एयर इंडिया: सौ फीसदी हिस्सेदारी बेचेगी सरकार

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मोदी सरकार ने कर्ज में डूबी एयर इंडिया में 100 फीसदी हिस्सेदारी बेचने के लिए बोली मंगाई है. सरकार ने एयर इंडिया में 100 फीसदी हिस्सेदारी बेचने का फैसला किया है.गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में बने एक मंत्री समूह ने 7 जनवरी को इस सरकारी विमानन कंपनी के निजीकरण से जुड़े प्रस्ताव को मंजूरी दी थी. सरकार ने 17 मार्च तक एयर इंडिया के लिए बोली लगाई जा सकती है.

एयर इंडिया पर कुल 60,074 करोड़ रुपए का कर्ज है.योग्य बोलीदाताओं की जानकारी 31 मार्च को दी जाएगी.सरकार की ओर से जारी बिड डॉक्यूमेंट के मुताबिक एअर इंडिया एक्सप्रेस की 100 फीसदी हिस्सेदारी बेची जाएगी.

इसके अलावा एअर इंडिया और SATS की जॉइंट वेंचर कंपनी AISATS में एअर इंडिया की 50 फीसदी हिस्सेदारी बेची जाएगी. एअर इंडिया का मैनेजमेंट कंट्रोल भी बोली जीतने वाली कंपनी को मिल जाएगा.

सरकार के इस फैसले को बीजेपी के ही नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने इसे ‘एंटी नेशनल’ यानी राष्ट्र विरोधी कहते हुए इसके खिलाफ कोर्ट जाने की धमकी दी है.

ट्विटर पर एक यूजर ने स्वामी से सवाल किया कि एयर इंडिया घाटे में है. सिर्फ नेताओं के आराम के लिए ऐसी कंपनियों में टैक्सपेयर का पैसा क्यों लगना चाहिए? इस पर स्वामी ने जवाब दिया- बजट भी घाटे में है, तो फिर सरकार की नीलामी क्यों नहीं करते?

सुब्रमण्यम स्वामी एअर इंडिया को लेकर बोली प्रक्रिया के लिए उठाए गए कदम के खिलाफ पहले भी चेतावनी दे चुके हैं.

नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने सोमवार को जैसे ही यह ऐलान किया, स्वामी भड़क गए. उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा, ‘ये डील पूरी तरह राष्ट्रविरोधी है और मैं इसके खिलाफ कोर्ट जाने के लिए बाध्य हूं. हमलोग अपने परिवार के रत्न को नहीं बेच सकते.’


साल 2018 में भी सरकार एयर इंडिया को बेचने की कोशिश कर चुकी है लेकिन उस वक्त एक भी खरीदार नहीं मिला था. पिछले प्रयास में सरकार ने 76 फीसदी ही बेचने का फैसला किया था. माना जा रहा है कि उस वक्त एक भी खरीददार ना मिलने के कारण ही सरकार इस बार 100% हिस्सेदारी बेचने का प्रस्ताव लेकर आई है.


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