मीडिया को राहुल की प्लेट में ‘नॉनवेज’ की ख़बर है, ग़रीब की थाली से ग़ायब होती रोटी की नहीं !

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विनीत कुमार 

 

आपके कारोबारी मीडिया में इतनी ताकत है कि वो राहुल गांधी ने कैलाश मान सरोवर यात्रा के दौरान नॉनवेज खाया, आपको बता दे. उसके पास ऐसे तंत्र है कि किसके कूकर, किसकी कडाही में क्या पक रहा है और उससे कैसे राष्ट्र का धर्म भ्रष्ट हो रहा है, बता दे.

इसका ये भी मतलब हुआ कि वो चाहे तो ये भी बता सकता है- किसकी थाली से रोटी गायब हो रही है, किसकी कटोरी की दाल पनियल हो गयी ? किन घरों के बच्चों ने फीस की मजबूरी में स्कूल जाना छोड़ दिया ? लेकिन वो आपको नहीं बताता.

आप ठहरकर खुद से पूछिए- क्या एक नागरिक की जिंदगी और उसके दावे दूसरी तरह की खबर बताते रहने से मजबूत होगी या फिर लोगों की थाली,कूकर, कडाही चेक करने से ? एक मेहनतकश, ईमानदार नागरिक की जिंदगी बद से बदतर क्यों होती जा रही है, इस पर कारोबारी मीडिया की चुप्पी किसके लिए सुविधाजनक स्थिति पैदा करती है ?

मुझे न तो कांग्रेस के प्रति कोई सहानुभूति है और न ही राहुल गांधी को लेकर अतिरिक्त लगाव. मेरी समझ बस इस सिरे से बनती है कि ये जो मीडिया आपके हर सवाल को, मसले को बनाम की राजनीति में धकेल देता है, वो आपका हितचिंतक दिखते हुए भी आपके जीवन में खलनायक की भूमिका में सक्रिय है.

नोट : राहुल गांधी ने काठमांडू के रेस्तरां में शाकाहारी खाना ऑर्डर किया…मद्धिम स्वर में ये खबर भी जारी है.

 

(विनीत कुमार मीडिया समीक्षक और शिक्षक हैं। )