ओमिक्रॉन: WHO की चेतावनी, नहीं पता नया वैरिएंट कितना संक्रामक और खतरनाक!

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कोरोना का नया ओमिक्रॉन वैरिएंट लोगो और वैज्ञानिकों के लिए चिंता का विषय बना हुआ है। इस नए वैरिएंट को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि अभी यह स्पष्ट नहीं है कि कोरोना का यह नया वैरिएंट कितना संक्रामक और खतरनाक है। न ही यह पता चल पाया है कि इसके लक्षण अब तक मिले वैरिएंट से कितने अलग हैं। इसी कारण इस वैरिएंट के संभावित खतरे से सावधान रहने की जरूरत है, लेकिन घबराने की नहीं।

प्रारंभिक शोध सिर्फ युवाओं पर क्योंकि..

वैश्विक संगठन के वैज्ञानिकों का कहना है कि दुनिया के कई देश ओमिक्रॉन पर शोध कर रहे हैं और डब्ल्यूएचओ उनके साथ मिलकर काम कर रहा है। इन अध्ययनों को पूरा होने और विस्तृत रिपोर्ट में कुछ सप्ताह लगेंगे। डब्ल्यूएचओ के अनुसार, युवाओं पर ही तमाम प्रारंभिक शोध किया गया है। युवाओं में पहले से अधिक गंभीर बीमारी नहीं है। जब तक किए जा रहे  शोध में इस वैरिएंट को लेकर सभी चीजें स्पष्ट नहीं हो जातीं, तब तक यह नहीं कहा जा सकता कि यह नया वैरिएंट कितना खतरनाक और संक्रामक है।

कोरोना से संक्रमित हो चुके लोगो को ज़्यादा खतरा है क्योंकि…

WHO का कहना है कि डेल्टा और डेल्टा प्लस के अलावा कोरोना के जितने भी वेरिएंट सामने आए हैं, वे कमजोर इम्यून सिस्टम वाले लोगों के लिए खतरा बन गए हैं। WHO के अनुसार, शुरुआती नतीजों से पता चला है कि जिन लोगों को पहले भी कोरोना का संक्रमण हो चुका है, उन्हें ज़्यादा सुरक्षा की जरूरत है। क्योंकि नए वैरिएंट में म्यूटेशन तेज़ी से हो रहा है और यह कोरोना संक्रमित लोगों में तेज़ी से फैल सकता है। वैज्ञानिकों का कहना है कि दक्षिण अफ्रीका में संक्रमितों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। लेकिन अभी यह पता नहीं चल पाया है कि इसका कारण ओमिक्रॉन है या कुछ और। भारत में यह तेज़ी से फैल जाएगा अगर एहतियात नही बरती गई। इसलिए नए वेरिएंट के संभावित खतरे के बीच एहतियात सबसे बड़ा हथियार है।


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