केंद्र ने भीमा-कोरेगांव केस NIA को सौंप दिया, महाराष्ट्र सरकार ने कहा-फैसला असंवैधानिक

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केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने भीमा-कोरेगांव केस को राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी (एनआइए) को सौंप दिया है. एक दिन पहले ही महाराष्ट्र सरकार ने साल 2018 में हुए भीमा-कोरेगांव हिंसा की समीक्षा का फैसला लिया था.

केंद्र के इस फैसले की महाराष्ट्र सरकार ने निंदा की. फैसले पर एतराज जताते हुए महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने कहा कि इस बारे में राज्य सरकार से पूछा तक नहीं गया. उन्होंने ट्वीट किया कि जब राज्य सरकार इस मामले की तह में जा रही थी, तब ये फ़ैसला किया गया.

महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख ने केंद्र की इस फैसले की निंदा करते हुए कहा है कि राज्य सरकार की सहमती के बिना इस तरह का निर्णय लेना गलत है. यह फैसला संविधान के खिलाफ है.

केंद्र का यह फैसला महाराष्ट्र सरकार द्वारा भीमा कोरेगांव मामले को लेकर समीक्षा बैठक के एक दिन बाद आया है. गुरुवार को उपमुख्यमंत्री अजित पवार और गृहमंत्री अनिल देशमुख ने भीमा कोरेगांव मामले की अधिकारियों के साथ समीक्षा की थी.

गृहमंत्री अनिल देशमुख ने बताया कि भीमा कोरेगांव मामले की समीक्षा बैठक में कुछ केस वापस लिए जाने और पूरे मामले की एसआईटी द्वारा जांच कराए जाने पर चर्चा हुई थी. अब केंद्र और राज्य में बीच इस मामले को लेकर खींचतान बढ़ सकती है.

बीते साल अगस्त और सितंबर में 10 सामाजिक कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया था.इस मामले में अरुण थॉमस फेरेरिया, रोना जैकब विल्सन, सुधीर प्रल्हाद धवले समेत 19 आरोपी हैं.


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