UP : शामली में News 24 के रिपोर्टर को GRP ने पीटा, दो लाइनहाजिर, निलंबन का आदेश

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उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा बीते एक सप्ताह में करीब सात पत्रकारों की गिरफ़्तारी के बाद अब प्रदेश के शामली में ख़बर कवर करने गये एक और पत्रकार पर रेलवे पुलिस ने हमला कर दिया. पीड़ित पत्रकार शामली में पटरी से उतर गई एक मालगाड़ी की रिपोर्टिंग करने गये थे. पीड़ित पत्रकार अमित शर्मा न्यूज़ 24 चैनल के लिए काम करते हैं. घटना 11 जून की रात की है. मामले में शामिल एसएचओ राकेश कुमार और जीआरपी के कांस्टेबल संजय पवार को निलंबित कर दिया गया है.

इस घटना के दो वीडियो सामने आये हैं. पहले वीडियो में कई लोग खड़े हैं, जिनमें कुछ पुलिस की वर्दी में और कुछ बिना वर्दी के हैं. इस वीडियो में सबसे पहले सफ़ेद कमीज पहना हुआ एक व्यक्ति अचानक से पत्रकार पर हमला करता है, उस पर थप्पड़ और घूंसे बरसता है, वर्दी में खड़ा एक सिपाही पत्रकार को गले से पकड़ता है. उसके बाद स्लेटी रंग के टी-शर्ट पहने जीआरपी एसएचओ पत्रकार को मारने लगता है.

पीड़ित पत्रकार ने आरोप लगाया है कि सादी वर्दी में पुलिस वालों ने मार कर उनके कैमरे को नीचे गिरा दिया, जब कैमरा उठाया तो पुलिस वालों ने गाली देते हुए मारना शुरू कर दिया. मारपीट के बाद पीड़ित पत्रकार को शामली स्थित जीआरपी पुलिस स्टेशन के लॉकअप में ले जाकर भी बेरहमी से पिटाई की गई और कपड़े उतरवाकर उसे पेशाब पीने के लिए मजबूर किया गया, ऐसा पत्रकार ने दावा किया है.

दूसरे वीडियो में लॉकअप में बंद पत्रकार बाकायदा एसओ की मौजूदगी में बता रहा है कि उसके मुंह में पेशाब किया गया है, मगर मीडिया के सामने योगी सरकार का यह एसएचओ कहता है जो दिखाना है दिखाओ, कोई फर्क नहीं पड़ता है.

यूपी पुलिस ने ट्वीट कर कहा है कि घटना की वीडियो देखने के बाद- जिसमें एक पत्रकार को मारपीट कर हवालात में डाल दिया गया है- डीजीपी यूपी ओपी सिंह ने एसएचओ जीआरपी शामली राकेश कुमार और कांस्टेबल संजय पंवार को तत्काल निलंबित करने का आदेश दिया है. नागरिकों के साथ दुर्व्यवहार करने वाले पुलिसकर्मियों को कड़ी सजा दी जाएगी.

मुरादाबाद के जीआरपी अधीक्षक की ओर से भी ट्वीट कर लिखा गया है -“उक्त प्रकरण में तत्काल प्रभाव से इंस्पेक्टर जीआरपी शामली राकेश कुमार व आरक्षी संजय पवार को लाइन हाजिर कर दिया गया है”.

एक तरफ बीते सप्ताह में यूपी और दिल्ली एनसीआर से गिरफ्तार किये गये पत्रकारों ने यूपी पुलिस और योगी सरकार को आलोचना के केंद्र में खड़ा कर दिया. देश भर में इन घटनाओं की आलोचना हो रही है.

कल ही सुप्रीम कोर्ट ने उत्‍तर प्रदेश के मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ पर ‘’आपत्तिजनक’’ टिप्‍पणी करने के ‘’जुर्म’’ में शनिवार को यूपी पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए प्रशांत कनौजिया को तुरंत रिहा करने का आदेश दिया था. ऐसे में इस नई घटना ने उत्तर प्रदेश सरकार पर एक और प्रश्न चिह्न लगा दिया है.


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