जहानाबाद: दुर्गापूजा पर हुआ सांप्रदायिक टकराव मीडिया के लिए स्टोरी क्यों नहीं है?



एक साधारण सूचना शेयर कर रहा हूँ. यह कि बिहार के जहानाबाद में मूर्ति विसर्जन के दौरान सांप्रदायिक दंगा हुआ. वही ट्रेंड दुहराया गया. किसी ने देवी प्रतिमा को क्षतिग्रस्त किया. ऑफ कोर्स आरोप मुसलमानों पर है.

दंगे में करीब दस-बारह दुकान लूट लिए गए. कथित तौर पर ज्यादातर दुकान मुसलमानों के थे जो लूटे गए. इनमें दवा दुकान, किराना स्टोर और होलसेल दुकानें थी. पुलिस ने दोनों तरफ से लड़कों को उठाया है. हालांकि दोनों पक्षों ने एक पक्ष बहुत ईमानदारी से बताया. यह कि पुलिस की भूमिका संदिग्ध थी. मूर्ति विसर्जन का विवाद जब बढ़ रहा था तो पुलिस तमाशबीन बनी रही. इन्हीं लोगों ने बताया कि पुलिस ने इन्हें बताया कि उन्हें कार्रवाई करने का ऊपर से ऑडर नहीं है. ऊपर कौन होता है? भगवान!

दो और एनेक्डोट है. घटना के लगभग तीन दिन पहले (सप्तमी को) किसी देवी मंदिर के बाहर मांस का लोथड़ा पड़ा मिला था. स्थानीय लोग बताते हैं कि वह मांस का लोथड़ा जिस शख्स ने रखा था वह हिंदू ही था. मामला तब दब गया था. पुलिस ने मंदिर की सीसीटीवी से चिन्हित कर आरोपी को पकड़ लिया था. दूसरा कि मूर्ति विसर्जन का विवाद जहानाबाद के अलावा गया और नवादा में भी हुआ. गया में कुछ लोग जिनकी दुकानें छत्ता मस्जिद के आसपास हैं उन्होंने बताया कि जब मूर्ति मस्जिद के पास से गुजर रहा था तो पाकिस्तान पर चढ़ाई और ‘मुल्लों’ को सबक सिखाने वाले गाने डीजे पर बज रहे थे. कुछ लड़के जोश में मस्जिद में घुसकर मोदी जिंदाबाद और पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे लगाने लगे. यह सब पढ़ने के पहले कथित लगा लीजिएगा. मैं इसकी पुष्टि नहीं कर सकता. गया में प्रशासन ने मुस्तैदी से काम लिया और स्थिति को कंट्रोल कर लिया गया.

फिलहाल जहानाबाद में कर्फ्यू जैसी स्थिति है. पुलिस और रैपिड एक्शन फोर्स तैनात है. स्थानीय रिपोर्टरों के मुताबिक इस दंगे में एक व्यक्ति की जान गई है. दो दर्जन लोग घायल हैं. तीन दिन इंटरनेट भी बंद रहा था जहानाबाद में. फोन चल रहे थे. शुक्रवार की रात पलामू एक्सप्रेस पर जहानाबाद के पास पत्थरबाजी हुई. सुरक्षा की दृष्टि से जब भी इन दिनों गाड़ियां जहानाबाद से गुजरती हैं तो पुलिस खिड़की के शीशे गिरवा देती है. स्थिति अभी भी तनावपूर्ण है.

मैंने अपने सिरे से कोशिश कि यह स्टोरी करूं. तीन संस्थानों ने आइडिया रिजेक्ट कर दिया. मैं ये अब फेसबुक पर लिखकर खुद को इस खबर से मुक्त कर रहा हूँ.