झारखंड: दुकानों को ‘हिंदू’ बनाने वाले विहिप के बैनर हटे, मुक़दमा दर्ज

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एहसान राज़ी1 के ट्विटर से साभार


विश्व हिंदू परिषद के नाम से दी जा रही स्वीकृति वाली दुकानों पर कार्रवाई

सोशल मीडिया पर मुस्लिमों के लिए नफ़रत फ़ैलाने के लिए दिन भर फ़ेक न्यूज़ का सिलसिला चलता रहता है। साथ ही अधिकतर टीवी चैनल भी अपने कार्यक्रमों से धार्मिक कट्टरता की अफ़ीम बांटते रहते हैं। उसी की एक बानगी ऊपर लगी तस्वीर में देख सकते हैं। दरअसल एहसान राज़ी1 नाम के ट्विटर हैंडल से दो तस्वीरें 25 अप्रैल 2020 को सुबह 4 बजकर 54 मिनट पर पोस्ट की जाती हैं। तस्वीर में आप देख सकते हैं कि फ़ल की दुकान पर आगे की तरफ़ एक बैनर लगा है जिस पर लिखा है विश्व हिंदू परिषद की अनुमोदित हिंदू फ़ल दुकान। इसका मलतब कि ये फ़ल की दुकान विश्व हिंदू परिषद द्वारा स्वीकृत/अप्रूव्ड है। साथ ही उस ट्वीट में लिखा है कि “हमारे राज्य के लिए ये बहुत ही शर्म की बात है कि हम हिंदू मुस्लिम नफ़रत में यहाँ तक जा रहे हैं। अब झारखंड सरकार और राज्य प्राधिकरण के बजाय ये लोग व्यापार की अनुमति देंगे।”

झारखंड पुलिस ने ने किया मामला दर्ज़

झारखंड पुलिस के ट्विटर से साभार
जमशेदपुर पुलिस के ट्विटर से साभार

इस ट्वीट में यूज़र ने झारखंड सीएमओ, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, जमशेदपुर पुलिस, झारखंड पुलिस और झारखंड मुक्ति मोर्चा को टैग किया था। इस ट्वीट पर झारखंड पुलिस ने 25 अप्रैल 2020 को 12 बजकर 10 मिनट (दोपहर) पर एसएसपी जमशेदपुर को टैग करते हुए मामले का संज्ञान लेकर ज़रूरी कार्रवाई करने को कहा। 25 अप्रैल 2020 को ही 2 बजकर 12 मिनट पर जमशेदपुर पुलिस ने झारखंड पुलिस के ट्वीट का जवाब देते हुए एक ट्वीट किया कि “मामले का तत्काल संज्ञान लेते हुए संबंधित फल दुकानों से पोस्टर हटवा दिया गया है तथा संबंधित दुकानदारों के विरुद्ध कदमा थाना द्वारा धारा- 107, दंड प्रक्रिया संहिता के तहत निरोधात्मक कार्रवाई की जा रही है।”

प्रधानमंत्री दें रमज़ान की बधाई और प्रवक्ता मुस्लिमों के लिए फैलाएं फर्ज़ी खबर

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ट्विटर से साभार

पुलिस तो अपनी कार्रवाई कर चुकी, लेकिन समाज में हिंदू मुस्लिम के नाम पर नफ़रत फ़ैलाने और कट्टरता को बढ़ावा देने के लिए, सोशल मीडिया पर और अधिकतर टीवी चैनलों पर जिस तरह से भड़काऊ बातें की जाती हैं, वो समाज में सौहार्द का समाप्त करने की कोशिश है। मुस्लिमों के ख़िलाफ़ रोज़ ऐसी ख़बरें फैलायी जाती हैं, जिनका सत्य से कोई लेना देना नहीं होता। उसके बावजूद ये खबरें  सोशल मीडिया पर चलती रहती हैं। हजारों शेयर और हजारों रीट्वीट के बाद इन खबरों का खंडन भी आ जाता है। इनके फेक होने का सबूत भी आ जाता है लेकिन तब तक ये ख़बरें समाज में मुस्लिमों के प्रति नफ़रत फ़ैलाने का काम लगभग पूरा कर चुकी होती हैं। इसी तरह की एक घटना को लेकर ऑल्ट न्यूज़ ने बताया कि ये फर्जी ख़बर है और पुलिस ने भी इस ख़बर को फर्जी बताया है लेकिन उसके बाद भी वो वीडियो उन ब्लू टिक वालेट्विटर से नहीं हटाये गए। एक तरफ़ प्रधानमंत्री रमज़ान की मुबारकबाद देते हैं तो दूसरी तरफ़ उनकी पार्टी के प्रवक्ता मुस्लिमों के ख़िलाफ़ फर्जी ख़बर फ़ैलाने में यकीन रखते हैं।

ऑल्ट न्यूज़ के ट्विटर से साभार

सवाल एक और है कि राज्य और केंद्र सरकार के होते हुए विश्व हिंदू परिषद किस अधिकार से फलों की दुकान को या किसी अन्य व्यापार के लिए दुकानों को अनुमोदित कर रहा है? या कोई और विहिप का नाम लेकर समाज में नफ़रत फ़ैलाने का प्रयत्न कर रहा है।  मामले पर विश्व हिंदू परिषद ने अभी कुछ नहीं कहा है। विश्व हिंदू परिषद की तरफ़ से उनका पक्ष आने पर ख़बर अपडेट कर दी जाएगी। वैसे प्रधानमंत्री मोदी जब सौहार्द की अपील करते हैं तो क्या विश्व हिंदू परिषद और बीजेपी का आईटी सेल उससे बरी रहता है, क्या उन्हें प्रधानमंत्री को गंभीरता से न लेने का निर्देश है?


 


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