आवाज़ का नमूना न दिया तो सुधीर चौधरी फिर जेल जाएँगे ! उगाही केस में सुप्रीम कोर्ट ने फटकारा !

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नई दिल्ली। 100 करोड़ की फ़िरौती कांड में फंसे ज़ी न्यूज़ के संपादक सुधीर चौधरी और समीर अहलूवालिया को सुप्रीम कोर्ट ने वायस सैंपल जमा कराने का हुक्म दिया है। कोर्ट ने कहा है कि वॉयस सैंपल टेस्ट की प्रक्रिया दो हफ़्ते के भीतर पूरी हो जानी चाहिए। इससे पहले बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने दोनों संपादकों को ढंग से डांटते हुए कहा था नियमों का पालन नहीं किया तो दोबारा जेल भेज दिया जाएगा। साल 2012 में उद्योगपति नवीन जिंदल के ख़िलाफ़ ख़बर नहीं दिखाने की एवज़ में दोनों संपादकों पर 100 करोड़ की फिरौती का आरोप लगा था। उगाही की इस कोशिश का वीडियो सामने आने के बाद दोनों संपादकों को दिसंबर में तिहाड़ जेल भेज दिया गया था। फिलहाल दोनों ज़मानत पर चल रहे हैं।

इसी केस की सुनवाई में शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वॉयस सैंपल टेस्ट के दौरान कौन-कौन से शब्द पढ़ने होंगे, ये जांच अधिकारी और सीएसएफएल डायरेक्टर तय करेंगे ना कि आरोपी संपादक। कोर्ट ने यह भी कहा कि विवादित पैराग्राफ़ पढ़ने की कोई अनिवार्यता नहीं है। दोनों मुलज़िमों की वॉयस सैंपल की रिपोर्ट सील बंद कवर में दो हफ़्ते के भीतर सौंपी जाए का आदेश भी दिया गया है।

इससे पहले दोनों संपादकों ने वायस सैंपल वाले टेक्स्ट की कॉपी की मांग की थी जिसे कोर्ट ने ठुकराते हुए चेतावनी जारी की थी। बुधवार को कोर्ट ने कहा था कि दोनों मुलज़िम नियमों का पालन करें वरना उन्हें दोबारा जेल भेज दिया जाएगा। साथ ही यह भी कहा था कि वॉयस सैंपल का टेक्सट क्या होगा, ये मुलज़िम से नहीं जांच अधिकारी से तय होगा।

ख़बर नहीं दिखाने की एवज़ में 100 करोड़ की उगाही का आरोप सुधीर चौधरी और समीर अहलूवालिया पर दिसंबर 2012 में लगा था। उस उगाही का वीडियो सामने आने के बाद दिल्ली की एक अदालत ने दोनों मुलज़िमों को 14 दिनों के लिए तिहाड़ जेल भेज दिया था मगर जेल के बाहर आने कुछ ही साल बाद इनके संघर्ष के दिन ख़त्म होने लगे।

सुधीर चौधरी की अगुवाई में ज़ी न्यूज़ ने बीजेपी के लिए खुलकर कैंपेनिंग की। पत्रकारिय धर्म को तार-तार करने वाले चौधरी को इसका इनाम भी मिला। केंद्र में सरकार बनने के बाद 2015 में बीजेपी ने सुधीर चौधरी को एक्स कैटगरी की सुरक्षा दी।

टीवी पत्रकारिता की दुनिया में सुधीर चौधरी का इतिहास निहायत गंदा रहा है। इस उगाही कांड से पहले वह लाइव इंडिया चैनल में बतौर संपादक सेवाएं दे चुके हैं। उनके ही संपादकत्व में उनके रिपोर्टर प्रकाश सिंह ने 2007 में एक महिला शिक्षक उमा ख़ुराना का स्टिंग ऑपरेशन किया गया था। स्टिंग में आरोप लगाया गया था कि उमा खुराना स्कूल की बच्चियों से वेश्यावृत्ति करवाती हैं लेकिन बाद में स्टिंग फर्ज़ी पाया गया। तब सुधीर की अगुवाई में चल रहे लाइव इंडिया चैनल को ऑफ एयर होकर भारी शर्मिंदगी और कीमत चुकानी पड़ी थी। हालांकि जांच के दौरान सुधीर चौधरी ने सारी गलतियों का ठीकरा अपने रिपोर्टर प्रकाश सिंह पर ही फोड़ दिया था।