हरियाणा में एक बार फिर मनोहर लाल खट्टर के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनने जा रही है। इस सरकार में दुष्यन्त चौटाला उपमुख्यमंत्री होंगे। शुक्रवार देर शाम गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात करने के बाद चौटाला ने यह सौदा पटाया। चौटाला की जेजेपी के भाजपा को समर्थन से हरियाणा का जाट वोटर बहुत नाराज़ है जिसने भाजपा की नीतियों के खिलाफ जेजेपी को वोट देकर 10 सीटें दिलवायीं।
Dushyant Chautala, JJP leader: To give a stable govt to Haryana it was important for BJP & JJP to come together. I would like to thank Amit Shah ji and Nadda ji.Our party had decided that for the betterment of the state it is important to have a stable govt. #HaryanaAssemblyPolls pic.twitter.com/5YevGNJGdq
— ANI (@ANI) October 25, 2019
पूरे सोशल मीडिया में शुक्रवार शाम से ही जाट वोटरों की नाराज़गी अलग अलग रूप में दिख रही है। वोटर मान रहे हैं कि अपने पिता और दादा को जेल से छुड़वाने के वादे पर दुष्यन्त ने यह डील भाजपा से की है। एक वोटर ने जेजेपी का झंडा जलाते हुए वीडियो ट्विटर पर पोस्ट किया है।
#DushyantChautala’s JJP got anti BJP votes and now is forming government with BJP. This is an insult to JJP’s support base which will diminish rapidly now. This is a blunder by @Dchautala HERE IS RESULT !! pic.twitter.com/AZyZcfA0at
— Dilsedesh (@Dilsedesh) October 25, 2019
Meanwhile my Jat friends reaction over #DushyantChautala decision
अपनी कब्र खुद खोदना pic.twitter.com/CvH2igOTsR
— Yash Gupta (@yashgupta1202) October 25, 2019
जाटों को लग रहा है कि उनके साथ विश्वासघात हो गया। खबर है कि जेजेपी के चार जीते विधायक भी दुष्यन्त के फैसले से नाराज़ हैं। ध्यान रहे कि दुष्यन्त ने चुनाव प्रचार में जम कर खट्टर सरकार और बीजेपी की नीतियों को लताड़ा था जिसके चलते जाट वोटर बड़ी संख्या में उनके साथ आ गए थे।
इस बीच गुड़गांव से देर शाम खबर आयी कि राव इंद्रजीत सिंह कुछ विधायकों को लेकर अंडरग्राउंड हो गये हैं। उनके साथ रामबिलास शर्मा भी हैं। मनोहर लाल खट्टर की राज्यपाल के साथ मुलाकात शुक्रवार शाम तय थी लेकिन दक्षिणी हरियाणा के 11 विधायक बैठक में नहीं आए जिसके चलते बैठक टालनी पड़ी। सूत्रों के मुताबिक हरियाणा भाजपा के भीतर बग़ावत शुरू हो गयी है, हालांकि मीडिया में इस आशय की खबरें नदारद हैं।
फिलहाल स्थिति यह है कि जेजेपी के दस विधायकों और छह निर्दलीय विधायकों के समर्थन से भाजपा ने बहुमत से ज्यादा कुल 56 एमएलए जुटा लिए हैं। सिरसासे जीते गोपाल कांडा पर पार्टी के भीतर विरोध के स्वर उठने पर उन्हें फिलहाल बैकसीट पर ठेल दिया गया है। खबर है कि भाजपा उन्हें कैबिनेट पोस्ट नहीं देगी।
6. गोपाल कांडा बेक़सूर है या अपराधी, यह तो क़ानून साक्ष्यों के आधार पर तय करेगा, किंतु उसका चुनाव जीतना उसे अपराधों से बरी नहीं करता। चुनाव जीतने के बहुत सारे फैक्टर होते हैं।
— Uma Bharti (@umasribharti) October 25, 2019
अटकलें यह भी हैं कि डिप्टी सीएम का पद दुष्यन्त की जगह उनकी मां नैना चौटाला को भी मिल सकता है। नैना चौटाला ने चुनाव प्रचार के दौरान खुल कर कहा था कि बीजेपी से उनकी पार्टी कभी गठबंधन नहीं करेगी। उन्होंने यह भी कहा था दुष्यन्त के डर से ही अमित शाह की रैलियां कैंसिल हो रही हैं। देखिए पुराना वीडियोः
नैना चौटाला, अजय चौटाला की पत्नी हैं और देवीलाल के सियासी खानदान से राजनीति में आने वाली पहली महिला हैं। लोकदल को तोड़कर जेजेपी बनवाने में इनकी बड़ी भूमिका रही है। अब माना जा रहा है कि अजय को जेल से छुड़वाने के लिए ही यह सब खेल रचा गया था। इस आशय की खबरें भी आयी हैं कि अमित शाह ने दुष्यन्त से चुनाव के पहले ही मुलाकात कर के डील पक्की कर ली थी।
दुष्यन्त के भाजपा को समर्थन के कदम को कुछ जानकार उनका राजनीतिक सुसाइड मान रहे हैं। वरिष्ठ पत्रकार शीतल सिंह लिखते हैंः