अख़बारनामा: अपहरण, फिरौती व हत्या की ख़बर और अख़बारों की राजनीति !


अपराधियों के सरगना के तार भाजपा से जुड़े हों तो आज के अखबार कैसे राजनीति से अलग रहें?


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संजय कुमार सिंह

1. चित्रकूट अपहरण कांड – मास्टर माइंड के बड़े नताओं से संबंध, भाजपा और बजरंग दल का झंडा लगी गाड़ियों से ले गए था बच्चों को
2. बीजेपी नेताओं का करीबी निकला चित्रकूट अपहरण और हत्याकांड का मास्टरमाइंड
3. जुड़वा भाई श्रेयांश और प्रियांश की हत्या का मास्टरमाइंड पदम शुक्ला बीजेपी नेताओं का करीबी बताया जा रहा है. 
4. चित्रकूट: दो मासूमो की हत्या में निकला बीजेपी कनेक्शन

ऊपर कुछ शीर्षक हैं जो इंटरनेट पर अपहरण, फिरौती और हत्या की खबर के लिए लगाए गए हैं। संक्षेप में यह मामला मध्यप्रदेश के सतना जिला स्थित चित्रकूट के सद्गुरु पब्लिक स्कूल से फिरौती के लिए अपहृत जुड़वा भाइयों – श्रेयांश और प्रियांश का है। लेकिन यह अपहरण का साधारण मामला नहीं है। मध्य प्रदेश में कांग्रेस की नई बनी सरकार है और दिन दहाड़े स्कूल के पास से हुए इस अपहरण के लिए राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति को जिम्मेदार ठहराया जा सकता है। बच्चों के पिता द्वारा 20 लाख रुपए दे दिए जाने के बाद भी बच्चों का शव मिलना – पुलिस की कार्रवाई नाकाम हो जाने का मामला है। और शव उत्तर प्रदेश में मिलना फिर राजनीति का। यही नहीं अपराधियों के सरगना के तार भाजपा से जुड़े हों तो आज के अखबार कैसे राजनीति से अलग रहें?

इसलिए, ऊपर के कुछ शीर्षक उदाहरण स्वरूप लगाए हैं। देखिए आपके अखबार में यह खबर है कि नहीं और है तो क्या शीर्षक है और उसमें कितनी जानकारी कैसे दी गई है। इंटरनेट पर सूत्रों के अनुसार और कुछ अखबारों में अनाम पुलिस अधिकारियों के हवाले से आरोपी को बीजेपी संगठन महामंत्री चंद्रशेखर द्विवेदी का करीबी बताया गया है। आरोपी पदम कांत शुक्ला को बीजेपी के साथ ही आरएसएस के नेताओं का भी करीबी माना जा रहा है। यह सब सूचना किस अखबार ने कैसे दी है और कैसे छिपाई है यह जानना दिलचस्प है। नेट पर तो आसानी से उपलब्ध है और द टेलीग्राफ ने फेसबुक अकाउंट की चर्चा की है। खबरों के मुताबिक, फेसबुक पर आरोपी पदम कांत शुक्ला ने यूपी, एमपी, चित्रकूट के स्थानीय बीजेपी नेताओं और आरएसएस नेताओं के साथ फोटो पोस्ट की है। आरोपी यूपी के बाहुबली राजा भैया के भी संपर्क में भी रहता था। बड़े नेताओं का संरक्षण होने की वजह से पदम शुक्ला से स्थानीय पुलिस डरती थी।

खबर है कि इस हत्याकांड को सुलझाने के लिए मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के एसटीएफ समेत 500 पुलिस कर्मचारियों की टास्क फोर्स बनाई गई थी। बच्चों के पिता ने 20 लाख रुपए की फिरौती दी थी। मध्य प्रदेश में सतना पुलिस ने इस सिलसिले में छह लोगों को गिरफ्तार किया है और इनके पास से 17.67 लाख रुपए बरामद हुए हैं। द टेलीग्राफ ने लखनऊ के एक अनाम पुलिस अधिकारी के हवाले से कहा है कि मुख्य अभियुक्त, पद्म कांत शुक्ला भाजपा कार्यकर्ता है। हिन्दुस्तान टाइम्स में पहले पन्ने से पहले के अधपन्ने पर यह खबर तीन कॉलम में विस्तार से है और पेज 6 पर जारी भी है। शीर्षक है, उत्तर प्रदेश में नदी किनारे जुड़वां भाइयों के मृत मिलने से नाराजगी। एक बॉक्स में बताया गया है कि हत्या कितनी बर्बर है और अपराध का मास्टर माइंड मध्य प्रदेश में बजरंगदल के संयोजक का भाई है। पर यह बात शीर्षक में नहीं है।

द हिन्दू ने भी इस खबर को पहले पन्ने पर फोटो के साथ छापा है। खबर छोटी है पर फोटो के साथ है और शीर्षक है, मध्यप्रदेश के चित्रकूट में एक स्कूल के बाहर से 12 फरवरी को अपदृत जुड़वां भाइयों के शव उत्तर प्रदेश में मिले। अखबार ने लिखा है कि मध्य प्रदेश के सतना जिले से छह साल के दो जुड़वा भाइयों के अपहरण का सनसनीखेज मामला शनिवार की उत्तर प्रदेश के बांदा जिले में उनका शव बरामद होने के बाद त्रासद ढंग से खत्म हो गया। विस्तार अंदर के पन्ने पर भी है। यहां हिन्दू ने उपशीर्षक में एक गिरफ्तार अभियुक्त को बजरंग दल के क्षेत्रीय संयोजक का भाई बताया है। यह कम दिलचस्प नहीं है कि हिन्दू ने अपहरण में जब्त मोटरसाइकिल की फोटो छापी है और इंडियन एक्सप्रेस ने नहीं छापी है। हालांकि, यही पत्रकारीय विवेक और संपादकीय आजादी कहलाता है।

इंडियन एक्सप्रेस में यह खबर पहले पन्ने पर नहीं है। ना कोई सूचना। लेकिन अंदर के पन्ने पर यह खबर सात कॉलम में है। शीर्षक है, 11 दिन पहले मध्य प्रदेश में अपहृत जुड़वां भाई यमुना में मरे मिले। यमूना का यह हिस्सा उत्तर प्रदेश में है और जब मध्य प्रदेश से अपहृत लिखा है तो उत्तर प्रदेश ही होना चाहिए था वरना शहर का नाम भी लिखा जा सकता था। वैसे, अखबार ने खबर के पहले ही पैरा में इसका उल्लेख कर दिया है। हालांकि, खबर का एक हिस्सा है, इस बीच कांग्रेस ने कुछ अभियुक्तों की तस्वीर भाजपा नेताओं के साथ जारी की और घटना के लिए उत्तर प्रदेश सरकार को निशाना बनाया। दूसरी ओर, भाजपा ने कमलनाथ सरकार की निन्दा की है। भोपाल डेटलाइन की यह खबर मिलिन्द घटवई की है।

टाइम्स ऑफ इंडिया में पहले पन्ने पर आधे पन्ने का विज्ञापन है और आज पहले पन्ने से पहले का अधपन्ना नहीं है (नेट संस्करण में)। इसके बावजूद यह खबर सिंगल कॉलम में टॉप पर है। शीर्षक है, 20 लाख रुपए की फिरौती पाने के बावजूद अपहरणकर्ताओं ने जुड़वां भाइयों को पानी में डुबोया। टाइम्स ऑफ इंडिया ने अंदर के पन्ने पर एक औऱ खबर छापी है, जुड़वा भाइयों की हत्या के बाद नेताओं ने राजनीति शुरू की। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री ने राजनीतिज्ञों के शामिल होने का संकेत दिया।

द टेलीग्राफ में भी यह खबर पहले पन्ने पर सिंगल कॉलम में है। विस्तार अंदर के पन्ने पर है। पहले पन्ने की खबर का शीर्षक है जुड़वां भाइयों की हत्या। 10 लाइन की इस सूचना में बताया गया है कि एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि मुख्य अभियुक्त भाजपा का कार्यकर्ता है पर पार्टी ने कोई संपर्क होने से इनकार किया। अंदर यह खबर दो कॉलम में है। शीर्षक है, ऐबडक्टेड ट्विन्स किल्ड।

हिन्दी अखबारों में दैनिक भास्कर में यह पहले पन्ने पर सिंगल कॉलम में है और यह सूचना भी, कि विस्तृत खबर अंदर है। पहले पन्ने पर शीर्षक है, 20 लाख फिरौती लेने के बाद भी जुड़वां बच्चों को मार डाला। दैनिक हिन्दुस्तान में यह खबर पहले पन्ने पर नहीं है। सूचना भी नहीं। नवोदय टाइम्स में यह खबर पहले पन्ने पर नहीं है। नवभारत टाइम्स ने आज पहले पन्ने से पहले के अधपन्ने पर अपना फास्ट न्यूज कॉलम छापा है। इसमें यह पहली खबर है। शीर्षक है, अगवा जुड़वां बच्चों की हत्या, राजनीति तेज। इस खबर में लिखा है कि पुलिस ने दावा किया है कि आरोपियों की कार पर भाजपा का झंडा था। इसके बाद एमपी के सीएम कमलनाथ ने बीजेपी पर हमला बोला। फिरौती लेने के बाद मासूम भाइयों को जिन्दा नदी में फेंका, एमपी में प्रदर्शन। अमर उजाला में यह खबर पहले पन्ने पर नहीं है।

(लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं। जनसत्ता में रहते हुए लंबे समय तक सबकी ख़बर लेते रहे और सबको ख़बर देते रहे। )