श्रीनगर में राइज़िग कश्मीर के संपादक शुजात बुखारी की हत्या

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कश्मीर के वरिष्ठ पत्रकार और राइसिंग कश्मीर के संपादक शुजात बुखारी की 14 जून की शाम अज्ञात हमलावरों ने गोली मार कर हत्या कर दी। इस हमले में उनके दोनों सुरक्षागार्डों (पीएसओ) की भी मौत हुई है। यह हमला शाम करीब सात बजे हुआ जब वे श्रीनगर के लालचौक सिटी सेंटर स्थित अपने दफ्तर से निकालकर एक इफ्तार पार्टी मे जा रहे थे। ख़बर है कि वे जैसे वे प्रेस एन्क्लेव से अपनी गाड़ी से निकले, तीन-चार हमलावरों ने घेरकर  बेहद करीब से अंधाधुंध गोलियाँ चलाईं और फ़रार हो गए।

51 वर्षीय शुजात बुखारी कश्मीर की हकीकत को सामने लाने वाले निर्भीक पत्रकार माने जाते थे। उन पर सन 2000 में भी हमला हुआ था जिसके बाद उन्हें सुरक्षा मुहैया कराई गई थी। राइज़िंग कश्मीर से पहले शुजात बुखारी 1997 से 2012 तक कश्मीर में “द हिंदू” के संवाददाता थे। हाल के दिनों में वे कश्मीर में शांति बहाली के प्रयासों में भी सक्रिय थे।

मुख्यमंत्री महबूबा मुफ़्ती ने इस घटना पर गहरा शोक जताया है।

उधर, पत्रकार संगठनों ने भी शुजात बुखारी की हत्या शोक जताते हुए इसे पत्रकारिता पर किया गया हमला करार दिया है। प्रेस क्लब ऑफ इंडिया के अध्यक्ष गौतम लाहिड़ी और महासचिव विनय कुमार की ओर से जारी बयान में इस हत्याकांड की निंदा करते हुए शुजात बुखारी को अव्वल दर्जे का प्रोफेशनल पत्रकार बताया गया है जिन्होंने अपनी रपटों के जरिये कश्मीर के हालात को देश-दुनिया के सामने रखा।

बयान में कहा गया है कि इस घटना ने फिर साबित किया है कि पत्रकारों की जिंदगी सुरक्षित नहीं है। शांति के दुश्मनों ने कश्मीर में अमन के लिए काम कर रही एक तार्किक आवाज़ को ख़ामोश कर दिया।

प्रेस एसोसिएशन और इंडियन वीमेन प्रेस कार्प ने भी शुजात की हत्या की कठोर निंदा करते हुए सरकार से उनके कातिलों की पहिचान कर उन्हें दंडित करने की मांग की है।

शुजात बुखारी ने गुरुवार को अपने आखिरी ट्वीट में जो लिखा था,वह उनकी पहचान थी। उन्होंने लिखा-

“कश्मीर में हमने गर्व के साथ पत्रकारिता की है और यहां पर जो भी हो रहा है उसे लोगों के सामने लाते रहेंगे’.

ख़बर लिखे जाने तक किसी ने भी शुजात बुखारी की हत्या की ज़िम्मेदारी नहीं ली है। जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और गृहमंत्री राजनाथ सिंह और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी ने भी शुजात बुखारी की हत्या  पर गहरा शोक जताते हुए उन्हें बहादुर पत्रकार बताया है।

शुजात बुखारी के साथ मरने वाले सुरक्षागार्डों का नाम हामिद चौधरी और मुमताज़ अवान है। चौधरी की मौके पर ही मौत हो गई थी जबकि मुमताज़ ने बाद में अस्पताल में दम तोड़ा। दोनों ही कुपवाड़ा के रहने वाले थे।

 



 


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