कोरोना काल- गुजरात मॉडल के दरकते सपने के ख़ौफ़ में जीता अहमदाबाद!

मयंक सक्सेना मयंक सक्सेना
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गुजरात के सबसे बड़े शहर और पूर्व राजधानी अहमदाबाद के निवासी, जिस दहशत के साये में जी रहे हैं – वो कोरोना संकट को लेकर किसी भी और शहर में नहीं होगी। शहर में कोरोना के केस कुछ ही दिनों में देश में सबसे ज़्यादा होने की आशंका जताई जा रही है। अहमदाबाद के म्युनिसिपल कमिश्नर विजय नेहरा ने कुछ ही दिन पहले कहा था कि मई के अंत तक, अहमदाबाद में कोरोना के 8 लाख मामले हो सकते हैं। ये बात अपने आप में ख़ौफ़ज़दा करने वाली थी क्योंकि ये संख्या – अहमदाबाद की कुल आबादी का 14 फीसदी है। लेकिन इसके बाद मंगलवार को एक कोरोना पीड़ित व्यक्ति के संपर्क में आने के बाद विजय नेहरा को ख़ुद ही क्वारेंटाइन के लिए सेल्फ आइसोलेशन में जाना पड़ गया।

अब अहमदाबाद में 15 मई तक टोटल लॉकडाउन का एलान कर दिया गया है। केवल दूध की दुकानें और मेडिकल स्टोर्स ही खुलेंगे। यानी कि राशन की दुकानें भी नहीं खुल सकेंगी – शहर में केवल दूध और दवा की दुकानें ही खोली जाएंगी। इस आदेश से ही स्थिति की भयावहता का अंदाज़ लगाया जा सकता है। अहमदाबाद की स्थिति की गंभीरता का अहसास करने के लिए पिछले 1 महीने के कोविड संक्रमण के डेटा को हमको समझना होगा। गुरुवार की शाम तक अहमदाबाद में कोरोना संक्रमण के मामले, गुजरात के दूसरे सबसे अधिक मामलों वाले ज़िले सूरत के मुकाबले 700 फीसदी या 7 गुना थे और इनकी संख्या हो चुकी थी 4,716 जबकि कुल टेस्ट्स की संख्या थी 39165। यानी कि कुल टेस्ट किए गए लोगों में से 12 फीसदी लोग कोरोना पॉज़िटिव पाए गए। जबकि इनमें से 298 लोगों की कोरोना संक्रमण से मृत्यु हो चुकी है।

डेटा – गुजरात सरकार

जबकि अगर आप सबसे ज़्यादा संक्रमण वाले राज्य महाराष्ट्र के सबसे अधिक कोरोना मरीज़ों वाले ज़िले मुंबई के आंकड़े देखें तो वहां पर कुल 10,714 कोरोना केस हैं, जिनमें एक्टिव केस 8, 608 हैं और 412 लोगों की मृत्यु हुई है। मुंबई सबसे अधिक कोरोना संक्रमण वाला शहर है और वहां पर मृत्यु दर केवल 3.84 फीसदी है। यानी कि अहमदाबाद में मृत्युदर – देश के सबसे अधिक कोरोना प्रभावित शहर के दोगुने से थोड़ा कम 6.31 है।

अहमदाबाद में कोरोना से होने वाली मौतों का मुंबई और सूरत से तुलनात्मक ग्राफ

इसके अलावा अहमदाबाद की गुजरात के ही दूसरे सबसे अधिक कोरोना प्रभावित ज़िले सूरत से तुलना करें तो न केवल यहां कोरोना के कन्फर्म मामले अहमदाबाद से 7 गुना कम हैं, बल्कि मरने वाले कोरोना पीड़ितों की दर भी सूरत में 4.37 है। इस लिहाज से अहमदाबाद अब मुंबई ही नहीं, राज्य में सूरत से भी अधिक मृत्यु दर वाला शहर है।

सिर्फ इतना ही नहीं अहमदाबाद में कोरोना संक्रमण इतना भयावह और तेज़ी से बढ़ता हुआ है कि इस वक्त तक पूरे गुजरात में कोरोना संक्रमण के जो 6,625 मामले हैं, उनमें से 4,716 मामले अकेले अहमदाबाद में हैं। यानी कि गुजरात को कुल कोरोना पॉज़िटिव मामलों में से 71.18 फीसदी मामले अहमदाबाद में हैं।

अहमदाबाद कोरोना संक्रमण बनाम गुजरात के अन्य ज़िले

अब अहमदाबाद को टोटल लॉकडाउन में डाला जा रहा है, म्युनिसिपल कमिश्नर खुद क्वारेंटाइन में हैं और किसी को पता नहीं है कि क्या करना है। सवाल ये है कि आख़िर क्यों पहले से सावधानियां नहीं बरती गई। बिना पर्याप्त संख्या में टेस्ट्स किए, किस आधार पर गुजरात सरकार ने ये दावा किया था कि वो सबसे कम केस वाले राज्यों में से एक हैं। 20 मार्च को ही सूरत में कोरोना के गुजरात के पहले 2 संक्रमण के मामले सामने आ गए थे। लेकिन उसके पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की यात्रा हो चुकी थी। सब कुछ ठीक दिखते रहने की कवायद में लगी सरकार की कोताही ही है कि अहमदाबाद अब इस स्थिति में है। तो क्या ‘गुजरात मॉडल’ का स्वप्न भी ‘द ग्रेट अमेरिकन ड्रीम’ की तरह दरक रहा है? ये याद रखना ज़रूरी है कि द ग्रेट अमेरिकन ड्रीम का भी भारत में सबसे गहरा रिश्ता – गुजरात से ही है।


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