जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्रसंघ के चुनाव में लेफ्ट यूनिटी ने सभी चार पदों पर कब्ज़ा कर लिया है. यूनाइटेड लेफ्ट पैनल से एसएफआइ की ओइशी घोष नई जेएनयूएसयू प्रेजिडेंट चुनी गई हैं. उन्होंने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के मनीष जांगिड़ को 1,191 वोटों के अंतर से हराया है.
Left Unity wins all the 4 posts-President,Vice President, Secy&Joint Secy in JNU students' union(JNUSU)elections. Delhi HC had today allowed JNU election committee to declare its results. It had earlier put stay on declaration of results&restrained JNU admn from notifying results pic.twitter.com/5bTIaAirvd
— ANI (@ANI) September 17, 2019
आइसा, एसएफआइ, एआइएसएफ, डीएसएफ की लेफ्ट यूनिटी ने सभी चार पदों- अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, सचिव और संयुक्त सचिव पर जीत दर्ज की है. साकेत मून उपाध्यक्ष, महासचिव पद पर सतीश चंद्र यादव जबकि मोहम्मद दानिश संयुक्त सचिव चुने गए हैं.
Jnu Election Committee will be declaring the final results of JNUSU Elections 2019-20 !#JNUSUelection2019 pic.twitter.com/d9gPdgbyHb
— JNU Voice (@jnu_voice) September 17, 2019
#JNUSUelections2019
Finel ResultPresident – Aishe Ghosh (Left)
Vice President – Saket Moon (Left)
General Secretary – Satish Yadav (Left)
Joint Secretary – Md Danish (Left)#JNUSUresults
— JNU Voice (@jnu_voice) September 8, 2019
इससे पहले दो छात्रों की ओर से दाखिल याचिका पर हाई कोर्ट ने परिणाम पर रोक लगा रखी थी. याचिका में आरोप लगाया गया था कि चुनाव समिति ने लिंगदोह कमेटी की सिफारिशों की अनदेखी करके छात्रसंघ का चुनाव कराया है. फिर हाई कोर्ट ने सोमवार को हुई सुनवाई के दौरान परिणाम घोषित करने की इजाजत दे दी थी.
Left Unity Victory March after the declaration of JNUSU Elections 2019-20 Final Results, Ganga Dhaba to Chandrabhaga Hostel.#JNUSUresults #JNUSUelections2019 pic.twitter.com/dyDKkZueO0
— JNU Voice (@jnu_voice) September 18, 2019
दरअसल जेएनयू के छात्र अंशुमान दुबे और अनुज कुमार द्विवेदी ने याचिका में जेएनयूएसयू का चुनाव लिंग्दोह कमेटी की सिफारिशों के तहत कराने की मांग की थी. इस मामले में दिल्ली हाई कोर्ट ने जेएनयू प्रशासन इलेक्शन कमेटी और मामले से जुड़े सभी पक्षों को इस मामले में अपना जवाब दाखिल करने के लिए निर्देश दिए थे.
कोर्ट ने सोमवार को जेएनयू प्रशासन के जवाब के बाद याचिकाओं को ख़ारिज कर दिया क्योंकि जेएनयू ने कहा कि उम्मीदवारों को चुनाव लड़ने के लिए या तो अनुपयुक्त पाया गया या फिर पीछे उनके खिलाफ की गई अनुशासनात्मक कार्रवाई को उन्होंने छिपाया. कोर्ट ने याचिकाकर्ता को फटकार लगाते हुए कहा कि आपकी जानकारी के बाद हमने चुनाव नतीजों पर रोक लगाई थी लेकिन आपकी जानकारी सही नहीं थी.
JNUSU Zindabad!
Election Results to be DECLARED!
Hon'ble High Court Vindicates JNU Students, JNUSU and JNU EC!
Democracy Wins! JNU WINS!#JNUSUResults pic.twitter.com/FPzrXD0LQ4
— JNU Voice (@jnu_voice) September 17, 2019
जेएनयू छात्रसंघ चुनाव परिणाम की खबर छापने की हड़बड़ी में इंडिया टुडे ने एक गड़बड़ी कर दी. चुनाव परिणामों की खबर में इंडिया टुडे ने लेफ्ट को 2 सीटें, एबीवीपी और बीते वर्ष बने आरजेडी छात्र संघ को 1-1 सीटें दे दी. इस खबर पर टिप्पणी करते हुए दीपांकर पटेल ने फेसबुक पोस्ट पर लिखा है:
इंडिया टुडे के पत्रकार अपना कॉमन सेंस तक भूल चुके हैं. इन्हें अंदाजा भी नहीं कि अगर JNU में ABVP का एक भी कैंडिडेट जीत…
Posted by Deepankar Patel on Tuesday, September 17, 2019
इंडिया टुडे ने बाद में इस खबर को सुधार कर अपडेट कर दिया था.