भीम आर्मी नेता की हत्या में फूलने देवी का क़ातिल नामज़द, पूर्व I.G ने कहा योगी ज़िम्मदार

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मीडिया विजिल ब्यूरो

 

सहारनपुर में भीम सेना के ज़िलाध्यक्ष कमल वालिया के भाई और भीम आर्मी के मीडिया प्रभारी सचिन वालिया की हत्या में फूलनदेवी के क़ातिल शेर सिंह राणा समेत चार लोगों को नामज़द किया गया है। उधऱ, पूर्व पुलिस महानिरीक्षक और जनमंच के संयोजक एस.आर.दारापुरी ने दलितों पर हो रही हिंसा के लिए यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को ज़िम्मेदार ठहराया है। उन्होंने सहारनपुर के ज़िलाधिकारी को निलंबित करने की माँग भी की है।

ग़ौरतलब है कि कल यानी 9 मई को सचिन वालिया की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। परिजनों ने इसका इल्ज़ाम सीधे फूलन देवी के कातिल शेरसिंह राणा सहित पर लगाया है। शेर सिंह राणा राजपूत महासभा से जुड़ा है और पीड़ित परिवार के मुताबिक वह बुधवार को महाराणा प्रताप जयंती समारोह में शिरकत करने आया था। पिछले साल शब्बीरपुर में हुई हिंसा में उसका नाम आया था।

 

जनमंच की ओर से जारी एस.आर.दारापुरी के बयान में कहा गया है कि भीम आर्मी के मीडिया प्रभारी सचिन वालिया को गोली लगने की परिस्थितियाँ जिला प्रशासन ने स्वयं पैदा कीं थीं।  भीम आर्मी के सदस्यों को ‘देख लेने’ की धमकियाँ लगातार मिल रहीं थीं जिसकी सूचना प्रशासन को बराबर दी जा रही थी। भीम आर्मी ने महाराणा प्रताप जयंती पर हिंसा होने की आशंका व्यक्त की थी तथा जिला प्रशासन से जुलूस आदि निकालने की अनुमति न देने का अनुरोध किया था, इसके बावजूद जुलूस निकालने की अनुमति दी गई, जिसका परिणाम सबके सामने है। 

दारापुरी के मुताबिक, पिछले वर्ष भी इसी प्रकार महराणा प्रताप जयंती के जुलूस को लेकर शब्बीरपुर में दलितों पर हिंसा हुई थी। अतः यह अपेक्षित था कि गत वर्ष के अनुभव,भीम आर्मी को धमकियों और राजपूतों द्वारा जुलूस निकालने की अनुमति न देने के अनुरोध के परिपेक्ष्य में इस वर्ष  जुलूस निकालने की अनुमति नहीं दी जाती। इसके बावजूद राजपूतों को जुलूस निकालने की अनुमति दी गई जिसके दौरान सचिन वालिया को गोली मार दी गयी जिसके लिए जिला अधिकारी सीधे तौर पर ज़िम्मेदार है.

जनमंच ने मांग की है कि तनावपूर्ण  परिस्थितियों में जुलूस की अनुमति देने वाले जिला अधिकारी को तुरंत हटाया जाये और उसे निलंबित किया जाये।  सचिन वालिया की हत्या के लिए दोषी चारों नामज़द अभियुक्तों को शीघ्र गिरफ्तार किया जाये तथा वालिया के परिवार को 20 लाख का मुयावज़ा दिया जाये। साथ ही भीम आर्मी के सदस्यों को उचित सुरक्षा प्रदान की जाये ताकि कोई अप्रिय घटना न घटे।

 



 


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