांच में दुस्साहस के बीच आधारभूत अंतर है। हजारों किलोमीटर दूर बैठा, मैं जब ICICI केस में संभावित लक्ष्यों की सूची पढ़ता हूं तो एक ही बात मेरे दिमाग में आती है कि लक्ष्य पर ध्यान देने की जगह अंतहीन यात्रा का रास्ता क्यों चुना जा रहा है?’

जेटली ने यह टिप्पणी ऐसे वक्त की है, जब एक ही दिन पहले सीबीआई ने चंदा कोचर के खिलाफ धोखाधड़ी के मामले में बैंकिंग क्षेत्र के के.वी.कामथ तथा अन्य को पूछताछ के लिये नामजद किया है।

ये अन्य कौन है इसके बारे में किसी मीडिया खामोश है! एकमात्र नाम के.वी. कामथ का सामने आ रहा है के वी कामथ भारतीय बैंकिंग क्षेत्र के दिग्गज हस्ती है और ICICI बैंक के पूर्व चेयरमैन रह चुके है।

ICICI ग्रुप कभी CEO बनाने की फैक्ट्री था। ICICI में काम करने वाले कई कर्मचारी आज देश में बड़े पदों पर काम कर रहे हैं। कामथ ने ही देश की दो सबसे बड़ी महिला बैंकर्स चंदा कोचर और शिखा शर्मा को ग्रूम किया था। इन दोनों ने ICICI ग्रुप में केवी कामथ की मेंटरशिप में लंबे समय तक काम किया है। शिखा शर्मा पर भी एक्सिस बैंक के सीईओ रहते भ्रष्टाचार के कई आरोप लगे हैं।

कामथ ने एक बार कहा था- ‘मैने जितने लोगों को सिखाया उसमें चंदा मेरी फेवरेट है।’ जब कामथ 2009 में रिटायर हुए तो चंदा कोचर को ही उनका उत्तराधिकारी बनाया गया।

कामथ भारतीय उद्योग जगत में बहुत प्रभावशाली हस्ती माने जाते हैं। कहा जाता हैं कि जब धीरूभाई अंबानी की विरासत का बंटवारा करने का प्रश्न आया तो कोकिलाबेन ने दोनों बेटों के बीच मध्यस्थता कराने के लिए जिन लोगों को चुना था उसमें कामथ भी एक थे। के वी कामथ ने तब यह सुझाया था कि आरआईएल और आईपीसीएल का विलय करके एक कंपनी बनायी जाए और फिर उसे दो हिस्सों में करके दोनों भाइयों मुकेश अंबानी ओर अनिल अंबानी में बराबर बांट दिया जाए. इस सुझाव पर मुकेश अंबानी को आपत्ति थी, लिहाज़ा, आरआईएल और आईपीसीएल मुकेश के हिस्से में आयीं. रिलायंस इन्फोकॉम (कम्युनिकेशन), रिलायंस कैपिटल और रिलायंस एनर्जी की कमान अनिल के हाथों में गयी। उसके बावजूद 2005 में हुए बहुप्रचारित बंटवारे के पहले कामथ ने दोनों भाइयों के बीच मध्यस्थता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।

साफ है कि कामथ उद्योग और बैंकिंग के क्षेत्र में बहुत तगड़ी पकड़ रखने वाले शख्स है। मोदी सरकार ने के.वी कामथ को ‘ब्रिक्स’ देशों द्वारा स्थापित किए जा रहे 50 अरब डॉलर के ‘न्यू डिवेलपमेंट बैंक’ (एनडीबी ) का प्रमुख भी नियुक्त किया है। ब्रिक्स में 5 उभरते विकासशील देश ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका शामिल हैं, इन्ही देशों ने पिछले साल एनडीबी स्थापित करने पर समझौता किया था। समझौते के मुताबिक भारत को इस बैंक का पहला अध्यक्ष नियुक्त करने का अधिकार मिला था, इसलिए इस पद पर कामथ की नियुक्ति की गई है और अब उन्हीं कामथ से सीबीआई पूछताछ कर रही है

लेकिन सीबीआई सही कर है, क्योंकि वीडियोकॉन के मालिक वेणुगोपाल धूत से जब चंदा कोचर के बारे में पूछा गया तो धूत ने कहा था कि जिस समिति ने विडियोकॉन ग्रुप के 3,250 करोड़ के कर्ज को मंजूरी दी थी, उसके 12 सदस्यों में से चंदा कोचर मात्र एक सदस्य थी। उन्होंने यह महत्वपूर्ण दावा भी किया था कि जिस समिति ने यह लोन मंजूर किया है उसके अध्यक्ष के.वी. कामथ थे और आईसीआईसीआई बैंक के फॉर्मर चेयरमैन के. वी. कामथ को वह पर्सनली जानते भी थे वह उनके साथ लंच पर जाया करते थे।

यानी भांग पूरे कुँए में ही घुली हुई थी, इसलिए सबकी जाँच होना चाहिए इसमे कुछ भी ग़लत नही है लेकिन जो रिलायंस के इतने करीबी हो उसे मोदी के केंद्रीय मंत्री क्यो न बचाएं। चन्दा कोचर का रिलायंस से भी नाता है। चंदा की बेटी आरती रिलायंस इंडस्ट्रीज में काम करती हैं। उनकी शादी आदित्य काजी से हुई है। आदित्य का पूरा परिवार उद्योगपति अंबानी फैमिली का करीबी है। आदित्य और आरती फिलहाल मुंबई में रिलायंस कंपनी में कार्यरत हैं। आदित्य के पिता समीर काजी और मां राधिका को अंबानी परिवार के करीबी माना जाता है।

लेखक आर्थिक मामलों के विशेषज्ञ हैं।