चार साल में विज्ञापनों पर 323 करोड़ आवंटित करने वाली रघुबर सरकार को अब आई किसानों की याद


विश्‍वकर्मा द्वारा लगाई गई आरटीआइ में पूछा गया था कि झारखण्‍ड सरकार ने अब तक विज्ञापनों के मद में कितना खर्च किया है


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तीन राज्‍यों में कांग्रेस की जीत के बाद घोषित कर्जमाफी के दबाव में झारखण्‍ड के मुख्‍यमंत्री रघुबर दास ने अपने राज्‍य में किसानों के लिए 2250 करोड़ रुपये की मुख्‍यमंत्री कृषि आशीर्वाद योजना का एलान कर दिया है। इसके तहत खरीफ फसल के लिए प्रतिवर्ष प्रति एकड़ पांच हजार रुपये खर्च करने की बात उन्‍होंने कही है।

यह घोषणा एक ऐसे वक्‍त में आई है जब संयोग से सूचना के अधिकार के तहत किए गए एक आवेदन के जवाब में झारखण्‍ड सरकार ने विज्ञापनों पर किए गए सरकारी आवंटन और खर्च का चौंकाने वाला ब्‍योरा दिया है। झारखण्‍ड के एक्टिविस्‍ट ओंकार विश्‍वकर्मा के आवेदन के जवाब में राज्‍य सरकार ने कहा है कि 2014 से 2019 के बीच भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने विज्ञापनों के लिए कुल 323 करोड़ 76 लाख 81 हजार रुपये का आवंटन किया है। यह आवंटन प्रति वर्ष साठ करोड़ से ज्‍यादा का है।

विश्‍वकर्मा द्वारा लगाई गई आरटीआइ में पूछा गया था कि झारखण्‍ड सरकार ने अब तक विज्ञापनों के मद में कितना खर्च किया है। बीते 17 दिसंबर को मिले जवाब में बताया गया है कि 2014-15 में सरकार ने विज्ञापनों के मद में 40 करोड़ रुपये का आवंटन किया था जो पूरा खर्च हो गया। अगल वित्‍त वर्ष्‍श इस आवंटन को 15 करोड़ बढ़ा दिया गया। इसके बाद फिर से अगले वित्‍त वर्ष में राशि को 15 करोड़ बढ़ाते हुए 70 करोड़ पर ला दिया गया।

2017-18 में यह राशि 8 करोड़ बढ़ाकर 7,76,81000 कर दी गई जिसे पूरा खर्च नहीं किया जा सका है। 2018-19 के लिए विज्ञापनों के मद में 80 करोड़ का आवंटन था जिसमें से 12 दिसंबर 2018 तक अब भी 17 करोड़ बाकी हैं।

इसका मतलब यह बनता है कि वित्‍त मौजूदा वर्ष खत्‍म होने तक अगले तीन महीने में झारखण्‍ड सरकार अपनी योजनाओं के विज्ञापन पर कम से कम 17 करोड़ रुपये खर्च करेगी। जाहिर है इसमें उक्‍त कृषि योजना के विज्ञापन भी बहुतायत में होंगे जिसकी घोषणा मुख्‍यमंत्री रघुवर दास ने की है।

किसानों के लिए 2022 तक 2250 करोड़ रुपये का मतलब प्रतिवर्ष पांच सौ से छह सौ करोड़ के बीच का व्‍यय है। यह अब तक झारखण्‍ड सरकार द्वारा विज्ञापनों पर किए गए व्‍यय से कुछ ही ज्‍यादा होगा जबकि अगले तीन वित्‍त वर्षों के लिए न्यूनतम 80 करोड़ के हिसाब से 250 करोड़ विज्ञापनों के मद में ही जाएंगे।


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