कोरोना: तीसरे नंबर पर भारत, पीएम केयर घोटाला और मीडिया का मोदियाबिंद

संजय कुमार सिंह संजय कुमार सिंह
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गोमूत्र से ठीक होने वाले कोरोना के संक्रमितों की संख्या के मामले में भारत तीसरे नंबर पर पहुंचा। 21 दिन में कोरोना के खिलाफ जीते जाने वाले युद्ध की अब चर्चा भी नहीं होती है। 

कोरोना संक्रमण के मामले में भारत तीसरे स्थान पर पहुंच गया है। रूस को पीछे छोड़ चुके भारत के आगे अब अमेरिका और ब्राजील ही हैं। हालांकि, भारत में अभी कोरोना के 6.87 लाख मामले हैं और करीब 20 हजार लोग मरे हैं। इस हिसाब से अमेरिका बहुत आगे है। वहां 29 लाख से ज्यादा केस, 1.32 लाख मौतें हो चुकी हैं और कहा जा सकता है कि भारत तीसरे नंबर पर रहते हुए भी अमेरिका से बहुत पीछे हैं। पता नहीं यह अच्छी बात है या बुरी पर सच है। नेता लोग अपने हिसाब से पेश करेंगे। नेता लोग जो करें कोरोना मामले में आम जनता को डराना गैरकानूनी है इसलिए मैं आपको डरा नहीं रहा सिर्फ बता रहा हूं औऱ आप बताने से ही न डर जाए इसलिए यह भी जान लीजिए कि भारत को अभी दूसरे नंबर पर पहुंचने में भी समय लगेगा। ब्राजील में मामले अभी भारत के मुकाबले दूने से भी ज्यादा हैं। इसलिए यह दावा अभी कुछ दिन और किया जा सकता है कि समय पर लॉक डाउन से हम फायदे में रहे।   

आइए, आज आपको बताऊं कि इस पर कौन क्या कह रहा है। मुख्य रूप से ट्वीटर और फेसबुक पर। राहुल गांधी ने आज एक वीडियो ट्वीट किया है जिसमें प्रधानमंत्री ने ताली-थाली बजाने और बत्ती बुझाकर दीया मोमबत्ती जलाने की अपील की थी। इसमें कहा था कि महाभारत का युद्ध 18 दिन में जीता गया था कोराना के खिलाफ युद्ध में 21 दिन लगने वाले हैं। इस वीडियो में एक तरफ दिन की संख्या दिख रही है और दूसरी तरफ कोरोना के मामले में भारत का रैंक। बीच में एक बढ़ती लाल रेखा संक्रमितों की बढ़ती संख्या बता रही है।

 

राहुल गांधी ने लिखा है, नाकामियों पर भविष्य के एचबीएस (हावर्ड बिजनेस स्कूल) केस स्टडीज (1) कोविड-19 (2) नोटबंदी (3)  जीएसटी लागू किया जाना। इस स्थिति के बीच, ‘गो कोरोना गो’ जैसे जाप और गोमूत्र से कोराना ठीक होने जैसे दावे याद कीजिए। इसके बावजूद यह सच है कि त्रिपुरा के भाजपाई मुख्यमंत्री बिपलब कुमार देब ने हर शनिवार, आम लोगों को नींबू और अनानास का रस मुफ्त बांटने के लिए एक करोड़ रुपए आवंटित किए हैं। उन्होंने अपनी मां को गर्म पानी में अदरक पिलाते हुए अपनी तस्वीर भी सार्वजनिक की है। यही नहीं त्रिपुरा सरकार के आधिकारिक ट्वीटर हैंडल से इसका वीडियो भी शेयर किया गया है और कहा गया है कि इससे मुख्यमंत्री की मां में कोरोना वायरस से लड़ने के लिए प्रतिरक्षण बढ़ेगा।  

टाइम्स ऑफ इंडिया में सुषमी डे की बाईलाइन से एक खबर है, विज्ञान व प्रौद्योगिकी मंत्री ने एक विज्ञप्ति में कहा कि कोरोना का वैक्सीन 2021 से पहले संभव नहीं है, बाद में इसे डिलीट कर दिया। अखबार ने पूछा है कि क्या इसे आशावादी दिखने के लिए डिलीट किया गया। आप जानते हैं कि इससे पहले आईसीएमआर कह चुका है कि भारत बायोटेक का वैक्सीन 15 अगस्त से पहले तैयार हो जाना चाहिए और इसे लेकर नैतिक बहस छिड़ी हुई है। यह भी कहा जा रहा है कि आईसीएमआर इस कोशिश में है कि प्रधानमंत्री 15अगस्त को कोरोना के वैक्सीन की घोषणा कर सकें। देसी उत्पादों और मेड इन इंडिया को लगाए जा रहे इस इंजेक्शन की खबर से याद आया कि कल और आज सोशल मीडिया पर कई खबरें दिखी जिनसे पता चलता है कि पीएम केयर्स से पैसे से खरीदे गए देसी वेंटीलेटर खबर हैं और यह एक बड़ा घोटाला लगता है। 

समय पर वेंटीलेटर अस्पतालों में नहीं पहुंचे जबकि भाजापा ने दावा किया था कि 50 साल में भारतीय अस्पतालों में जितने वेंटीलेटर खरीदे गए उतने पीएम केयर्स से खरीदे जा रहे हैं। पर वेंटीलेटर किस अस्पताल में कितने पहुंचे यह अभी तक नहीं बताया गया है। घोटाले की खबर नहीं छपती है इसलिए मुमकिन है, आपको न दिखे। आप ढूंढ़िए कि पीएम केयर्स के पैसे से वेंटीलेटर लगने की कोई खबर है क्या? वैसे भी, साकेत गोखले ने बताया है कि पीएमओ ने मीडिया संस्थानों को यह निर्देश दिया है कि पीएम केयर्स के वेंटीलेटर घोटाले पर चुप रहें। शायद इसीलिए कल टाइम्स ऑफ इंडिया ने इसकी खबर कोरोना के मामले बढ़ने की कांग्रेस की चिन्ता के साथ दी थी जो शीर्षक में नहीं था।

चार घंटे की सूचना पर लॉकडाउन और बिना किसी नियंत्रण के अनलॉक किए जाने के बीच यह खबर भी आई कि कोरोना से मौत दो प्रतिशत लोगों की ही होती है और बुजुर्ग ज्यादा प्रभावित होते हैं। साकेत गोखले ने प्रधानमंत्री के ट्वीट के हवाले से बताया है कि लॉकडाउन के बाद (चार अप्रैल को) उन्होंने पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रम्प से और फिर ब्राजील के राष्ट्रपति से फोन पर लाभप्रद बातें की थी। अमेरिका के राष्ट्रपति से तय हुआ था कि कोविड-19 से लड़ने के लिए भारत अमेरिकी साझेदारी को पूरी ताकत में लगाया जाएगा जबकि ब्राजील से तय हुआ था कि भारत और ब्राजील कैसे इस महामारी से मिलकर लड़ सकते हैं। आज यह संयोग ही है कि यही दो देश संक्रमितों और मौतों के मामले में भारत से आगे हैं।  

सच यह है कि भारत की आधी आबादी को कोरोना हो जाए और उसके दो प्रतिशत की मौत हो जाए तो मरने वालों की संख्या 1.30 करोड़ से ज्यादा होगी। इसी तरह कोरोना से मरने वाले बुजुर्ग ज्यादा होते हैं – का भी कोई मतलब नहीं है। आज ही एक मित्र ने कोरोना से 24 साल की लड़की की मौत की खबर दी है। सरकार क्या कर रही है मुझे नहीं पता लेकिन मास्क लगवाने पर पूरा जोर है और जुर्माना भी। बाकी अस्पतालों में जगह नहीं है और दूसरी बीमारियों का इलाज भी मुश्किल – यह सब तो पुरानी खबर है। 



लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं।



 


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