मानव जाति बचाने को बना ‘प्रोग्रेसिव इंटरनेशनल’, उद्घाटन आज

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कुमार मुकेश

 

विश्व के जाने-माने राजनीतिक चिन्तक नॉम चोम्स्की ने कहा है कि आज दुनिया के सामने दो ही विकल्प हैं: अन्तर्राष्ट्रीयवाद को अपनाना या फिर मानव-जाति का विलुप्त होना.  इसी सवाल को लेकर दुनिया भर के प्रगतिशील लोग साथ आ रहे हैं। इसी मक़सद से “प्रोग्रेसिव इंटरनेशनल” का गठन किया गया है जिसका आज उद्घाटन होगा। उद्घाटन सत्र में चर्चा का विषय है  “इंटरनेश्नलिस्म और एक्सटिंकशन।”

आइसलैंड की प्रधान मंत्री कैटरीन जकोब्स्दोतिर; युगांडा की जलवायु कार्यकर्ता वैनेसा नाकटे; ग्रीक सांसद और DiEM 25  के सह-संस्थापक यानिस वरफाकिस; ग्वाटेमाला की  मानवाधिकार और तकनीकी वकील रेनाटा वीला; और केन्या की लेखिका और राजनीतिक विश्लेषक नंजला न्याबोला इस उद्घाटन सत्र को संबोधित करेंगें. 


क्या है प्रोग्रेसिव इंटरनेशनल 

कोविद-19 की महामारी के बीच विश्व भर की प्रगतिशील ताकतों ने एक अंतर्राष्ट्रीय मंच आरम्भ किया है, जिसका नाम है “प्रोग्रेसिव इंटरनेशनल”.

दिसंबर 2018 में, ग्रीस के पूर्व वित्त मंत्री यानिस वरौफकिस के नेतृत्व में “डेमोक्रेसी इन यूरोप” आन्दोलन और स्वतंत्र अमेरिकी सीनेटर और डेमोक्रेटिक पार्टी से राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार रहे बर्नी सैंडर्स के नेतृत्व में सैंडर्स इंस्टीट्यूट ने दुनिया में प्रगतिशील ताकतों को एकजुट होने का आह्वान किया था. 

इसी आह्वान के उत्तर में इसी 11 मई को “प्रोग्रेसिव इंटरनेशनल” का उदय हुआ। स्थापना के पश्चात “प्रोग्रेसिव इंटरनेशनल” ने एक बयान में कहा, “एक वैश्विक संघर्ष जारी  है, जिसके व्यापक परिणाम होंगे, और आज इस ग्रह का भविष्य दांव पर लगा है.”

इस नए वैश्विक मोर्चे में नॉम  चोमस्की सहित विश्व भर के अनेक प्रगतिशील बुद्धिजीवी, कार्यकर्ता और राजनेता शामिल हैं. इसकी अंतरिम काउन्सिल में भारत से  अरुणा रॉय, अरुंधति रॉय, हर्ष मंदर, ज्यां ड्रेज़ और सारिका सिन्हा भी हैं। 

नॉम चोमस्की सहित कई विश्वविख्यात चिंतक, राजनेता, कार्यकर्ता, लेखक भी “प्रोग्रेसिव इंटरनेशनल” के भागीदार हैं. लेटिन अमेरिका से, इक्वेडोर के पूर्व राष्ट्रपति राफेल कोरीया, ब्राजील के पूर्व राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार फर्नांडो हदद,  ब्राजील के पूर्व विदेश मंत्री सेलसो अमोरिम, बोलीविया के पूर्व उप-राष्ट्रपति अलवारो गार्सिया लिनेरा जैसे राजनीतिक नेता इस मंच के संस्थापक सदस्य हैं।

“प्रोग्रेसिव इंटरनेशनल” के संयोजक डेविड बॉलर ने बताया  कि आज से पूर्व अंतरराष्ट्रीय एकजुटता की इससे अधिक आवश्यकता और इतनी अनुपस्थिति कभी महसूस  नहीं की गई. एक साझा अंतरराष्ट्रीय मोर्चा ही इस दौर के संकटों से मिलकर जूझ सकता है,  और हम सब मिलकर ही अपनी ही संस्थाओं पर पुनः अपना हक़ पाकर दिन ब दिन बढ़ते सत्तावादी राष्ट्रवाद को हरा सकते हैं। 

“प्रोग्रेसिव इंटरनेशनल” तीन स्तरों पर कार्य करेगा. 

आंदोलन स्तम्भ : 

दुनिया भर से कार्यकर्ताओं को जुटाना, उन्हें इस पहल से जोड़ना और उनका समर्थन करना. इस स्तम्भ के माध्यम से एक वैश्विक नेटवर्क विकसित किया जाएगा जो विभिन्न देशों के कार्यकर्ताओं के साथ समन्वय स्थापित करने का कार्य करेगा। कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षण एवं अन्य सहयोग सामग्री उपलब्ध कराना भी इसी स्तम्भ का कार्य होगा. 

ब्लूप्रिंट स्तम्भ:

प्रगतिशील अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था के सिद्धांतों और नीतियों का ब्लूप्रिंट विकसित करने के उद्देश्य से कार्यकर्ताओं, विचारकों और चिकित्सकों का मंच 

वायर स्तम्भ: 

प्रगतिशील मीडिया आउटलेट्स का गठबंधन, जिसका कार्य जमीनी स्तर की कहानियों को रिपोर्ट करने और दुनिया भर के दृष्टिकोण साझा करना होगा।

“ प्रोग्रेसिव इंटरनेशनल” के प्रवक्ता के अनुसार, ”यह मंच एक ऐसी दुनिया की आकांक्षा करता है जिसमें कोई उपनिवेश न हो, जिसमें सभी देश मिलकर अपना सामूहिक भाग्य मिलकर तय करें. एकजुट विश्व, जहाँ एक देश का संघर्ष प्रत्येक का संघर्ष हो; एक उत्तर-पूंजीवादी विश्व जिसमें हर प्रकार का श्रम पुरुस्कृत हो; एक बहुलतावादी दुनिया जहाँ परस्पर अंतरों को शक्ति के तौर पर सम्मान मिले,  जहाँ सीमाओं का सम्मान और सीमावर्ती समुदायों की रक्षा का भाव हो, और एक ऐसा विश्व जिसमें मानव समाज का प्रकृति की अन्य चीजों के साथ सद्भाव का सम्बन्ध हो।


कुमार मुकेश चर्चित लेखक और सामाजिक कार्यकर्ता हैं।

 

 

 

 

 


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