इंस्टाग्राम बॉयज़ लॉकर रूम स्कैंडल- कहां से आई स्कूली बच्चों में यौन हिंसा की भावना?

आदर्श तिवारी
ख़बर Published On :


फोटो शेयरिंग सोशल मीडिया एप इंस्टाग्राम पर सोमवार 4 मई 2020 को  ट्विटर पर एक हैशटैग ट्रेंड कर रहा था बॉयज_लॉकर_रूम (#Boys_Locker_Room)। ट्रेंड होने की वजह ये थी कि इसी नाम का एक ग्रुप इंस्टाग्राम पर चल रहा था। जिसमें 16 से 17 साल के स्कूली लड़के शामिल हैं। ग्रुप में नाबालिग लड़कियों के साथ ही अन्य महिलाओं की न्यूड तस्वीरें भी शेयर की जाती थीं। इस बात का ख़ुलासा हुआ एक लड़की के सोशल मीडिया एकाउंट से जहाँ रविवार को उसने एक स्टोरी शेयर की। जो बेहद डरावनी और गर्त में जा रहे समाज की सच्चाई बयान करती है। लड़की ने अपने ट्विटर पर जो स्क्रीनशॉट शेयर किया उसमें कुछ लड़के एक लड़की के सामूहिक बलात्कार की बात कर रहे थे। साथ ही लड़की ने लिखा,

“17-18 साल के लड़कों के इस ग्रुप में लड़कियों की फ़ोटो शेयर की जाती है। मेरे स्कूल के भी दो लड़के इस ग्रुप का हिस्सा हैं। मैं और मेरे दोस्त बहुत डर गए हैं। मेरी माँ कह रही है कि मैं इंस्टाग्राम छोड़ दूँ।”

https://twitter.com/gurrrii/status/1256918241546432522

बॉयज लाकर रूम नाम के इस ग्रुप में लड़कियों के शरीर के बारे में बातें होती थीं, उनके रंग को लेकर, लड़कियों के चेहरे को किसी न्यूड फ़ोटो के साथ एडिट करके फ़ोटो शेयर की जाती थीं। उनको लेकर तमाम अश्लील टिप्पणियां की जाती थीं। इस मामले की सबसे भयावह बात ये है कि अधिकतर लड़के नाबालिग हैं। सिर्फ़ 16 से 18 साल के। सोशल मीडिया पर बात आने के बाद दिल्ली महिला आयोग ने इस मामले में स्वतः संज्ञान लेते हुए दिल्ली पुलिस और इंस्टाग्राम को एक नोटिस जारी किया है। साथ ही स्वाति मालीवाल ने एक ट्वीट करके कहा, “इंस्टाग्राम पर बॉयज_लाकर_रूम नाम से एक ग्रुप के स्क्रीनशॉट देखे। ये घिनौनी और अपराधिक मानसिकता का प्रमाण हैं। पुलिस और इंस्टाग्राम को नोटिस जारी कर रहे हैं। ये सब लड़के अरेस्ट होने चाहिए।” दिल्ली पुलिस ने भी इस मामले में केस दर्ज कर लिया है और इन्स्टाग्राम से इस ग्रुप की डिटेल्स मांगी है। साथ ही दिल्ली पुलिस कि साइबर सेल ने भी मामले की जाँच शुरू कर दी है। ख़बरह लिखे जाने तक, दिल्ली के एक नामी स्कूल के एक छात्र को हिरासत में लिया जा चुका था।

 

बॉयज_लॉकर_रूम ग्रुप इस वक्त बंद हो गया है लेकिन कुछ और स्क्रीनशॉट शेयर हुए जहाँ से पता चला है कि कुछ और अलग और नए ग्रुप बना लिए  गए हैं। जिसमें उनके स्क्रीनशॉट शेयर करने वाली लड़कियों से बदला लेने की बात हो रही है।

बॉयज लॉकर रूम नाम का एक और ग्रुप

सोशल मीडिया पर उन लड़कों के नाम भी सामने आये हैं। जब हमने उनको इंस्टाग्राम पर सर्च किया तो वो नहीं मिले। उनमें से एक लड़के ने अपनी इंस्टाग्राम स्टोरी में माफ़ीनामा पोस्ट किया है। उसने लिखा है कि मुझसे भूल हुई है और मैं उसका एहसास कर रहा हूँ। मैं अपने आपको बचाने की स्थिति में नहीं हूँ। मैं अपने द्वारा की गयी गलती की ज़िम्मेदारी लेता हूँ। मैं सबके सामने माफ़ी मांगता हूँ। मैंने जिस किसी को भी शर्मिंदा किया है, मैं उससे माफ़ी मांगने को तैयार हूँ।

बॉयज_लाकर_रूम के ग्रुप के एक सदस्य का माफ़ीनामा

 

इस ग्रुप में की गयी बातें इतनी अश्लील हैं कि हम उसे यहाँ पोस्ट नहीं कर सकते। उस चैट में एक लड़का आँखों से बलात्कार करने की बात कहता है। ये बात उसके दिमाग में भरी गंदगी को भी सामने ले आती है लेकिन उसी समय भाजपा के कपिल मिश्रा का एक ट्वीट सामने आता है। जिसमें वो कांग्रेस नेता सलमान निज़ामी के एक ट्वीट का जवाब देते हुए कहते हैं कि सफूरा जरगर की प्रेगनेंसी को मेरे भाषण से न जोड़ें, ये उस तरह से काम नहीं करता। कपिल मिश्रा के ट्विटर पर 8 लाख फ़ॉलोवर हैं।

बता दें कि सफूरा जरगर सोशल एक्टिविस्ट हैं और इस समय गर्भवती हैं। सफूरा को पुलिस द्वारा गिरफ़्तार किया गया है। उन पर दिल्ली में नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में प्रदर्शन के दौरान प्रदर्शनकारियों को उकसाने का आरोप है। कपिल मिश्रा के इस ट्वीट के बाद, ट्विटर पर सफ़ूरा के गर्भवती होने को लेकर न केवल फ़ेक न्यूज़ बल्कि उससे भी बढ़कर बेहद अश्लील और आपत्तिजनक चरित्र हनन वाली ट्वीट्स का सिलसिला शुरु हो गया। इनमें से कोई भी ट्वीट हम यहां साझा नहीं कर रहे हैं पर ये ज़रूर बताना चाहेंगे कि ये ट्वीट्स ख़ुद को देशभक्त, धार्मिक और संस्कारी बताने वाले लोगों ने किए और ये सभी एक विशेष राजनैतिक दल के समर्थक हैं।

दूसरी ख़बर को पहली के साथ साझा करने का मक़सद ये है कि आप और हम समझें कि हमारे बच्चे क्या कहीं, आगे जाकर किसी कपिल मिश्रा या उनके ट्वीट के बाद अश्लीलता की सारी हदें पार कर के, एक महिला का सार्वजनिक तिरस्कार करते हैं – वो भी सिर्फ इसलिए क्योंकि वो उनके विचार से इत्तेफाक नहीं रखती? क्या हमारे बच्चे महिला विरोधी ही नहीं, बल्कि महिलाओं के ख़िलाफ़ हिंसा का विचार रखने वाले होते जा रहे हैं? क्योंकि हम जब कपिल मिश्रा या ऐसे अन्य राजनेताओं या व्यक्तियों का समर्थन करते सार्वजनिक तौर पर दिखते हैं, तो हम कैसे अपने बच्चों को उनके जैसा बनने से बचा सकेंगे। 

इससे भी अहम ये कि हमको अपने बच्चों की सर्विलांस भले ही हद से अधिक नहीं करनी चाहिए लेकिन हमको सतर्क रहना होगा। ओवर पेरेंटिंग न करते हुए भी, हमको ये तो पता ही होना चाहिए कि हमारे बच्चे क्या कर रहे हैं, क्या पढ़ रहे हैं, क्या देख रहे हैं और किस से मिल रहे हैं। ख़ासतौर पर हमको उनकी इंटरनेट यूज़ेज हैबिट्स पर ध्यान देना होगा।इस इसलिए नहीं कि हमको उन पर पूरी तरह से क़ाबू पा लेना है, बल्कि इसलिए कि न केवल वो आज़ाद सोच हासिल करें पर हमको ये पता हो कि कहीं वो मानसिक रूप से किसी विकृति की ओर तो नहीं बढ़ रहे हैं। और हां, सेक्सिस्ट भाषा और हरक़तों वाले रिश्तेदारों, दोस्तों और राजनेताओं को बच्चों के सामने या अपने लिए हीरो की तरह देखना छोड़ देना होगा।

 

 


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