प्रियंका ने ‘दयालु मोदी की फ़ेक न्यूज़’ पर दे मारा लुटियन बंगला !

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प्रियंका गाँधी का बंगला खाली कराने की बड़ी कार्रवाई समझने  वाले लोगों को तब ख़ासी निराशा हुई जब प्रियंका गाँधी ने इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। यूपी में काफ़ी सक्रिय हो चलीं प्रियंका गाँधी के बारे में यह चर्चा आम थी के वे अब लखनऊ में क़याम करेंगी। एक रिश्तेदार का खाली पड़ा बंगला इसके लिए तैयार किया जा रहा है। ऐसा लगता है कि सत्ता को प्रियंका का यह तेवर तीर खाली जाने जैसा लगा और अचानक तमाम जगह यह ख़बर छपी कि प्रियंका ने बंगला न खाली कराने का अनुरोध किया है जिसे ‘महादयालु’ मोदी जी ने मान लिया है।

गाँधी परिवार को ज़रा सा भी जानने वालों को इस पर यक़ीन नहीं हुआ। सबको पता है कि जब एसपीजी सुरक्षा हटाने की सुगबुगाहट भर थी तो भी प्रियंका गाँधी इसे वापस लेने की पेशकश खुद कर दी थी। ऐसे में बंगले को लेकर बीजेपी सरकार से गिड़गिड़ाने का सवाल ही नहीं था। और हुआ भी यही। ख़ुद प्रियंका गाँधी ने ट्वीट करके इन ख़बरों को फ़र्जी़ क़रार दिया। उन्होंन साफ़ कहा कि वे नोटिस के हिसाब से 1 अगस्त के पहले लोधी इस्टेट का बंगला ख़ाली कर देंगी।

हद तो ये है कि इस ख़बर को कई जगह बाईलाइन के साथ छापा गया था। जैसे बीजेपी के मुखपत्र की तरह व्यवहार करने वाले ‘नंबर एक’ दैनिक जागरण में यह फ़ेक ख़बर कृष्ण बिहारी सिंह की बाईलाइन के साथ छपी थी। ज़ाहिर है, किरकिरी हो रही थी। ऐसे में शहरी विकामंत्री हरदीप पुरी ने ट्वीट करके मामले को ट्विस्ट दिया कि उनके पास कांग्रेस के एक बड़े नेता ने फोन करके इस सिलसिले में सिफारिश की थी। लेकिन ख़बर तो यह छपी थी कि प्रियंका ने इस बाबत खुद अनुरोध किया था। ज़ाहिर है, प्रियंका ने हरदीप पुरी को तथ्य दुरुस्त करने के लिए ट्विवटर पर तुरंत जवाब दिया।

If someone called you Mr Puri, I thank them for their concern, and thank you for your consideration as well but it still does not change the facts: I have made no such request, and I am making no such request. As I said, I will be vacating the house by the 1st of August..1/2 https://t.co/jeHSZAf4MR

प्रियंका ने लिखा – मिस्टर पुरी अगर आपको किसी ने फोन किया था, तो मैं उन्हें धन्यवाद देती हूँ कि उन्होंने मेरी इतनी फिक्र की. इस पर विचार करने के लिए आपको भी शुक्रिया, लेकिन इससे ये हकीकत बदल नहीं जाती कि मैंने ऐसा कोई अनुरोध नहीं किया था और न ही अब कर रही हूं. और जैसा कि मैंने पहले भी कहा है, मैं सरकारी चिट्ठी में दिए निर्देश के मुताबिक 1 अगस्त तक मकान खाली कर दूंगी.

ऐसे में सवाल उठता है कि जब प्रियंका ने कोई अनुरोध किया ही नहीं तो मोदी जी ने दयालुता दिखायी कैसे? ऐसे मामलों में कोई भी अनुरोध लिखित ही हो सकता है जिसे ख़बर प्लांट कराने वालों ने बाईलाइन लूटने को बेक़रार पत्रकारों को नहीं दिया था और उन्होने भी परवाह नहीं की।

प्रियंका कहाँ रहती हैं, ये उनका व्यक्तिगत मसला है पर मीडिया का सरकार का इस तरह सुपारी किलर बन जाना पूरे देश की चिंता का मसला है, होना चाहिए।

 



 


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