चुनाव चर्चा: छत्तीसगढ़ में आक्रामक राहुल और मोदी के नियंत्रण से फ़िसलता चुनावी विमर्श!



चंद्र प्रकाश झा 


भारत के पांच राज्यों- राजस्थान, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और मिजोरम की नई विधानसभा चुनाव के लिए जारी प्रचार में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के बीच जोर-आजमाइश बढ़ती जा रही है। इसकी एक बड़ी  झलक छत्तीसगढ़ में नज़र आई , जहां विधानसभा चुनाव के पहले चरण में ‘ माओवाद-नक्सल’ प्रभावित 18 सीटों के लिए 12 नवम्बर को वोटिंग संपन्न हो चुकी है। कुल 90 निर्वाचन क्षेत्रों में से शेष 72 सीटों के लिए वोटिंग दूसरे चरण में मंगलवार 20 नवम्बर को यानि आज है। सभी जगह मतदान इलेकट्रॉनिक वोटिंग मशीन ( ईवीएम ) से कराया जा रहा हैं। सभी  की मतगणना एक साथ मंगलवार 11 दिसंबर को होगी। उसी दिन सारे परिणामों की घोषणा हो जाने की उम्मीद है। इन चुनावों को 17 वीं लोकसभा के मई 2019 से पहले निर्धारित आम चुनाव के लिए   ‘सेमी फायनल’ मुकाबला माना जा रहा है। मोदी जी और राहुल गांधी की पारस्परिक आक्रामकता के कुछेक नए आयाम इस मुकाबले में आगे और खुलें तो शायद ही अचरज हो।

इन राज्यो में से किसी के चुनाव में केंद्र में सत्तारूढ़ नेशनल डेमोक्रेटिक अलायंस (एनडीए) का नेतृत्व कर रही भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का कोई प्रत्यक्ष गठबंधन नहीं है। मध्य प्रदेश और मिजोरम में बुधवार 28 नवंबर को तथा राजस्थान और तेलंगाना में शुक्रवार 7 दिसंबर को वोटिंग है।

 मोदी बनाम राहुल

मोदी जी ने छत्तीसगढ़ चुनाव में राजनांदगाव, बिलासपुर, अम्बिकापुर, महासमुंद आदि जगहों पर अपनी पार्टी  भाजपा के प्रचार के लिए आयोजित रैलियों  में कांग्रेस और राहुल गांधी के परिवार पर तीखे हमले किये। उन्होंने कांग्रेस पर ‘ शहरी माओवादियों’ का समर्थन करने का आरोप लगाया और कहा कि गरीब आदिवासी युवकों का जीवन बर्बाद करने वाले ये शहरी माओवादी खुद बड़ी -बड़ी कार में घुमते हैं, वातानुकूलित परिवेश में रहते हैं और उनके बच्चे विदेशों में पढ़ते हैं। उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस परेशान है क्योंकि उसके चाटुकारों और मित्रों के छिपाकर रखे पैसे, नोटबंदी से एक झटके में उड़ गए। उन्होंने तल्ख़ स्वर में कहा कि किसी वृद्ध का जवान बेटा मर जाता है तो वह बरस बीतते-बीतते संभल जाता है। लेकिन उनको (कांग्रेस वालों को) नोटबंदी के कारण आज भी चैन से नींद नहीं आती है। उन्होंने  कहा, ‘यहां बैठा कोई नहीं रो रहा है, सिर्फ एक परिवार रो रहा है।’

मोदी जी ने कांग्रेस को चुनौती दी कि प्रधानमंत्री तो दूर की बात रही अगर वह सच में लोकतांत्रिक हैं तो इस परिवार से बाहर के किसी को पांच वर्ष के लिए पार्टी अध्यक्ष बना कर दिखाएँ। इसके जवाब में पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम के बयान की ओर इशारा करते हुए मोदी जी ने कटाक्ष किया ‘ देश जानता है कि एक दलित, सीताराम केसरी को कांग्रेस अध्यक्ष पद पर 5 वर्ष का कार्यकाल पूरा नहीं करने दिया गया। मैडम सोनिया गांधी को पार्टी का नया अध्यक्ष बनाने के लिए  उन्हें कार्यालय से बाहर निकाल दिया गया। मोदी जी भूल गए कि दिवंगत सीताराम केसरी दलित नहीं अन्य पिछड़े वर्ग के थे। मोदी जी ने छत्तीसगढ़ की सत्ता में कांग्रेस के आने पर किसानों के क़र्ज़ माफ करने की राहुल गांधी के चुनावी वादे को चिढ़ाते हुए कहा कि ‘ झूठ बोलकर और लोगों को गुमराह कर वोट पाने के कांग्रेस के दिन लद गए। कर्नाटक चुनाव के बाद कांग्रेस के सरकार में आने के करीब साल भर गुजर गए। वहाँ किसानों की क़र्ज़ माफी के वादे का क्या हुआ?

मोदी जी के इन भाषणों से स्पष्ट है कि वह विभिन्न मुद्दों पर राहुल गांधी की आक्रामकता के सामने लगभग बचाव की मुद्रा में हैं। कई राजनीतिक टीकाकारों के अनुसार चुनावी विमर्श 2014 के बाद पहली बार मोदी जी के नियंत्रण से फिसलता नज़र आ रहा है। राहुल  गांधी ने राजनांदगाव में कांग्रेस का चुनाव घोषणा-पत्र जारी करने के अवसर पर और खैरागढ़,  पाखणजोर आदि की चुनावी रैली में कहा कि फ्रांस से राफेल युद्धक विमान खरीद मामले में प्रधानमंत्री मोदी ने 30,000 करोड़ रुपये अपने ‘ दोस्त अनिल अंबानी की जेब ‘ में डाले। मोदी जी ने सरकारी कम्पनी हिन्दुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड से कॉन्ट्रैक्ट छीन कर अनिल अंबानी की कंपनी को दे दिया, जिसके पास विमान बनाने का कोई अनुभव नहीं है। राफेल की जांच जब सीबीआई करने लगी तो आधी रात को प्रधानमंत्री मोदी ने सीबीआई डायरेक्टर को बदल डाला। राहुल गांधी ने पूरी आक्रामकता में रैली में प्रधानमंत्री मोदी को इंगित करते हुए ‘चौकीदार चोर है’ के नारे भी लगवाए। कांग्रेस अध्यक्ष का कहना था कि प्रधानमंत्री मोदी, विदेश फरार हुए मेहुल चोकसी, विजय माल्या और नीरव मोदी को भाई कहते हैं। मोदी सरकार ने अमीरों का 3.5 लाख करोड़ रुपये का कर्ज माफ कर दिया,  विजय माल्या देश छोड़ने से पहले वित्त मंत्री अरुण जेटली से मिला,  मेहुल चोकसी ने जेटली जी की बेटी के बैंक खाता में धन जमा करवाए। उन्होंने कहा कि  स्वदेश में कर बचाने के लिए अपना धन गैर कानूनी तरीकों से विदेशी खातों, शेयर, बांड आदि में निवेश करने वालों के बारे में प्रकाशित ‘ पनामा पेपर्स’ में  रमण सिंह के पुत्र अभिषेक सिंह का नाम आने के बावजूद मोदी सरकार ने कोई कार्रवाई नहीं की है। जबकि  ऐसे ही आरोप में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री मियाँ नवाज़ शरीफ को उनके पद से हटा कर जेल भेज दिया गया।

हम मोदीजी और राहुल गांधी के बीच जोर-आजमाइश की चर्चा  के बाद छत्तीसगढ़ का विशेष जायजा लेंगे, जहां विधानसभा चुनाव के पहले चरण में 18  निर्वाचन क्षेत्रों में  पिछली बार से कुछ अधिक  76 प्रतिशत मतदान हुआ। इन निर्वाचन क्षेत्रों में से 12 अनुसूचित जनजातियो और एक अनुसूचित जातियों के लिये आरक्षित हैं।  राजनांदगाव सीट के लिए भी मतदान  हुआ, जहाँ से मुख्यमंत्री रमण सिंह चौथी बार प्रत्याशी हैं। कांग्रेस ने उनके खिलाफ दिवंगत पूर्व प्रधानमंत्री अटल  बिहारी वाजपेयी की भांजी करुणा शुक्ला को उतारा है। मतदान के दिन केंद्रीय अर्धसैनिक बलों की 650 कंपनियों के जवान समेत करीब एक लाख हथियारबंद सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया गया। इन निर्वाचन क्षेत्रों में करीब तीस लाख मतदाता हैं। इस तरह से क्षेत्र के हर 30 मतदाता पर एक हथियारबंद सुरक्षाकर्मी की जरुरत पड़ी। दूसरे चरण में 19 जिलो में फैली 72 सीटों के लिए वोटिंग है। इनमे खड़े 1079 उम्मीदवारों में राज्य सरकार के 9 मंत्री भी हैं। दूसरे चरण के मतदान के दौरान भी करीब एक लाख हथियारबंद सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया गया है।

सतनामी समाज

पहले चरण के मतदान के ऐन पहले ‘सतनामी समाज’ ने  कांग्रेस को समर्थन देकर भाजपा को झटका दे दिया। इससे पूर्व मुख्य्मंत्री अजित जोगी की जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) को भी झटका लगा। जोगी जी स्वयं भी सतनामी समाज से ही हैं। इसलिए यह राजनीतिक घटनाक्रम उनके लिए व्यक्तिगत झटका भी है। राज्य की आबादी में करीब 16 फीसदी लोग सतनामी समाज के बताये जाते हैं। इसके गुरु बलदास ने कांग्रेस से हाथ मिला लिया।

आकलन

सेंटर फॉर सोशल डेवलपिंग स्टडीज (सीएसडीएस) के अनुसार छत्तीसगढ़ के उत्तर, मध्य और दक्षिण के तीन क्षेत्रों में सर्वाधिक सीटें मध्य और न्यूनतम दक्षिण भाग में है। भाजपा का प्रभुत्व मध्य भाग में रहा है। 2013 के पिछले चुनाव में भजपा ने यह मिथक तोड़ा कि जो भी बस्तर जीतता है, वह राज्य जीतता है। तब उत्तर और दक्षिण क्षेत्रों में कांग्रेस का वोट शेयर भाजपा से अधिक रहा। लेकिन मध्य भाग में भाजपा को 5 प्रतिशत मतों की बढ़त मिली। भाजपा और कांग्रेस वोट शेयर में बढ़त क्षेत्रीय पार्टियों के नुकसान पर हासिल की।  राज्य में 44 प्रतिशत आबादी अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों  की है। अन्य पिछड़े वर्गों की आबादी 41 प्रतिशत है। राज्य में अल्पसंख्यकों की कोई ख़ास आबादी नहीं है। कुल 39 आरक्षित सीटों में से 29 अनुसूचित जनजातियों और 10 अनुसूचित जातियों के लिए है। आरक्षित सीटों में भाजपा को लगातार नुकसान हो रहा है। लेकिन कांग्रेस को इसमें लगातार बढ़त मिल रही है। कुल 1.85 करोड़ मतदाताओं में  90 लाख  महिलाऐं और  810 ‘ट्रांसजेंडर’ मतदाता भी हैं। कुल पोलिंग स्टेशन 23632 बनाये गए । विधानसभा के पिछले चुनाव में भाजपा को 49 , कांग्रेस को 39 और बसपा को एक सीट मिली थी। मौजूदा विधान सभा का कार्यकाल 5 जनवरी 2019 तक है।

रमण सिंह

भाजपा पिछले सभी तीन विधान सभा चुनाव में जीती है। मुख्यमंत्री डा.रमण सिंह ने अपनी पहली सरकार 2004 के प्रथम विधान सभा चुनाव के बाद बनाई थी। उनके पुत्र अभिषेक सिंह का नाम  स्वदेश में कर बचाने के लिए अपना धन गैर कानूनी तरीकों से विदेशी खातों, शेयर, बांड आदि में निवेश करने वालों के बारे में प्रकाशित ‘पनामापेपर्स’ में शामिल बताया जाता है। रमन सिंह, राजनांदगाव से फिर प्रत्याशी है। उनके खिलाफ कांग्रेस ने दिवंगत पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की भांजी करुणा शुक्ला को उतारा है।

कांग्रेस

छत्तीसगढ़ में चुनाव की घोषणा होते ही कांग्रेस को दो  झटके लगे। उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्य मंत्री मायावती की बहुजन समाज पार्टी  (बसपा) ने कांग्रेस से किनारा-कसी कर ली। कांग्रेस को दूसरा झटका तब लगा जब उसके प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष एवं निवर्तमान विधायक , रामदयाल उइके वापस भाजपा में चले गए। वह 4 बार विधायक रहे हैं। कांग्रेस नेता भूपेश बघेल, पाटन सीट से प्रत्याशी हैं .

अजित जोगी

कांग्रेस के अजित जोगी नवम्बर 2000 से दिसम्बर 2003 तक इसके प्रथम मुख्यमंत्री रहे। वह विधायक और सांसद भी रहे हैं। उन्होंने 2016 में कांग्रेस से अलग होकर जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे ) का गठन किया जो पहली बार चुनाव में उतरी है। उसने बहुजन समाज पार्टी और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी से गठबंधन किया है। जोगी जी ने  घोषणा की थी कि वह राजनांदगांव क्षेत्र से मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के खिलाफ चुनाव लड़ेंगे। फिर उन्होंने विधानसभा चुनाव नहीं लड़ने का ऐलान कर दिया। फिर उन्होंने यह निर्णय भी पलट दिया। अब वह अपनी पुरानी सीट मरवाही से चुनाव मैदान में हैं, जहां से उनके पुत्र अमित जोगी पिछली बार रिकॉर्ड मतों से जीते थे। जोगी जी की पत्नी रेणु जोगी , पुत्र अमित जोगी और पुत्रवधु ऋचा जोगी भी इस चुनाव में प्रत्याशी हैं। रेणु जोगी कोटा से और अमित जोगी मनेन्द्रगढ़ से जेसीसी प्रत्याशी हैं। पुत्रवधु ऋचा जोगी अकलतरा से बसपाप्रत्याशी है। श्रीमती जोगी ने पिछले  दो चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में जीती बिलासपुर की कोटा सीट से फिर उसकी प्रत्याशी बन चुनाव लड़ने के लिए आवेदन  दिया था कांग्रेस से टिकट नहीं मिलने पर श्रीमती जोगी कोटा से ही जेसीसी प्रत्याशी बन गईं।

पोल्स्टर

एबीपी न्यूज़ – सी  वोटर के 2 नवम्बर के सर्वे में छत्तीसगढ़ में भाजपा को 43 , कांग्रेस को 42 और अन्य को 06 सीटें मिलने की संभावना व्यक्त की गई है। इनके 14 अगस्त के सर्वे में  भाजपा को 33 , कांग्रेस को 54  और अन्य को 3 सीटें तथा 17 अक्टूबर के सर्वे में  भाजपा को 40  , कांग्रेस को 47 और अन्य को  3 सीटें मिलने की संभावना व्यक्त की गई थी।  इंडिया टीवी -सीएनएक्स के 25 अक्टूबर के सर्वे में  भाजपा को 50, कांग्रेस को 30  और अन्य को 10 सीटें मिलने की संभावना व्यक्त की गई थी।  न्यूज़ नेशन ने 10 अक्टूबर के सर्वे में भाजपा को 46 , कांग्रेस को 39   और अन्य को 5 सीटें दी।  जबकि टाइम्स नाउ – वार रूम स्ट्रेटजीज़ के 9 अक्टूबर के सर्वे में भाजपा को 47, कांग्रेस को 33  और अन्य को 10  सीटें मिलने की संभावना व्यक्त की गयी,  सी -वोटर की ताज़ी कयासबाजी  छत्तीसगढ़ में कांग्रेस को कुल 90 में से 47 सीटें और 38 .0 9 प्रतिशत वोट मिलने का कयास है।  कयास है कि भाजपा की 40 सीटों पर ही जीत होगी और उसे 38 . 0 6 प्रतिशत वोट मिलेंगे। अन्य को तीन सीटें और 22 . 0 5 प्रतिशत वोट मिलने का कयास है। तत्काल स्पष्ट नहीं किया गया कि अन्य में से पूर्व मुख्यमंत्री अजित जोगी की पार्टी के गठबंधन को कितनी सीटें मिल सकती हैं।

राज्यपाल

गुजरात की पूर्व मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल मध्यप्रदेश के साथ –साथ छत्तीसगढ़ की भी प्रभारी राज्यपाल  हैं। गौतलब है कि पहले छत्तीसगढ़ के राज्यपाल ई.एस.एल. नरसिम्हन थे जो अब आंध्र प्रदेश और तेलंगाना, दोनों के  राज्यपाल हैं. वह  कांग्रेस की यूपीए -2 सरकार द्वारा नियुक्त एकमेव राज्यपाल हैं जो मोदी सरकार में भी  बने हुए हैं। वे अभी  देश के सबसे वरिष्ठ राज्यपाल हैं।



(मीडियाविजिल के लिए यह विशेष श्रृंखला वरिष्ठ पत्रकार चंद्र प्रकाश झा लिख रहे हैं, जिन्हें मीडिया हल्कों में सिर्फ ‘सी.पी’ कहते हैं। सीपी को 12 राज्यों से चुनावी खबरें, रिपोर्ट, विश्लेषण, फोटो आदि देने का 40 बरस का लम्बा अनुभव है।)