JNU: छात्रों और शिक्षकों पर लाठीचार्ज के खिलाफ JNUTA का विरोध प्रदर्शन आज

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जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा प्रस्तावित फीस वृद्धि व अन्य नियमों के खिलाफ कल जेएनयू छात्रों के संसद मार्च के दौरान छात्रों और शिक्षकों पर पुलिस द्वारा बर्बर लाठी चार्ज और दमन के खिलाफ आज शाम जेएनयू शिक्षक संघ जेएनयूटीए (JNUTA) विरोध प्रदर्शन करेंगे।

केंद्रीय मानव संसाधन मंत्रालय और जेएनयू प्रशासन की मनमानी रवैया के खिलाफ जेएनयू छात्र संघ के नेतृत्व में छात्र बीते तीन सप्ताह से लगातार हड़ताल पर हैं।

कल छात्रों के मार्च को शाम को सफदरगंज के इलाके के पास पुलिस ने रोक लिया था। अंधेरा होने पर भी छात्र सड़क पर ही डटे हुए हुए थे। उन्होंने मांग रखी थी कि वे तब तक नहीं हटेंगे जब तक उनके छात्रसंघ के अध्यक्ष को पुलिस हिरासत से छोड़ा नहीं जाता है। हालांकि, पुलिस ऐक्शन में आई है और उन्होंने इलाके की स्ट्रीट लाइट बंद करते हुए छात्रों को पीछे की ओर खदेड़ना शुरू कर दिया।

बीते कल यानी 18 नवंबर को छात्रों ने फीस बढ़ोतरी की वापसी व अन्य प्रस्तावित नियमों को वापस लेने की मांग के साथ जेएनयू से संसद तक की मार्च का आयोजन किया था।

JNUSU President Comrade Aishe Ghosh addressing the JNU student community after meeting Union HRD Minister Dr. Ramesh Pokhriyal Nishank, who was the Guest of Honour for JNU Convocation Ceremony.#JNUSU #RollBackIHAManual

Posted by SFI JNU Unit on Monday, November 11, 2019

इस शांतिपूर्ण मार्च को रोकने के लिए पुलिस ने जबरदस्त बल प्रयोग किया, लाठीचार्ज किया जिसमें काम से काम 15 छात्रों के ज़ख़्मी होने की सूचना है।

वहीं छात्रसंघ अध्यक्ष ओईसी घोष सहित करीब 100 छात्रों को हिरासत में लिया था पुलिस ने। हालांकि देर शाम उन सभी को रिहा कर दिए जाने की खबर हैं।घायल छात्रों का अस्पतालों में इलाज चल रहा है।

पुलिस का कहना है कि उसने कोई लाठीचार्ज नहीं किया।

तो क्या ये वीडिओ फर्जी है ?

JNu की छात्रसंघ अध्यक्ष Aishe Ghosh के साथ मारपीट

Posted by Naresh Bharukhera on Monday, November 18, 2019

 

नेत्रहीन छात्र पर भी कोई रहम नहीं किया पुलिस ने।

आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने छात्रों पर पुलिस की कार्रवाई की निंदा की है।

शरद यादव ने कहा कि JNU के छात्रों के साथ सरकार का व्यवहार दुर्भाग्यपूर्ण है। इस प्रतिष्ठित इंस्टीट्यूशन में दूर दराज के इलाकों से गरीब छात्र उच्च शिक्षा ग्रहण करने आते हैं और सरकार उनसे यह अधिकार छीनना चाहती है। बढ़ाई हुई फीस को तुरंत वापिस लेनी चाहिए जिससे कि माहौल शांत हो सके।

हालांकि  छात्रों का सोमवार सुबह शुरू हुआ संसद मार्च दिनभर चले बवाल के बाद देर शाम खत्म हो गया। हिरासत में लिए गए छात्रों के रिहा होने के बाद स्टूडेंट्स कैंपस लौट गए हैं। वहीं, जेएनयू छात्रसंघ से जुड़े स्टूडेंट लीडर्स ने मानव संसाधन विकास मंत्रालय के संयुक्त सचिव से मुलाकात की और उन्हें मांग पत्र सौंपा।

किन्तु ,स्टूडेंट काउंसिल के वाइस प्रेसिडेंट साकेत मून ने कहा, ‘विरोध खत्म नहीं हुआ है लेकिन पुलिस द्वारा हिरासत में लिए गए छात्रों को रिहा किए जाने के बाद हम वादे के अनुसार कैंपस लौट रहे हैं। इस विरोध का भविष्य क्या होगा यह संयुक्त सचिव से मुलाकात के बाद ही तय किया जा सकेगा’।


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