सूरत में फिर से मज़दूर सड़क पर, किया हिंसक प्रदर्शन!

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कोरोना महामारी के चलते हुए लॉकडाउन के कारण गुजरात के सूरत में निर्माणाधीन डायमंड बुश कंस्ट्रक्शन साइट पर फंसे मज़दूरों ने घर भेजे जाने की मांग को लेकर एक बार फिर प्रदर्शन किया। बताया जा रहा है कि मज़दूरों ने सुरक्षाकर्मियों पर भी पथराव किया है। मज़दूरों का कहना है कि वे लॉकडाउन के बीच यहां फंसे हुए हैं और घर जाने की मांग कर रहे हैं, लेकिन यहां उनसे जबरन काम कराया जा रहा है। 

लॉकडाउन के बीच हाल में राज्य सरकार ने डायमंड बुश प्रोजेक्ट का काम फिर से शुरू करने की छूट दे दी थी। लेकिन, मज़दूरों ने काम करने से मना कर दिया और प्रदर्शन करने लगे। प्रदर्शन कर रहे मज़दूरों ने डायमंड बुश के ऑफिस पर भी पत्थर फेंके और शीशे तोड़ दिये। मज़दूरों की मांग है कि उन्हें उनके गृहराज्य वापस भेज दिया जाये। बीते कुछ समय में अकेले सूरत में ही मज़दूर 3 बार प्रोटेस्ट कर चुके हैं। राज्य सरकार डायमंड बुश प्रोजेक्ट को दिसंबर तक पूरा करना चाहती थी, लेकिन लॉकडाउन के कारण अब मार्च 2021 का टारगेट तय किया गया है। लेकिन, फ़िलहाल मज़दूर काम नहीं करना चाह रहे और कोरोना लॉकडाउन के चलते घर जाना चाहते हैं। गुजरात इस समय महाराष्ट्र के बाद कोरोना संक्रमितों के मामले में दूसरे स्थान पर हैं और अहमदाबाद व सूरत जैसे शहरों में तेज़ी से मामले बढ़ रहे हैं।

महामारी के बीच एक तरफ़ सरकार सबको सोशल डिस्टेंसिंग की बात समझा रही है, लेकिन लॉकडाउन के चलते फंसे हुए मज़दूरों और गरीबों के प्रति अपनी जिम्मेदारियों से खुद ही सोशल डिस्टेंसिंग कर रही है। 

गौरतलब है कि गुजरात के सूरत में उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, उड़ीसा, पश्चिम बंगाल आदि राज्यों से लाखों मज़दूर हर साल काम करने आते हैं। मार्च महीने में जब कोरोना के चलते महामारी की स्थिति पैदा हुई और मोदी सरकार ने अचानक लॉकडाउन लागू कर दिया, उसके बाद से ही अलग-अलग राज्यों में फंसे प्रवासी मज़दूरों द्वारा घर वापस भेजे जाने की मांग को लेकर प्रोटेस्ट होते रहे हैं। लेकिन, सरकार की तरफ़ से अभी तक कुछ ठोस नहीं हुआ है।


 


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