कोविड फंड की निर्धारित राशि का आधा भी खर्च नहीं कर पाए महाराष्ट्र, राजस्थान और UP, दिल्ली ने खर्च किए राहत कोष से भी ज़्यादा!

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कोरोना की तीसरी लहर के बीच एक बार फिर कोविड राहत कोष (Covid Relief Fund) चर्चा का विषय बन गया है। दरअसल, जब देश में कोरोना की तीसरी लहर दस्तक दे चुकी है, तब भी कई राज्यों ने निर्धारित राशि का 25 फीसदी भी खर्च नहीं किया है, जबकि केंद्र सरकार ने दावा किया है कि कोरोना के लिए बनाए गए फंड से निर्धारित राशि का 50 फीसदी जारी कर दिया गया है।

राष्ट्रीय स्तर पर राज्यों द्वारा लगभग 27% ही खर्च…

सभी राज्यों को मिलाकर देखें इमरजेंसी रिस्पांस एंड हेल्थ सिस्टम्स प्रिपेर्डनेस पैकेज सेकंड फेज (ईसीआरपी चरण-2) के तहत अब तक जारी किए गए 6,075 करोड़ रुपये में से केवल 1,679 करोड़ रुपये या लगभग 27% राष्ट्रीय स्तर पर राज्यों द्वारा खर्च किए गए हैं। एक ओर महाराष्ट्र में ओमिक्रॉन के सबसे ज़्यादा मामले है। वहीं दूसरी ओर कोविड फंड खर्च करने के मामले में महाराष्ट्र का ही प्रदर्शन सबसे खराब रहा है। दरअसल, महाराष्ट्र सरकार ने केंद्र की ओर से जारी किए गए फंड में से 1% से भी कम को कोविड-19 से निपटने के लिए स्वास्थ्य प्रणाली के बुनियादी ढांचे में सुधार के लिए खर्च किया गया है।

राजस्थान ने 5% से कम तो यूपी ने 9.26% किए खर्च…

वहीं, राजस्थान की ओर से कोविड फंड का 5 फीसदी से भी कम खर्च स्वास्थ्य व्यवस्था के बुनियादी ढांचे में सुधार पर किया गया है। उत्तर प्रदेश की बात करें तो यहां भी हालत बहुत बेहतर तो नहीं लेकिन कोविड फंड के खर्च मामले में इस दोनों राज्यों से बेहतर है। यूपी सरकार ने स्वास्थ्य व्यवस्था के बुनियादी ढांचों में सुधार पर केवल 87.05 करोड़ यानी 9.26 प्रतिशत ही खर्च कर पाई। जबकि, कोरोना से लड़ने के लिए यूपी को फंड में 2,690.07 करोड़ रुपये मिलने हैं, जिसमे से 939.94 करोड़ जारी हो चुके हैं।

स्वास्थ्य प्रणाली के बुनियादी ढांचे में सुधार के लिए कम खर्च करने वाले राज्यों में..

  1. बिहार ने कोविड फंड में से सिर्फ 18% पैसा खर्च किया है।
  2. हिमाचल प्रदेश ने 9.94 फीसदी पैसे ही खर्च किए हैं।
  3. उत्तर प्रदेश ने 9.26 फीसदी पैसे ही खर्च किए हैं।
  4. उत्तराखंड ने 6.28 फीसदी पैसे ही खर्च किए हैं।
  5. राजस्थान ने 5% से कम पैसे ही खर्च किए हैं।
  6. जम्मू-कश्मीर ने 2.44 फीसदी पैसे ही खर्च किए हैं।
  7. असम ने 0.38 फीसदी पैसे ही खर्च किए हैं।
  8. महाराष्ट्र ने 0.32 फीसदी पैसे ही खर्च किए हैं।

 

स्वास्थ्य प्रणाली के बुनियादी ढांचे में सुधार के लिए ज़्यादा खर्च करने वाले राज्यों में..

  • दिल्ली ने जारी किए गए केंद्रीय कोष का 138% खर्च किया है। यानी अपने कोष से निर्धारित राशि से भी ज़्यादा।
  • दूसरी ओर, पंजाब, हरियाणा, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल ने 50 प्रतिशत से अधिक खर्च किए जाने की सूचना दी है।

23,123 करोड़ रुपये का प्रावधान…

ईसीआरपी के तहत, केंद्र ने पूरे भारत में बुनियादी स्वास्थ्य प्रणाली के ढांचे और संसाधनों में सुधार के लिए 15,000 करोड़ रुपये का फंड दिया है, जबकि राज्यों को भी 1 जुलाई 2021 से 31 मार्च 2022 के बीच सामूहिक रूप से 8,123 करोड़ रुपये खर्च करने होंगे। इसमें कुल 23,123 करोड़ रुपये का प्रावधान है। इस राशि को कैबिनेट ने 8 जुलाई 2021 को मंजूरी दी थी।

 


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