उमा भारती के लिए तीन साल में कार्ल मार्क्‍स से महात्‍मा गांधी के अनुयायी हो गए नरेंद्र मोदी

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उमा भारती इस बार चुनावी मैदान में भले न हों लेकिन मीडिया के कैमरों और विवादास्‍पद बयानों से उन्‍होंने नाता नहीं तोड़ा है। ज़मानत पर रिहा आतंकवाद की आरोपी और भोपाल से भाजपा प्रत्‍याशी प्रज्ञा ठाकुर के साथ अभी दो दिन पहले ही अंतरंगता और प्रेम भरी उनकी तस्‍वीरें सोशल मीडिया पर आई थीं। अब उन्‍होंने सत्‍तर साल का इतिहास सिर के बल खड़ा करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तुलना महात्‍मा गांधी से कर डाली है।

उमा भारती ने कहा है कि एक मोदीजी ही ऐसे व्यक्ति हैं जो महात्मा गांधी के पदचिह्नों पर चलते हैं। वे मंगलवार को मध्य प्रदेश के सागर में भाजपा उम्मीदवार राजबहादुर सिंह के लिए प्रचार करने गई थीं। वहां उन्‍होंने नेहरू-गांधी परिवार पर निशाना साधते हुए मोदी की तुलना महात्‍मा गांधी से की।

महात्‍मा गांधी की हत्‍या नाथूराम गोडसे ने की थी। इस हत्‍या के बाद राष्‍ट्रीय स्‍वयंसेवक संघ को प्रतिबंधित कर दिया गया था। नरेंद्र मोदी उसी संघ के प्रचारक रहे हैं। गांधी की हत्‍या के बाद 2014 में ऐसा पहली बार हुआ कि आरएसएस का कोई प्रचारक पूर्ण बहुमत के साथ देश का प्रधानमंत्री बना। अगले पांच साल तक गांधी को दक्षिणपंथी संगठन अपशब्‍द कहते रहे। यहां तक कि पिछले दिनों हिंदू महासभा की एक नेत्री ने उत्‍तर प्रदेश में गांधी के पुतले पर गोली चलाकर नाथूराम गोडसे की विरासत पर दावा किया।

उमा भारती ने अब गांधी और उनके हत्‍यारों के बीच के संबंध को सिर के बल खड़ा कर दिया है। सागर में प्रचार करने आई भारती ने कहा कि कांग्रेस में ‘गांधी’ शब्द महात्मा गांधी से नहीं, बल्कि फिरोज गांधी से आया है। फिरोज के जवाहरलाल नेहरू के साथ अच्छे संबंध नहीं थे। उनको गांधी सरनेम प्रयोग करने का अधिकार नहीं था, लेकिन उन्होंने सोचा कि यह गांधी शब्द उन्हें आदर-सम्मान दिलाएगा, इसलिए उन्होंने इसे अपने नाम के साथ जोड़ लिया।

इसके बाद उमा ने नरेंद्र मोदी को गांधी का अनुयायी बता डाला। इससे पहले उमा भारती ने नोटबंदी के दौरान उसकी सराहना करते हुए नरेंद्र मोदी को कार्ल मार्क्स का सच्‍चा शिष्‍य करार दिया था

 


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