शीर्ष माओवादी नेताओं को पकड़ने के लिए झारखंड सरकार अब उनकी पत्नियों का सहारा लेगी?

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गल्‍फ़ न्‍यूज़ ने माओवादियों से जुड़ी एक ऐसी ख़बर प्रकाशित की है जो कहीं और मौजूद नहीं है। बीती 1 मई को इस समाचार पोर्टल पर लता रानी ने पटना से ख़बर लिखी है कि झारखण्‍ड में माओवादियों के खिलाफ़ दुर्दान्‍त ऑपरेशन चलाने के बाद राज्‍य सरकार अब माओवादियों की पत्नियों को निशाना बना रही है ताकि उनके सहारे माओवादियों तक पहुंचा जा सके।

इस अभियान के तहत राज्‍य सरकार ने शीर्ष माओवादी नेताओं की पत्नियों के सिर पर नकद ईनाम राशि का एलान किया है। पुलिस सूत्रों के हवाले से की गई इस ख़बर में कहा गया है कि शीर्ष माओवादी नेताओं प्रशांत बोस, विवेक उर्फ़ पराग, सुधाकर रेड्डी, विश्‍वनाथ और आप्‍टन की पत्नियां माओवादी संगठनों में स्रिय हैं और उच्‍च पदों पर हैं। इंटेलिजेंस के इनपुट के आधार पर पुलिस ने इन महिलाओं के सिर पर ईनाम रखा है और इनकी सूचना देने वाले के लिए नकद राशि का एलान किया है।

ख़बर के मुताबिक इन महिलाओं के बीच मोस्‍ट वॉन्‍टेड महिला का नाम है शीला जिसके सिर पर एक करोड़ का ईनाम है। शीला माओवादी पार्टी में सेंट्रल कमेटी की सदस्‍य हैं और प्रशांत बोस की पत्‍नी हैं। बोस के सिर पर भी एक करोड़ का इनाम घोषित है।

एक और महिला माओवादी नेता हैं जया उर्फ़ चिंता जिनके सरि पर 25 लाख का ईनाम घोषित है। वे विवेक उर्फ़ पराग की पत्‍नी हैं और स्‍पेशल एरिया कमेटी (उत्‍तर-पूर्वी झारखंड) की सदस्‍य हैं। पराग के उुपर एक करोड़ का ईनाम है।

ख़बर में झारखंड क्षेत्र की ज़ोनल कमांडर पूनम का भी नाम शामिल है जिसके सिर पर दस लाख का ईनाम है। वे माओवादी नेता विश्‍वनाथ की पत्‍नी हैं।

ऐसा पहली बार हो रहा है कि किसी सरकार ने महिला माओवादियों के सिर पर ईनाम राशि घोषित की है और उनके सहारे उनके पतियों को पकड़ने का अभियान शुरू किया है। अगर यह ख़बर सही है, तो एक नए चलन की शुरुआत इसे माना जा सकता है हालांकि गल्‍फ़ न्‍यूज़ के अलावा और कहीं घरेलू मीडिया में इस बारे में रत्‍ती भर सूचना नहीं है।


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