तीन साल की योगी सरकार में प्रदेश बना लोकतंत्र की कब्रगाह: माले

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भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (माले) की राज्य इकाई ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार के तीन साल पूरे होने पर कहा है कि यह शासनकाल प्रदेश को लोकतंत्र की कब्रगाह बनाने, पुलिस-अपराधी राज कायम करने और महिलाओं समेत कमजोर वर्गों के लिए किसी दुःस्वप्न के रूप में जाना जाएगा.

भाकपा (माले) के राज्य सचिव सुधाकर यादव ने यह बात गुरुवार को यहां प्रदेश मुख्यालय में पार्टी की राज्य स्थाई समिति (स्टैंडिंग कमेटी) की एकदिवसीय बैठक की अध्यक्षता करते हुए कही. उन्होंने कहा कि योगी राज में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमले हुए, असहमति व नागरिक आजादी को रौंदा गया, साम्प्रदायिक भाईचारे को तहस-नहस कर अल्पसंख्यकों को अलगाव में डाला गया, दबंगई को खुली छूट देकर दलितों-आदिवासियों को सताया गया और महिलाओं पर हमले बढ़े. संवैधानिक का मखौल उड़ाकर तानाशाही कायम करने और दमन-उत्पीड़न व बदले की राजनीति ने योगी सरकार को सर्वाधिक कुख्यात बना दिया है.योगी शासन लोकतंत्र के इतिहास का काला अध्याय है.

राज्य सचिव ने कहा कि कोरोना वायरस की आपदा से निपटने के लिए सरकार के स्तर पर वास्तविक तैयारी कम है, लेकिन बयानबाजी ज्यादा है. यदि जनस्वास्थ्य को लेकर इस खतरे के प्रति सरकार संवेदनशील है, तो उसे एक अप्रैल से शुरू होने वाले एनपीआर की कवायद को फौरन रद्द करना चाहिए, क्योंकि इस काम के लिए लोगों तक जाने वाले कर्मी वायरस के संवाहक या उसके शिकार हो सकते हैं. इसे भी समझ लेना होगा कि इस वायरस से समाज यहां तक कि उच्च वर्ग भी तभी सुरक्षित होगा, जब गरीब व मेहनतकश वर्ग भी इस बीमारी से अप्रभावित हो. इसके लिए ग्रामीण इलाकों में डाक्टर व दवाई की चौबीसों घंटे व्यवस्था करने, जिला स्तर पर संक्रमण से प्रभावितों की जांच केंद्र व ब्लॉक स्तर पर सैम्पल कलेक्शन सेंटर खोलने, बड़े पैमाने पर जागरूकता फैलाने, शहरी व ग्रामीण गरीबों के लिए रोजीरोटी, मुफ्त राशन मुहैय्या करने का युद्ध स्तर पर प्रबंध करना होगा, क्योंकि कोरोना आपदा के चलते गरीबों की आजीविका पर संकट पैदा हो गया है.

उन्होंने कहा कि केवल रजिस्टर्ड दिहाड़ी मजदूरों के खाते में आर्थिक सहायता भेजने की सरकारी घोषणा अपर्याप्त है, क्योंकि बड़ी संख्या में गरीब लोग सहायता पाने से वंचित रह जायेंगे. बल्कि गरीबी रेखा के नीचे के सारे परिवारों के इसके दायरे में लाना चाहिए. उन्होंने कहा कि भाकपा (माले) ने भी कोरोना के खतरे को गंभीरता से लेते हुए बड़ी संख्या में जंगोलबन्दी वाले अपने सारे कार्यक्रमों को फिलहाल स्थगित कर गांवों में जागरूकता व बचाव के उपायों को लोगों तक पहुंचाने का कार्यक्रम तय किया है.

बैठक में केंद्रीय समिति सदस्य कृष्णा अधिकारी, ईश्वरी प्रसाद कुशवाहा, खेत व ग्रामीण मजदूर सभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीराम चौधरी, मनीष शर्मा आदि नेताओं ने भाग लिया.


विज्ञप्ति: माले राज्य इकाई द्वारा जारी  


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