सोनू सूद के ट्विटर टाइमलाइन से, उनके काम की इमोशनल कहानी

आदर्श तिवारी
ख़बर Published On :


सोनू सूद भईया, प्रणाम, जब सब ठीक हो जाइए त हमरा गांव अइहा, हमर माई तोहरा के लिट्टी चोखा खिआई, माई कहत बाड़ी कि ओनकर सोनू बबुआ जुग-जुग  जियस और ख़ूब तरक्की करस. 

भोजपुरी भाषा में ये ट्वीट किया है अमरेंद्र कुमार ने, जिनको सोनू सूद ने मुंबई से घर भेजने की व्यवस्था की है। ट्वीट का मतलब है जब सब ठीक हो जाएगा तो हमारे गांव आइयेगा। मेरी माँ आपको लिट्टी-चोखा खिलाएंगी। मेरी माँ कह रही हैं कि सोनू बाबू ख़ूब जिएं और खूब तरक्की करे। अमरेंद्र कुमार के ट्वीट के जवाब में सोनू सूद ट्वीट करते हैं माई का चरणस्पर्श, धीरे-धीरे सब ठीक हो जाई। 

इस ट्वीट के नीचे कई कमेंट्स में से एक कमेंट पर नज़र ठहरी, जिसमें लिखा है कि जो काम एक जवाबदेह सरकार को करना चाहिए। वो काम एक इंसान कर रहा है। वाकई आज दिख गया कि इंसान चाहे तो सरकार का रूप ले सकता है। दरअसल इस स्टोरी का सार ये कमेंट भी हो सकता है।

ये कमेंट सत्ता पर सवाल उठाते हुए उसके होने न होने पर सवाल उठाता है। सोनू सूद के इस काम को आधार बनाकर सत्ता से चंद सवाल भी किये ही जा सकते हैं लेकिन सोनू सूद के नेक काम को आप तक पहुंचाना ही सिर्फ़ इस लेख का मकसद है। नहीं तो जिनको मदद करनी चाहिए, जिनको सड़क पर उतरना चाहिए था, जो स्वयं को जनप्रतिनिधि कहते हैं। वो और उनके जैसे अन्य ट्विटर पर सोनू सूद को बधाई दे रहे हैं।

Thanks for your encouraging words sir 🙏 Doing my duty 🙏 https://t.co/czOjCMnBO0

— sonu sood (@SonuSood) May 23, 2020

तो बात ये है कि सोनू सूद ने अपने ख़र्च पर मुंबई में फंसे करीब 12 से 15 हज़ार लोगों के लिए बसों की व्यवस्था की और उन सब को उनके घर पहुंचा दिया है। और अभी भी लगातार वो लोगों को घर पहुंचाने में मदद कर रहे हैं। लोगों से बात करके मदद पहुंचाने में सोशल मीडिया असल में सोशल मीडिया का काम कर रहा है। वो भी इसमें ट्विटर असली  भूमिका निभा रहा है। 

इसलिए इस लेख में हम आपके लिए ले आए हैं सोनू सूद की ट्विटर टाइमलाइन 

सोनू सूद के द्वारा मदद किये जाने के ट्वीट इतने हो चुके हैं कि सैकड़ों पन्ने भरने पड़ेंगे लेकिन हम इस कहानी को थोड़ा बैकग्राउंड में जाकर समझते हैं। बॉलीवुड में बहुत से कलाकारों के लिए कहा जाता है कि वो देखो रातों रात स्टार बन गया लेकिन बॉलीवुड के सोनू सूद रील लाइफ में तो स्टार थे ही अब वो हज़ारों लोगों के लिए रियल लाइफ में मसीहा और लाखों-करोड़ों लोगों के लिए रियल लाइफ में भी स्टार बन गए हैं। हम सब जानते हैं कि कोरोना महामारी के चलते हर राज्य से प्रवासी मजदूरों के सामने रोजगार और खाने की समस्या खड़ी हो गयी है। जिसकी वजह से देश भर की सड़कों पर लाखों की संख्या में मजदूर पैदल ही हजारों किलोमीटर का सफ़र तय करके अपने घर की ओर चल पड़े ताकि रोटी चटनी ही सही खाने को तो कुछ होगा और सर के उपर अपनी कच्ची-पक्की छत तो होगी। जिसका किराया नहीं देना होगा। लेकिन बहुत से मजदूर अपने घर नहीं पहुंचे। शहर छोड़ कर घर पहुंचने के बजाय वो ये दुनिया ही छोड़ गए। कहीं रेलवे ट्रैक पर सोते मजदूरों के ऊपर से ट्रेन गुजर गयी तो कहीं सड़क हादसों की वजह से ये गरीब मजदूर शहर के साथ ही दुनिया भी छोड़ गए।

4 मई 2020 को सोनू सूद ने एक ट्वीट किया मेरा सोचना है कि सभी प्रवासियों के  उनके घर पहुंचने की यात्रा बिल्कुल मुफ्त होनी चाहिए। असल में उन्हें कुछ पैसे भी दिए जाने चाहिए ताकि वो जब घर पहुंचे तो उनके पास एक-दो दिन के लिए गुज़ारे की समस्या न हो। हर राज्य से बिना किराया लिए ट्रेन और बस चलनी चाहिए। 

इस ट्वीट में सोनू सूद स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय को भी मेंशन करते हैं।

इसके बाद सोनू सूद अपने ट्वीट के माध्यम से सड़क पर चल रही गर्भवती महिलाओं और बच्चों को देख कर उनके घर तक पहुंचने की प्रार्थना करते हैं। आपको बता दें कि ये प्रार्थना सिर्फ़ प्रार्थना तक ही सीमित नहीं रही बल्कि जैसे किसी सुपरहिट फ़िल्म के लिए एक जानदार स्क्रिप्ट की ज़रूरत होती है ठीक वैसे ही 7 मई को सोनू एक ट्वीट में लिखते हैं कि अब समय आ गया कि जब ये प्रवासी अपने परिवारों के साथ हों। मैं जानता हूं कि इनकी मदद को कदम उठाए जा रहे हैं लेकिन मुझे अभी भी लगता है कि हाईवे पर छोटे बच्चों के साथ भूखे पेट चल रहे गरीब परिवारों को इनके घर तक पहुंचाने के लिए और ज़ोरदार कोशिश की जानी चाहिए।

इसके बाद किये गए सोनू सूद के हर ट्वीट में इन लोगों को घर पहुंचाने की और खुद कुछ न कर पाने की बेचैनी देखी जा सकती है।  

अब वापस आते हैं सोनू सूद की ट्विटर टाइमलाइन पर। सोमवार की अल सुबह, ये स्टोरी लिखे जाते समय भी सोनू सूद लोगों को ट्विटर पर जवाब दे रहे हैं। सोनू सूद को साद अहमद एक ट्वीट करते हैं कि सर इन लोगों की भी हेल्प कर दें, ये मैसेज नहीं कर सकते, उनको नहीं आता, लेकिन दुआ में ज़रूर याद रखा जायेगा, आपको हमेशा। 


इस ट्वीट के जवाब में सोनू सूद लिखते हैं जो लोग मैसेज नहीं कर सकते..उनका मैसेज सबसे पहले पहुंचता है। यह सब घर जा रहे हैं। मैसेज दे देना उन्हें।

ठीक इसके बाद जावेद हुसैन एक ट्वीट करते हैं कि आपसे गुजारिश है कि यूपी के गोंडा जिले में रहने वाला भाई मुंबई में श्रीकांत तिवारी कई महीनों से फंसा हुआ है। उसकी कोई मदद नहीं हो पा रही है। आपने हजारों की मदद की इनकी भी करें और घर पहुंचाने की कृपा करें। 

सोनू सूद जावेद के ट्वीट का जवाब देते हुए कहते हैं डिटेल्स भेज, आपका भाई आपके पास आ रहा है।

जावेद का ये ट्वीट इस लिहाज़ से भी ज़रूरी है कि एक मुस्लिम एक हिंदू को भाई कहके रात को तीन बजे मदद मांग रहा है। गुजारिश कर रहा है। दरअसल ये है इनक्रेडिबल इंडिया! 

आगे बढ़ते हैं..

सिवान के अनुज सिंह बिहार के व्यक्ति के लिए मदद मांगते है जिसके जवाब में सोनू सूद ने कहा, “समझो हो गया”

एक्टर मनीष नाम के एक यूजर ने बस के अंदर की फ़ोटो के साथ ट्वीट किया कि सर हम लोग सही सलामत पहुंचेंगे। आपके प्यार और और सपोर्ट से माँ के पास पहुंचने वाला हूँ भईया।

सोनू सूद मनीष के ट्वीट का जवाब देते हुए ट्वीट करते हैं कि वाह..पहुंच गए न माँ के पास।

सोनू सूद के इतनी रात में जागते हुए लोगों के ट्वीट का जवाब देने पर अनन्या गुप्ता ट्वीट करती हैं कि आप सोते नहीं हैं सर ?

यहां सोनू सूद का जवाब इस देश के हर नेता और अपने आपको जनप्रतिनिधि कहने वालों को ज़रुर पढना चाहिए। सोनू सूद अनन्या गुप्ता को ट्वीट करके कहते हैं कि उन सबको घर पहुंच जाने दो फ़िर हम सब को अच्छी नींद मिलेगी। 

अंकुर ठाकुर ट्वीट करके कहते हैं कि आज दबंग मूवी देख रहा था और लास्ट में ऐसी फीलिंग आई कि सोनू सूद जीत जाए। लव यू भाई, बहुत सही जा रहे हो।

सोनू सूद जवाब देते हैं कि घर भेज कर जो जीत मिलती है न भाई वो अमूल्य है।

इसी तरह मुंबई में फंसे हुए हुए रवि इश्क सोनू सूद को ट्वीट करके मदद मांगते हैं और लिखते हैं कि सर कांदिवली में फंसा हुआ हूँ। अकेले हूँ। बहुत दिक्कत है, अपने सच्चे प्यार माँ-पापा के पास जाना है फ़िर चाहे मर भी जाएं तो गम न होगा।

सोनू सूद रवि को जवाब देते हुए ट्वीट करते हैं कि मरेंगे तेरे दुश्मन। चल माँ पापा से मिलवाकर लाता हूँ।

करण बग्गा, सोनू सूद की तुलना भगवान से करते हैं तो सोनू सूद का जवाब आता है कि भगवान तो सड़कों पर पैदल निकल पड़े हैं दोस्त। आम इंसान उन्हें घर पहुंचाने का काम कर रहे हैं।

राहुल कुमार शुक्ल ट्वीट करके सोनू सूद से प्रयागराज जाने की मदद मांगते हैं तो सोनू सूद ट्वीट करके कहते हैं कि तैयारी रखना, भविष्यवाणी कभी भी हो सकती है। करता हूँ कुछ।

सचिन कुमार सिंह ट्वीट करते हुए सोनू सूद से उनका यूपीआई नंबर मांगते हैं ताकि वो सोनू सूद को उनके द्वारा किये जा रहे काम के लिए कुछ रुपए भेज सकें। सचिन के ट्वीट का जवाब देते हुए सोनू सूद कहते हैं कि परेशान मत हो, मैं हूँ अभी, तुम किसी और को उन्हीं पैसों से खाना खिला दो। उन्हें हमारी ज़रूरत है।

अमित कुमार ट्वीट करते हुए कहते हैं कि जब हम बूढ़े होंगे तो अपने बच्चों को कहानियां सुनाएंगे कि उस दौर में एक मसीहा था। जिसने उन श्रमिकों को उनके घर पहुंचाया था। जब उनकी उम्मीदें टूट चुकी थीं और मसीहा का नाम सोनू सूद..

सोनू सूद बड़ी सादगी से ट्वीट का जवाब देते हैं कि बहुत आभार

मोहम्मद फ़िरोज़ खान ट्वीट करते हैं कि भाई तो मेरा भी फंसा हुआ है सर पर वो तो केरल में है। फ़िरोज़ के ट्वीट का जवाब देते हुए सोनू ट्वीट करते हैं कि दो दिन दे भाई, उसके बाद केरल के पीछे पड़ता हूँ।

शहीद शेख ट्वीट करके बिहार जाने की मदद मांगते हैं तो सोनू सूद जवाब देते हैं कि आप कल जा रहे हैं। आपका परसों का नाश्ता आपके घर पर होगा। तैयार रहो।

राणा ट्वीट करते हैं कि मेरे गांव के 30 लोग जिसमें से कुछ महिलाएं भी हैं, वो लोग मुंबई में फंसे हैं। उन्हें घर जाना है। 

सोनू सूद ने राणा को ट्वीट करके कहा, “उनसे कहो संपर्क करें, उनका गांव बुला रहा है।” 

प्रवासी मजदूरों की स्थिति को दर्शाता एक ट्वीट विनोद कुमार करते हैं वो लिखते हैं कि यूपी में कहीं भी भेज दो सर, वहां से पैदल चले जाएंगे अपने गांव।

पैदल ही न चलना पड़े इस वजह से तो सोनू सूद आगे आकर मदद कर रहे हैं तो विनोद को भी कैसे पैदल जाने देते ? सोनू सूद ने विनोद को ट्वीट करते हुए लिखा कि पैदल क्यों जाओगे मेरे दोस्त ? नंबर भेजो 

ऐसे हजारों ट्वीट आपको सोनू सूद के ट्विटर पर मिलेंगे जहां वो लंबे-लंबे संबोधन नहीं देते बल्कि चंद शब्दों में ही मदद कर देते हैं। जो आंसू और दर्द सोनू सूद ने महसूस किया। वो आंसू और दर्द आखिर हमारे नेताओं ने क्यों नहीं महसूस किया ? खैर, इस ट्वीट के साथ अपनी बात खत्म करेंगे जहां सचिन नाम के एक ट्विटर यूजर ने एक फ़ोटो ट्वीट की है। जिस पर लिखा है कोरोना वैक्सीन का तो पता नहीं मगर सोनू भाई ने हज़ारों प्रवासियों के लिए वैक्सीन का काम किया है। 


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