शर्मनाक: बहन और भान्जी के साथ नेहरू की तस्वीर में व्याभिचार खोज रही है ‘मोदी भाजपा’.. !



” नेहरू जैसा व्यक्तित्व, वह ज़िंदादिली, विरोधी को भी साथ ले कर चलने की वह भावना, वह सज्जनता, वह महानता शायद निकट भविष्य में देखने को नहीं मिलेगी। मतभेद होते हुए भी उनके महान आदर्शों के प्रति, उनकी प्रामाणिकता के प्रति, उनकी देशभक्ति के प्रति, और उनके अटूट साहस के प्रति हमारे हृदय में आदर के अतिरिक्त और कुछ नहीं है “- अटल बिहारी वाजपेयी (29 मई 1964 को लोकसभा में  पं.नेहरू को दी गई श्रद्धांजलि का अंश)

‘ हार्दिक पटेल में नेहरू का डीएनए है (यानी वह व्याभिचारी थे)’ – मोदी भाजपा

वाक़ई यह मोदी की बीजेपी है। वाजपेयी की बीजेपी तमाम मतभेदों के बावजूद नेहरू को ‘औरतख़ोर’ साबित करने का अभियान चलाने के बारे में सोच भी नहीं सकती थी, जैसा कि हो रहा है। आई.टी.सेल बीजेपी का औपचारिक अंग है। यह सेल अब ज़िला ही नहीं तहसील स्तर पर भी देखा जा रहा है। ज़ाहिर है उसके हेड अमित मालवीय का बयान पार्टी के प्रवक्ता का ही बयान माना जाएगा। वे पार्टी विचारों को फैलाने के लिए ही हैं।

अमित मालवीय ने हार्दिक पटेल की कथित सेक्स सीडी पर तंज कसते हुए उनमें नेहरू का डीएन खोज लिया (आशय यह कि नेहरू व्याभिचारी थे, हार्दिक भी हैं)  लेकिन इसे साबित करने के लिए जिन महिलाओं के साथ नेहरू की नौ तस्वीरें जारी कीं, वह नफ़रत और फ़रेब की इंतेहा है। इनमें कई तस्वीरें नेहरू की सगी बहन विजयलक्ष्मी पंडित और भाँजी नयनतारा सहगल की भी हैं। आल्ट न्यूज़ ने इन सभी तस्वीरों की असलियत बताई है। पढ़िए–

  1. नेहरू के गाल चूम रही ये महिला कोई और नहीं, उनकी सगी बहन विजय लक्ष्मी पंडित हैं। तस्वीर 1949 की है जब विजयलक्ष्मी अमेरिका में राजदूत थीं और अपने भाई, प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू का स्वागत करने एयरपोर्ट पहुँची थीं। क्या भाई-बहन का यह स्नेह-मिलन व्याभिचार है ?

2. नेहरू माउंटबैटन और एडविना के साथ खुलकर ठहाका लगा रहे हैं। कौन सा नियम टूट रहा है, बीजेपी वाले ही जानें।

3. यह तस्वीर भी विजयलक्ष्मी पंडित के साथ की है। तस्वीर तब की है जब वे सोवियत यूनियन में राजदूत थीं। भारत लौटने पर नेहरू, बहन का स्वागत करने दिल्ली एयरपोर्ट पहुँचे थे।

4. हाँ, नेहरू सिगरेट पीते थे। पर यह व्याभिचार की श्रेणी में कैसे है और इसका रिश्ता हार्दिक पटेल के डीएनए से कैसे है, यह बीजेपी आईटी सेल को बताना चाहिए। वैसे बीजेपी में सिगरेट पीने वालों की कमी नहीं है। आज के बीजेपी सांसद सुब्रह्मण्यम स्वामी ने अटल बिहारी वाजपेयी पर क्या-क्या आरोप लगाया था, सब जानते हैं, लेकिन उन्हें कभी राजनीतिक मुद्दा नहीं बनाया गया।

5.  यह तस्वीर 1948 की है, जिसमें नेहरू, प्रख्यात नृत्यांगना मृणालिनी साराभाई को उनके शानदार कथकली नृत्य प्रदर्शन के लिए बधाई द रहे हैं। मृणालिनी की माँ अम्मू स्वामीनाथन स्वतंत्रता सेनानी थीं और नेहरू की राजनीतिक सहयोगी थीं, वहीं पति विक्रम साराभाई का परिवार भी नेहरू से जुड़ा था। मृणालिनी ने मिंट अख़बार को दिए एक साक्षात्कार में कहा था कि कथकली को तब ज़्यादा लोग पसंद नहीं करते थे, ख़ासतौर पर दिल्ली जैसी जगह में। लेकिन नेहरू जी उनका कार्यक्रम देखने आए और गले लगाकर बधाई दी।

सत्तर साल बाद इस पितातुल्य स्नेह प्रदर्शित करने वाली तस्वीर को देश की शासक पार्टी का आईटी सेल नेहरू की छवि धूमिल करने के लिए इस्तेमाल कर रहा है, हद है।

6. यह तस्वीर 1962 की है जब अमेरिकी राष्ट्रपति जॉन.एफ़.कैनेडी भारत यात्रा पर आए थे। नेहरू उनकी पत्नी जैकलीन कैनेडी का स्वागत माथे पर तिलक लगाने के परंपरागत तरीक़े से कर रहे हैं। भारतीय संस्कृति की पुरोधा पार्टी को इसमें व्याभिचार नज़र आ रहा है !

7.नेहरू सिगरेट पीते थे और उनमें इतनी तहज़ीब थी कि सिगरेट पीने वाली महिला या पुरुष की सिगरेट जलाने के लिए हाथ आगे बढ़ाएँ। इस तस्वीर में वे ब्रिटिश उच्चायुक्त की पत्नी मिसेज सिमोन की सिगरेट जला रहे हैं। मौका ब्रिटिश ओवरसीज़ एयरेवज़ कॉरपोरेशन की भारत के लिए उड़ान के उद्घाटन का है।

8. इस तस्वीर में नेहरू के साथ माउंट बेटन, एडविना माउंटबेटन और उनकी छोटी बेटी पामेला माउंटबेटन हैं जिन्ह पं.नेहरू दिल्ली में विदाई दे रहे हैं। पता नहीं, बीजेपी वाले कभी घर-परिवार या दोस्तों की बेटियों पर प्यार जताते हैं या नहीं। 

9. इस तस्वीर में विजयलक्ष्मी पंडित की बेटी नयनतारा सहगल, अपने मामा पं.नेहरू को ख़ुशी से चूम रही हैं। यह 1955 का लंदन एयरपोर्ट है। विजयलक्ष्मी तब युनाइटेड किंगडम में भारत की उच्चायुक्त थीं।

तो ये है नेहरू की तस्वीरों की असलियत। हार्दिक पटेल की कथित सीडी को देखकर अगर बीजेपी के आईटी सेल को नेहरू का डीएनए नज़र आ रहा है तो साफ़ है कि मसला नज़र का नहीं नज़रिये का है। यह नज़रिया घर की महिलाओं से भी सार्वजनिक रूप से ‘उचित दूरी’ बनाए रखने को सही मानता है और जो ऐसा नहीं करते उन्हें व्याभिचारी मानता है। यह सिर्फ़ नेहरू का अपमान नहीं है, महिलाओं का भी अपमान है।

बात-बात में मानहानि का दावा ठोंकने वाले बीजेपी नेताओं के ख़िलाफ़ अगर देश भर में इन तस्वीरों को गलत ढंग से प्रचारित करने के लिए मुक़दमा होने लगे तो क्या होगा। अच्छा है कि विपक्ष में अभी कुछ सहिष्णुता बाक़ी है जबकि शासक पार्टी उस नेहरू को निधन के 53 साल बाद बदनाम करने में जुटी है जिनकी तुलना कभी उसी पार्टी के शीर्ष पुरुष अटल बिहारी वाजपेयी ने राम से की थी।

 

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