टाइम्स ऑफ इंडिया ने ग़ायब की भारत में मीडिया की दुर्गति की ख़बर !

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हाल ही में मीडिया विजिल ने अपने पाठकों को ख़बर दी थी कि प्रेस की आज़ादी की कसौटी पर भारत का बुरा हाल है। ‘रिपोर्टर्स विदाउट बार्डर्स’ ने 2017 के लिए जो’प्रेस स्वतंत्रता सूचकाँक’ जारी किया है उसके मुताबिक भारत 180 देशों में 136वें स्थान पर है। पिछली बार उसका स्थान 133वाँ था,यानी तीन अंकों की गिरावट आई है।

ज़ाहिर है, भारत जैसे लोकताँत्रिक देश में मीडिया का यह हाल चौंकाने वाला है। दुनिया भर की निगाहें इस ओर उठीं हैं। भारत का स्थान तय करने वालों ने कहा है कि भारत की राष्ट्रवादी सरकार और कट्टर हिंदुत्ववादियों ने मीडिया की स्वतंत्रता को बाधित कर दिया है। मुख्यधारा का मीडिया सेल्फसेंसरशिप के मोड पर चला गया है, वहीं कुछ मीडिया घराने सरकार के मुख्यपत्र की तरह काम करते हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि सरकार के विरोध में पक्ष रखने वालों को खुलेआम देशद्रोही करार दिया जा रहा है और सरकार के ख़िलाफ़ जो पत्रकार बोल रहे हैं उन्हें ऑनलाइन निशाना बनाया जा रहा है।

ज़ाहिर है, यह रिपोर्ट देश के कुछ नामी अख़बारों ने छापी। लेकिन लगता है कि सरकार को यह भी रास नहीं आया। देश के सबसे बड़े मीडिया घराने यानी टाइम्स ऑफ़ इंडिया के ऑनलाइन संस्करण से यह ख़बर ग़ायब हो गई है। जबकि दो दिन पहले उसने इस रिपोर्ट को क़ायदे से छापा था। गूगल में खोज के दौरान यह अब भी देखा जा सकता है। लेकिन जब इस लिंक को खोलना चाहेंगे तो एरर दिखाई देगा।

ग़ौरतलब है कि टाइम्स के प्रतिद्वंद्वी हिदुस्तान टाइम्स में यह ख़बर अब भी देखी जा सकती है। हिंदुस्तान टाइम्स ने इस सिलसिले में जारी हुआ मानचित्र भी लगाया हुआ है।


वैसे प्रेस की आज़ादी के मामले में तीन अंक नीचे खिसकने के बावजूद भारत अभी पाकिस्तान से तीन अंक ऊपर है। कथित राष्ट्रवादियों के लिए यह संतोष का विषय हो सकता है, लेकिन भारतीय मीडिया के लिए यह डूब मरने की बात है।

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